हिमालय को नदियों क्या कहा गया है? - himaalay ko nadiyon kya kaha gaya hai?

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हिमालय का नदियों के आधार पर विभाजन

हिमालय का नदियों के आधार पर विभाजन Download

  • सिडनी बुरार्ड नामक भूगर्भशास्त्री ने नदियों के आधार पर हिमालय का विभाजन किया
  • सिडनी बुरार्ड द्वारा नदियों के आधार पर किया गया हिमालय का विभाजन निम्नवत है –
    1. पंजाब/कश्मीर हिमालय – सिंधु नदी और सतलज नदी के बीच
    2. कुमाऊं हिमालय – सतलज नदीऔर काली नदी के बीच
    3. नेपाल हिमालय – काली नदी और तीस्ता नदी के बीच
    4. असम हिमालय – तीस्ता नदी और दिहांग नदी के बीच

  • अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र को दिहांग कहते हैं |
  • काली नदी, घाघरा नदी की सहायक नदी है |
  • कश्मीर हिमालय में वैष्णोदेवी का मंदिर है | इसके अलावा अमरनाथ गुफा एवं मुस्लिमों का तीर्थ चरार-ए-शरीफ भी कश्मीर हिमालय के अन्तर्गत महत्वपूर्ण तीर्थ हैं |
  • कुमाऊँ हिमालय मुख्य रूप से उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है |
  • कुमाऊँ हिमालय में हिमालय की महत्वपूर्ण चोटियाँ नन्दादेवी, कॉमेट, त्रिशूल, बद्रीनाथ, केदारनाथ एवं बन्दरपूँछहैं |
  • उत्तराखण्ड में फूलों की घाटी कुमाऊँ हिमालय के अन्तर्गत ही आता है, इसके साथ ही दून एवं द्वार घाटी भी कुमाऊँ हिमालय के अन्तर्गत ही आता है |
  • हिमालय की सभी ऊँची चोटियाँ नेपाल हिमालय के अन्तर्गत आती हैं | पश्चिम से पूर्व की ओर इनका  क्रम है –  धौलागिरी, अन्नपूर्णा, एवरेस्ट, मकालू  और  कंचनजंगा |
  • टाइगर हिल पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है |
  • अरुणाचल प्रदेश की चार प्रमुख पहाड़ियां हैं |इनका नाम स्थानीय जनजातियों के नाम के आधार पर रखा गया है| ये पहाड़ियां हैं – डफला, मिरी, अहोर और मिश्मी |
  • डफला, मिरी, अहोर और मिश्मी ये पहाड़ियां अरुणाचल प्रदेश में शिवालिक हिमालय के भाग हैं|
  • भारत एवं म्यांमार की सीमा पर स्थित पहाड़ियां जो कि हिमालय के अन्तर्गत ही आती है, निम्नलिखित है –
    1. अरुणाचल प्रदेश – पटकोई बुम
    2. नागालैण्ड – नगा पहाड़ियाँ
    3. मणिपुर – लैमाटोल पहाड़ियाँ
    4. मिजोरम – मिजो पहाड़ियाँ
  • लैमाटोल पहाड़ियों के पश्चिम में स्थित बराइल की पहाड़ी असम राज्य में स्थित है |
  • खासी पहाड़ी पर ही मेघालय की राजधानी शिलांग एवं एक अन्य शहर चेरापूंजी स्थित है |
  • सम्पूर्ण मेघालय का भू-भाग ऊपर की ओर उठा हुआ है, इस ऊपर उठे हुए भू-भाग को मेघालयका पठार कहते हैं |
  • मेघालय राज्य में पश्चिम से पूर्व की दिशा में गारो, खासी एवं जयन्तियां की पहाड़ियां स्थित है | इन पहाड़ियों का नाम भी स्थानीय जनजातियों के नाम के आधार पर रखा गया है |
  • गारो, खासी एवं जयन्तियां की पहाड़ियों के सम्मिलित रूप को शिलांग का पठार कहते है |
  • शिलांग पठार हिमालय का हिस्सा नहीं है, क्योंकि इसकी चट्टानें हिमालय की चट्टानों से भिन्न है |
  • शिलांग पठार की चट्टानें प्रायद्वीपीय भारत के चट्टानों के समान हैं, प्रायद्वीपीय पठार के पूर्वोत्तर भाग को छोटानागपुर पठार कहते हैं |
  • छोटानागपुर पठार से पूर्व दिशा में एक पहाड़ी का विस्तार है जिसे राजमहल की पहाड़ी कहते हैं | राजमहल की पहाड़ी का विस्तार पश्चिम बंगाल में है |
  • राजमहल की पहाड़ी प्राचीनकाल में मेघालय तक विस्तृत थी, लेकिन गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के सम्मिलित धारा ने मिलकर बांग्लादेश में प्रायद्वीपीय पठार के पूर्वोत्तर हिस्से को काट दिया और बीच के भू-भाग को मिट्टी से भर दिया, जिससे बांग्लादेश में मैदानी भाग का निर्माण हुआ |
  • बांग्लादेश को नदियों का देश कहते हैं |
  • पाकिस्तान को नहरों का देश कहते हैं |
  • गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के द्वारा काटे गये भू-भाग को राजमहल की पहाड़ी एवं गारो पहाड़ी के नाम पर इसे राजमहल-गारो गैप के नाम से जाना जाता है |
  • राजमहल-गारो गैप को मालदा गैप भी कहा जाता है |
  • शिलांग पठार के उत्तर-पूर्व में असम राज्य के अन्तर्गत दो छोटी-छोटी पहाड़ियां पायी जाती हैं –  रेंगमा  पहाड़ी और मिकिर पहाड़ी|
  • रेंगमा और मिकिर पहाड़ियाँ भी हिमालय की पहाड़ियाँ नहीं हैं, ये पहाड़ियाँ भी शिलांग पठार का हिस्सा है,अर्थात् रेंगमा एवं मिकिर पहाड़ियाँ प्रायद्वीपीय भारतीय पठार का हिस्सा हैं |

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