Hanuman Ki Siddhi Kaise Prapt Kare | हनुमान की सिद्धि कैसे करेमारुति नंदन हनुमान भगवान शिव के 11वा अवतार माने गए हैं हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्तों के मन में यह भी आशा रहती है कि उन्हें हनुमान जी की सिद्धि प्राप्त हो । Show
हनुमान जी को कलयुग में साक्षात देवता कहा गया है ऐसे में हर कोई चाहेगा कि उन्हें हनुमान जी के मंत्रों की सिद्धिमिले जब आपके पास अलग प्रकार की शक्ति आ जाती है जिसको अलौकिक शक्ति कहा गया है जो आम इंसान के पास नहीं होती उस शक्ति का प्रयोग करके आप कोई भी कार्य आसानी से कर पाते हैं जिस शक्ति से वर्तमान काल भूतकाल और भविष्य काल में होने वाली घटनाओं को आसानी से जाना जा सकता है उसी को ही सिद्धि प्राप्त करना कहा जाता है। किसी को भी पूरी सिद्धियां प्राप्त नहीं हो सकती जिसको पूरी सिद्धियां प्राप्त हो जाती है वह देवताओं के समान हो जाता है जिन महापुरुषों ने सिद्धियां प्राप्त की है वह सामान्य मनुष्यों से कुछ अलग ही दिखते हैं उनका रहन-सहन उनका खान-पान खान उनका व्यवहार करने का तरीका दूसरों से बहुत अलग होता है। सिद्ध पुरुषों की सबसे बड़ी खास बात यह है कि वह जो कह देते हैं वही हो जाता है एक प्रकार से हम उनको ऐसा भी बोल सकते हैं कि वे बहुत बड़े ज्योतिषी बन जाते हैं। सिद्ध पुरुषों के ऊपर सीधे ईश्वरीय कृपा बनी रहती है। जो लोग सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं हम उनसे कुछ प्रश्न करना चाहते हैं पहला यह कि वह सिद्धियां क्यों प्राप्त करना चाहते हैं? और दूसरा प्रश्न यह है कि वह सिद्धियां प्राप्त करने के बाद क्या करेंगे? अगर आप यह 👇सोचकर सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं तो आप गलत हैं।
सिद्धि एक अलौकिक ऊर्जा है इसको इसको प्राप्त करना इतना आसान नहीं जितना आप समझते हो किसी कारणवश आपको यदि सिद्धियां प्राप्त हो भी गई तो उसे बनाये रखने के लिए आपको कठिन साधना करते रहना होगा। मैंने कई महापुरुषों के मुख से सुना है सिद्धियां प्राप्त करने के बाद शुरु शुरु में तो बहुत अच्छा लगता है यह सोच कर कि मैं दूसरों से कुछ अलग कर सकता हूं भूतकाल भविष्य काल सब जान सकता हूं लेकिन बाद में वही शक्तियां हमारे शरीर को खा जाती है यदि आपका शरीर और मस्तिष्क उस उर्जा को बनाए रखने के लिए सामर्थ नहीं है तो इसमें आप के प्राण भी जा सकता हैं। बिना गुरु के आपको सिद्धि नहीं मिल सकती आजकल इंटरनेट का जमाना है यूट्यूब का जमाना है ऐसे में लोग बहुत बड़ी गलती कर जाते हैं वह इंटरनेट से कुछ भी पढ़ कर वीडियो देखकर वही करने लग जाते हैं जो की बहुत बड़ी भूल है। सिद्धियां प्राप्त करने के लिए गुरु देव और इष्टदेव का आशीर्वाद होना बहुत आवश्यक है। यहाँ पर हम आपको सिद्धि प्राप्त कैसे किया जाता हैं उसका सिर्फ एक रास्ता दिखा रहे हैं उस रास्ते पर आपको स्वयं चलना होगा हमारी वेबसाइट पर लिखी गई बातों को करने से पहले किसी योग्य गुरु के शरण में अवश्य जाये Hanuman ki Siddhi Kitne Prakar Ki Hoti Hain | हनुमान सिद्धि कितने प्रकार की होती हैंहनुमान जी को 8 प्रकार की सिद्धिया प्राप्त थी आपको जानकार हैरानी होगी की उनको ये सिद्धिया बिना महेनत के ही मिल गई थी क्युकी हनुमान में सेवा और अपने इष्ट देव पर पूरा विश्वाश था सिद्धिया आठ प्रकार की होती हैं जो इस प्रकार हैं।
हनुमान की सिद्धि प्राप्त करने का उपाय | Hanuman ki siddhi prapt karne ka upayसिद्धि प्राप्त करना कोई बच्चों का खेल नहीं हैं आप जितनी भक्ति से करेंगे उतने ही जल्दी आप इस कार्य में सफल होंगे हम महाबली हनुमान से प्राथना करते हैं आपको सिद्धि जल्दी प्राप्त हो आप निचे दिये गये उपायों में से कोई एक उपाय कर सकते हैं hanuman mantra siddhi upaya | हनुमान के मंत्र को सिद्ध करने के उपाय
हनुमान से सिद्धि पाना ही हैं तो आपको महेनत तो करनी ही पड़ेगी विना परिश्रम में कुछ हासिल नहीं हो सकता हम आशा करते हैं आपको यह पोस्ट अच्छा लगा Tag- Hanuman ki siddhi kaise prapt kare,hanuman ko jaldi khush kaise kare,hanuman chalisa ko siddh kaise kare,siddha purush kaise bane,hanuman siddhi prapt upaya हनुमान जी की सिद्धि कैसे प्राप्त की जाती है?शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से लाल आसन पर हनुमान जी की प्रतिष्ठित मूर्ति के सामने बैठ कर घी का दीपक जला कर लाल चंदन की माला अथवा मूंगे की माला पर नित्य 11 माला 40 दिन करने से सिद्धि प्राप्त होती है।
हनुमान जी के दर्शन पाने के लिए क्या करें?इसके अलावा प्रतिदिन श्रीहनुमान चालीसा या श्रीहनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ करें। मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। हनुमानजी के अलावा अन्य किसी देवी या देवता की पूजा या प्रार्थना न करें और न ही किसी मंदिर, समाधि आदि स्थानों पर अपना सिर न झुकाएं अर्थात और देवता चित्त न धरहीं, हनुमत सर्व सुख करहीं।
हनुमान जी का पावरफुल मंत्र कौन सा है?द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र : ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट। मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए : महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
सिद्धि प्राप्त कैसे की जाती है?कर्ण-इंद्रियां और आकाश के संबंध पर संयम करने से योगी दिव्यश्रवण को प्राप्त होता है। अर्थात यदि हम लगातार ध्यान करते हुए अपने आसपास की ध्वनि को सुनने की क्षमता बढ़ाते जाएं और सूक्ष्म आयाम की ध्वनियों को सुनने का प्रयास करें तो योग और टेलीपैथिक विद्या द्वारा यह सिद्धि प्राप्त की जा सकती है।
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