“भक्तिन” पाठ में मूलत: किन सामाजिक समस्याओं का उल्लेख किया गया है – अशिक्षा अंधविश्वास , विधवा समस्या व लड़के और लड़कियों में भेदभाव भक्तिन , महादेवी वर्माजी से कितने वर्ष बड़ी थी – लगभग 25 वर्षमहादेवी वर्मा जी ने भक्तिन के जीवन को कितने परिच्छेदों (भागों) में विभक्त किया है – 4भक्तिन पाठ के आधार पर पंचायतों की क्या तस्वीर उभरती है – पंचायतें गूंगी , लाचार और अयोग्य थी।भक्तिन कौन थी – महादेवी वर्मा जी की देहाती सेविका भक्तिन का वास्तविक नाम क्या था – लछमिन (लक्ष्मी)भक्तिन का शूरवीर पिता किस गांव का रहने वाला था – झूसी भक्तिन का विवाह किस गांव में हुआ था – हँडियाभक्तिन का विवाह किस आयु में हुआ था – 5भक्तिन का गौना किस उम्र में हुआ था – नौ वर्ष (9)भक्तिन की कितनी जेठानियाँ थी – दोभक्तिन का कद व आंखें कैसी थी – छोटी आंखें , छोटा कदभक्ति के पति की मृत्यु के समय , भक्तिन की उम्र कितनी थी – 29 वर्षभक्तिन के पति की मृत्यु किस उम्र में हुई – 36 वर्ष में“तुषारपात” का शाब्दिक अर्थ क्या है – ओले गिरनाभक्तिन की कितनी बेटियां थी – 3भक्तिन की विशेषताएं बताइए – वह परिश्रमी व स्वाभिमानी सेविका थीभक्तिन में कौन सा भाव प्रबल था – स्वाभिमानपाठ के अनुसार “खोटे सिक्कों की टकसाल” का क्या अर्थ है – कन्याओं को जन्म देने वाली महिला या पत्नीपाठ में “खोटे सिक्कों की टकसाल” किसे कहा गया है – भक्तिन कोभक्तिन का (लछमिन से भक्तिन) नामकरण किसने किया – महादेवी वर्मा महादेवी वर्माजी ने लछमिन को “भक्तिन” कहना क्यों आरंभ कर दिया – उसके गले में कंठी माला देखकरभक्तिन ने लेखिका से क्या प्रार्थना की – उसे उसके वास्तविक नाम (लछमिन) से न बुलाने कीलछमिन ने लेखिका से उसका असली नाम न प्रयोग करने की विनती क्यों की – क्योंकि वह अपने नाम के विपरीत बहुत गरीब थी“वह अपना समृद्धि सूचक नाम किसी को बताना नहीं चाहती थी”। यहां किस नाम को समृद्धि सूचक कहा गया है – लक्ष्मी (धन की देवी)भक्तिन किसके लिए लड़ाई लड़ती रहती थी – अपनी बेटियों के हक के लिएभक्तिन किस प्रकार का भोजन बनाती थी – सीधा – साधा , सरल व सात्विकउसे किसी अन्य का कहां आना पसंद नहीं था – अपनी रसोई घर मेंभक्तिन किसके समान लेखिका के साथ लगी रहती थी – छाया के समानससुराल में भक्तिन के साथ उसके पति का व्यवहार कैसा था – बहुत अच्छाभक्तिन घरवालों की उपेक्षा के बाद भी “सौभाग्यशाली” क्यों थी – क्योंकि उसका पति उसे कभी डाँटता या उसके साथ अभद्र व्यवहार नहीं करता था।भक्तिन अपने पति को क्या संबोधन कर याद करती थी – बुढ़ऊ“वह बड़े बाप की , बड़ी बात वाली बेटी को पहचानता था” , यह कथन किसके लिए कहा है – भक्तिन के पति के लिएजेठानिया , भक्तिन के साथ कैसा व्यवहार करती थी – क्रूरता भराभक्तिन को दूसरा विवाह करने के लिए कौन उकसाता था – जेठ – जेठानी भक्तिन के ससुराल वालों ने उसके पति की मृत्यु के बाद , उसे पुनर्विवाह करने के लिए क्यों कहा – ताकि वो भक्तिन का घर , जमीन व संपत्ति हड़प सकेंहमारा समाज विधवाओं के साथ कैसा व्यवहार करता है – असम्मान पूर्णतीन -तीन कमाऊ वीरों की विधात्री (जन्म देने वाली मां) बनकर मचिया के ऊपर पुरखिन (बुजुर्ग पूर्वज महिला) बनकर कौन विराजमान रहती थी – भक्तिन की सासभक्तिन की जेठानियाँ आपस में बैठकर कैसी चर्चा करती थी – लोक चर्चा भक्तिन के हरे – भरे खेत , मोटी ताजी गाय – भैंस और फलों से लदे पेड़ों को देखकर किसके मुंह में पानी आ जाता था – जेठ -जेठानी सास ने भक्तिन को , उसके पिता की मृत्यु की खबर क्यों नहीं दी- रोने धोने के अपशकुन से बचने के लिएभक्तिन के आने के बाद , महादेवी वर्मा अपने आपको क्या मानने लगी थी – देहातीभक्तिन का परम कर्तव्य क्या था – हर प्रकार से लेखिका को खुश रखनासेवक धर्म में भक्तिन की तुलना किससे की गई है- हनुमान जी सेभक्तिन के संदर्भ में हनुमान जी का उल्लेख क्यों हुआ है – सेवा भाव के लिएलेखिका को भक्तिन क्या मानने लगी थी – अपनी संरक्षिकाभक्तिन , लेखिका को बिना बताएं घर में बिखरे हुए पैसों को उठाकर कहां रख देती थी – भंडार गृह की मटकी मेंकिस रहस्य के बारे में पूछे जाने पर वह शास्त्रार्थ की चुनौती दे डालती थी – इधर -उधर पड़े पैसों को भंडार गृह की मटकी में रखने के संबंध मेंभक्तिन के शास्त्रार्थ की चुनौती को स्वीकार करना , किसके लिए भी संभव नहीं था – तर्क शिरोमणि के लिएभक्तिन को किस बात का दुःख होता था – चित्रकला और कविता लिखने के दौरान लेखिका की किसी प्रकार की कोई सहायता न कर पाने कालेखिका के देर रात तक काम करते वक्त , भक्तिन कहां बैठी रहती थी – जमीन में दरी बिछा कर लेखिका के देर रात तक काम करते वक्त , भक्तिन उनके सामने बैठकर क्या करती थी – उन्हें क्रियात्मक सहयोग देती थीलेखिका का भक्तिन के साथ किस प्रकार का संबंध बन गया था – लेखिका ने भक्तिन को अपने ही परिवार का सदस्य मान लिया थाभक्तिन धीरे-धीरे लेखिका को किस तरह लगने लगी – एक अभिभावक की तरहअजिया ससुर किसे कहते हैं – पति के दादा कोभक्तिन बिना पढ़े ही , पढ़ने वालों की क्या बन गई थी – गुरुभक्तिन , लेखिका को कैसी चाय बना कर देती थी – तुलसी कीभक्तिन लेखिका को दही का शरबत या तुलसी की चाय कब बना कर देती थी – जब वह बहुत व्यस्त होती थीकिस बेटी के पति को भक्तिन ने घर दामाद बनाया – बड़ी बेटी केबड़े दामाद की मृत्यु के बाद , जिठौत ने भक्तिन की बेटी से विवाह करने के लिए किसे बुलाया – अपने तीतर लड़ाने वाले साले को युवक (जिठौत के साले) के गाल पर युवती (भक्तिन की बेटी) के पांच अंगुलियों के निशान किस बात के गवाह थे – तीतर बाज युवक दोषी थाभक्तिन की विधवा बेटी के न चाहने पर भी उसका दूसरा विवाह कैसे हुआ – धोखे सेभक्तिन की बेटी और जेठ के साले के लिए पंचों ने क्या फैसला सुनाया – दोनों को पति पत्नी मानाभक्तिन की बेटी के संबंध में पंचों का फैसला कैसा था – दुर्भाग्यपूर्ण , अन्यायपूर्ण और एक तरफाबेमेल विवाह का क्या परिणाम हुआ – दोनों में अनबन का कारण बनाबेटी के दूसरे विवाह के बाद , भक्तिन की आर्थिक स्थिति कैसी हो गई थी – बहुत खराबलगान न चुका पाने के कारण भक्तिन को क्या सजा मिली – उसे दिन भर धूप में खड़ा रहना पड़ाभक्तिन ने दुखी होकर क्या किया- गाँव छोड़कर नौकरी के लिए शहर का रुख किया अपमानित होने के बाद , अकेले ही गाँव छोड़कर नौकरी के लिए शहर का रुख करना , भक्तिन के स्वभाव की कौन सी विशेषता बताता है – स्वाभिमानी और मेहनती भक्तिन के जीवन के किस परिच्छेद को अंतिम परिच्छेद कहा है- चौथे (4th) चौथा परिच्छेद कब शुरू होता है – लेखिका के घर नौकरी करने से बाद पहले दिन भक्तिन ने लेखिका को खाने में क्या दिया – गाढी दाल और चार मोटी रोटियांलेखिका ने क्या-क्या खाया – थोड़ी दाल और सिर्फ एक रोटीलेखिका ने यह किसके लिए कहा है ,” टेढ़ी खीर है और दूसरों को अपने अनुसार बना लेना चाहती है” – भक्तिन के लिएभक्तिन का बनाया देहाती खाना खाकर लेखिका खुद को क्या कहने लगी – देहातिन “सिर -घुटाना” का क्या अर्थ है – सिर के बाल उतरवाना भक्तिन की हर वीरबार होने वाली “सिर -घुटाना” प्रक्रिया को लेखिका ने क्या नाम दिया – बाल चूड़ाकर्म“तीर्थ गए मुंडाए सिद्ध” किसका कथन है – भक्तिन का लेखिका के मित्र व संबंधियों को भक्तिन कैसे याद करती थी – उनके अपभ्रंश नामों सेभक्तिन लंबे बाल वालों को क्या कहती थी – कविभक्तिन किससे सबसे ज्यादा डरती थी – जेल या कारागार जाने से भक्तिन जेल जाने से डरती थी परंतु लेखिका के जेल जाने पर वह क्या करना चाहती थी – उनके साथ जेल जाना चाहती थीलेखिका के साथ जेल जाने के लिए , वह किससे लड़ने को तैयार थी – वायसराय (लाट) से पिछले वर्ष किस भय से भक्तिन ने उन्हें गांव चलने को कहा – युद्ध के भय सेछात्रावास की लड़कियों के लिए भक्तिन , क्या बना दिया करती थी – चाय नाश्तापहाड़ी तंग रास्तों में या बद्री केदार के दुर्गम मार्ग में भ्रमण के समय , भक्तिन लेखिका के कहां रहती थी – आगेधूल भरे रास्तों में वह कहां रहती थी – पीछे कालोगों के यह पूछने पर कि , वो लेखिका के यहां कितने समय से रहती है। भक्तिन उन्हें क्या जवाब देती थी – पिछले 50 बरस सेभक्तिन की कहानी को लेखिका अधूरी क्यों रखना चाहती थी – क्योंकि वह भक्तिन को खोना नहीं चाहती थी। “भक्तिन की कहानी अधूरी है पर उसे खोकर मैं इसे पूरा नहीं करना चाहती”। लेखिका के इस कथन के पीछे क्या कारण है – भक्तिन के अंत को स्वीकार ना करनाभक्तिन कहती थी कि ………के बुलावे को हम दोनों में से कोई भी ठुकरा नहीं पाएगा – मौत के“कुकुरी -बिलारी” का क्या अर्थ है – कुत्ता बिल्लीसोना , बसंत और गोधूलि कौन है – हिरनी , कुत्ता और बिल्ली“देहातिन वृद्धा” किसे कहा गया है – भक्तिन को गांव में भक्तिन लकड़ी रखने के मचान पर धान के पुआल से क्या बनाना चाहती थी – सोने का स्थानभक्तिन ने कितने रुपए छुपाकर गांव में रखे थे – पांच बीसी और पांच रुपयाकिसके बल पर भक्तिन अपने जीवन के संघर्ष को जीत गई – अपनी मेहनत व स्वाभिमान के बल परलेखिका के लिए आंगन में खिलने वाला गुलाब और आम , सेवक क्यों नहीं थे – क्योंकि इनका अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है।आम और गुलाब की समानता किससे की गई है – अंधेरे और उजाले से“पर जैसे मेरे नाम की विशालता , मेरे लिए दुर्वह है। … “। इस पंक्ति में “मेरे” शब्द किसके लिए प्रयोग हुआ है – लेखिका के लिएलेखिका महादेवी वर्मा जी से संबंधित प्रश्न
- महादेवी वर्मा का जन्म कब हुआ था – 1907
- महादेवी वर्मा का जन्म कहां हुआ था – फर्रुखाबाद
- महादेवी वर्मा का निधन कब हुआ -1987
- महादेवी वर्मा का निधन कहां हुआ था – इलाहाबाद में ( प्रयागराज)
- महादेवी वर्मा को उनकी किस रचना के लिए “ज्ञानपीठ पुरस्कार” दिया गया था – यामा
- महादेवी वर्मा जी को कौन – कौन से पुरस्कार मिले थे – ज्ञानपीठ पुरस्कार , मंगलाप्रसाद पारितोषिक , पद्मभूषण , पद्म विभूषण , भारत भारती पुरस्कार।
- महादेवी वर्मा जी को मरणोपरांत कौन सा पुरस्कार प्राप्त हुआ – पद्म विभूषण
- महादेवी वर्मा किस युग के चार स्तंभों में से एक मानी जाती है – छायावाद
- किसे “आधुनिक मीरा” कहा जाता है – महादेवी वर्मा जी को
- महादेवी वर्मा के प्रमुख काव्य संग्रह है – रश्मि , नीलम्बरा , दीपशिखा
Bhaktin Class 12 MCQ
“भक्तिन” पाठ के सारांश को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें।YouTube channel link – (Padhai Ki Batein/पढाई की बातें)
Note – Class 8th , 9th , 10th , 11th , 12th के हिन्दी विषय के सभी Chapters से संबंधित videos हमारे YouTube channel (Padhai Ki Batein /पढाई की बातें ) पर भी उपलब्ध हैं। कृपया एक बार अवश्य हमारे YouTube channel पर visit करें । सहयोग के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यबाद।
Bhaktin Class 12 MCQ
“भक्तिन” पाठ के सारांश को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें।YouTube channel link – (Padhai Ki Batein /पढाई की बातें)
Note – Class 8th , 9th , 10th , 11th , 12th के हिन्दी विषय के सभी Chapters से संबंधित videos हमारे YouTube channel (Padhai Ki Batein /पढाई की बातें) पर भी उपलब्ध हैं। कृपया एक बार अवश्य हमारे YouTube channel पर visit करें । सहयोग के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यबाद।
You are most welcome to share your comments . If you like this post . Then please share it . Thanks for visiting.
भक्ति के संदर्भ में हनुमान जी का उल्लेख क्यों हुआ है?
उत्तर: भक्तिन के संदर्भ में हनुमान जी का उल्लेख इसलिए हुआ है क्योंकि भक्तिन लेखिका महादेवी वर्मा की सेवा उसी नि:स्वार्थ भाव से करती थी, जिस तरह हनुमान जी श्री राम की सेवा नि:स्वार्थ भाव से किया करते थे।
सेवक धर्म में भक्तिन की तुलना हनुमान जी से क्यों की गई है?
लेखिका ने भक्तिन के सेवक-धर्म की तुलना हनुमान जी से की है। यह इसलिए की है क्योंकि जिस प्रकार हनुमान अपने प्रभु राम की तन-मन और पूर्ण निष्ठा से सेवा किया करते थे। ठीक उसी प्रकार भक्तिन अपनी मालकिन लेखिका की सेवा करती है। वह उनके प्रति पूर्ण समर्पण भाव से सेवा भाव रखती है।
भक्तिन के नाम और उसके जीवन में क्या विरोधाभास था ?`?
उसके नाम व भाग्य में विरोधाभास है। वह सिर्फ़ नाम की लक्ष्मी है। समाज उसके नाम को सुनकर उसका उपहास न उड़ाए इसीलिए वह अपना वास्तविक नाम लोगों से छुपाती थी। भक्तिन को यह नाम लेखिका ने दिया।
भक्तिन पाठ का उद्देश्य क्या है?
कहानी के प्रारम्भ से लेकर अंत तक भक्तिन के ही इर्द-गिर्द घूमती है। भक्तिन के जीवन के संघर्षमय पक्ष का चित्रण करना लेखिका का उद्देश्य रहा है। अतः भक्तिन शीर्षक सार्थक व सफल है।