हमें कचरा इधर उधर क्यों नहीं करना चाहिए? - hamen kachara idhar udhar kyon nahin karana chaahie?

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  • कचरा इधर उधर फेंकें, स्वच्छता में करें सहयोग, 1 जुलाई से डोर टू डोर उठेगा कूड़ा

पालिका का प्रयास

ओडीएफ के बारे में लोगों को दी जानकारी

शहरकी सफाई व्यवस्था और ओडीएफ को लेकर बुधवार को कस्बे के नागक्षेत्र हॉल में धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की बैठक बुलाई गई। इसमें क्षेत्र के कई लोगों सहित पार्षद आंगनबाड़ी वर्करों ने हिस्सा लिया। इसमेें नगरपालिका सचिव महाबीर धानिया, प्रधान सेवाराम सैनी एसडीएम वीरेंद्र सिंह ने लोगों से सहयोग की अपील की।

एसडीएम ने कहा कि शहर को साफ सुथरा रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसके लिए नगरपालिका लोगों का सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि शहर को स्वच्छ स्वस्थ बनाना है तो हर व्यक्ति को सहयोग करना होगा। इसके लिए एक मुहिम के तहत लोगों को जागरूक करते हुए खुले में शौच कचरे को गलियों में गिराने के लिए रोकना चाहिए, ताकि गलियों मेें बिखरे हुए कचरे गंदगी से छुटकारा मिल सके।

पालिका सचिव महाबीर धानिया ने बताया कि पालिका ने प्रस्तावित डोर टू डोर कचरा उठाने के कार्य का ठेका दे दिया गया है, इसका कार्य एक जुलाई से शुरू हो सकता है। काम शुरू होने के बाद लोगों को अपने घर का कचरा ठेकेदार के कर्मचारियों को ही देना होगा, ताकि गलियों में कचरा आए। शहर को साफ रखने के लिए इस कार्य पर पालिका हर माह लाखों रुपए खर्च कर रही है। इसको कामयाब करने के लिए सभी को साथ देने की जरूरत है। उन्होंने पीएमएवाई ओडीएफ के बारे में भी लोगों को जानकारी दी।

पालिका प्रधान सेवाराम सैनी ने बताया कि शहर को ओडीएफ में शामिल करने के लिए पालिका अपना पूरा प्रयास कर रही है। वार्डों में संदिग्ध जगहों को चिह्ति किया गया है। वहां पर शौचालय बनवाए जा रहे हैं या फिर अस्थाई शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे घरों का भी सर्वें किया जा रहा है। जिन्हें लोगों ने किराये के लिए बनाया, लेकिन उसमें शौचालयों की व्यवस्था नहीं की गई। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अपने आसपास के लोगों को खुले में शौच जाने से रोक दे तो शहर को जल्द ही ओडीएफ में शामिल किया जाना आसान हो जाएगा। बैठक में एमई सौरभ गोयल, बीआई वीरेंद्र सिंह, बीईओ डॉ. नरेश वर्मा, रामेश्वर दास गुप्ता, योगेश दिवान, रामकुमार वर्मा, पार्षद कृष्ण, रामस्वरूप, श्याम पाजू, देवेंद्र मुआना, संजय देशवाल मौजूद रहे।

सफीदों. सामाजिकसंगठन पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए एसडीएम वीरेंद्र सिंह।

हेलो स्टूडेंट आपके सामने एक पर्सन लिया है कि क्या कचरे का निपटान केवल सरकार का ही उत्तर दायित्व है आपको इस पर चर्चा करनी है कि आपसे पूछा है कि सरकार का ही उत्तरदायित्व है क्या कचरे का निपटान करना तो इसका उत्तर होगा नहीं कचरे का निपटान करना केवल सरकार का उत्तरदायित्व नहीं है कचरे का निपटान प्रत्येक नागरिक का उत्तरदायित्व है यानी प्रत्येक जो नागरिक है उसको कचरे का निपटान करना चाहिए और प्रत्येक जो नागरिक है उसका उत्तर दायित्व बनता है और इसे हम कह सकते हैं कि प्रत्येक

नागरिक है उसको किस प्रकार से कचरे का निपटान करना चाहिए तो हम कह सकते हैं कि जो व्यक्ति है उसको सार्वजनिक जो स्थान है तो सार्वजनिक स्थानों पर जैसे कूड़ा करकट होता है जिसे हम कह सकते हैं बस स्टैंड रेलवे स्टेशन पार्क इन में कूड़ा नहीं डालना चाहिए और कूड़ा जो है उसके लिए कूड़ेदान का प्रयोग करना चाहिए

क्योंकि कूड़ा इधर-उधर नहीं डालेंगे तो सब अच्छा बनी रहेगी और कूड़ेदान का जो प्रयोग है वह प्रत्येक नागरिक को करना चाहिए जिससे जो समझता है वह बनी रहती है इसी प्रकार घर तथा अस्पताल में जो कूड़े हैं उस कूड़े के निपटान में सहायता करनी चाहिए तो इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि प्रत्येक नागरिक का उत्तर दायित्व है कि वह थोड़ा नए फैलाई तथा कूड़े का उचित निपटान करें

कूड़े में कूड़ेदान, सड़क पर फैला कचरा

जागरण संवाददाता, सोनीपत : शहर में कूड़ेदान की सही व्यवस्था न होने से गलियों में कूड़े के ढेर लगत

जागरण संवाददाता, सोनीपत :

शहर में कूड़ेदान की सही व्यवस्था न होने से गलियों में कूड़े के ढेर लगते हैं। वहीं सफाई कर्मचारी भी कचरा उठाने की बजाय गलियों में ही आग के हवाले कर देते हैं। इसके चलते शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। नगर परिषद शहर के कचरे से निपटने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पाया है।

शहर की जनसंख्या के हिसाब से कूड़ेदान न होने की वजह से ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। तो दूसरी तरफ सफाई कर्मचारियों की कमी भी शहर को स्वच्छ रखने में आड़े आ रहा। कर्मचारियों की कमी के चलते शहर के कुछ हिस्सों में पड़े कूड़ेदानों से तो सप्ताह में एक या दो दिन ही कूड़ा उठाया जाता है, जिससे दुर्गंध उठने के साथ ही वायु प्रदूषण भी हो रहा है। जो शहर के पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।

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रोज निकलता है 200 टन कचरा

नप के के आंकड़ों के अनुसार शहर में लगभग करीब 200 टन कूड़ा एकत्र होता है, जिसके लिए शहर भर में लगभग कूड़ेदान लगाए गए हैं व अनेक डं¨पग केंद्र स्थापित किए गए हैं। शहर का कचरा उठाने के लिए गाड़ियों की संख्या काफी कम है, जिसके चलते गलियों से समय पर कचरा नहीं उठ पाते। शहर को कचरा मुक्त करने में दिक्कतें आ रही हैं। नगर परिषद कई प्रयासों के बाद भी कूड़ा निस्तारण केंद्र के लिए जमीन तक निर्धारित नहीं कर पाई है। फिलहाल शहर का कचरा मुरथल विश्वविद्यालय के पास खाली पड़ी जमीन पर डाला जा रहा है, जिससे आसपास का वातावरण प्रदूषित हो रहा है।

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नहीं मिल रही सफलता

नप अधिकारियों की मानते तो शहर को साफ रखने व कचरा मुक्त रखने के लिए नगर परिषद अनेक योजनाएं चालू करता है, लेकिन कूड़ा निस्तारण केंद्र के अभाव में किसी परियोजना को सफलता नहीं मिल पाती। वहीं लोगों की लापरवाही भी कचरे से निपटने में दिक्कत पैदा कर रही है। लोग सड़कों पर ही घरों का कचरा फेंक देते हैं। नप की बैठकों में भी अधिकतर समय शहर को कचरा मुक्त करने के की चर्चा ही चलती रहती थी। इसके लिए नगरपरिषद में पिछले दिनों हुई बैठक में पार्षदों की सहमति से लगभग 68 लाख रुपये का बजट भी पास हुआ था। इसमें शहर भर में कूड़ेदान लगवाएं जाने थे, लेकिन योजना अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है।

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शहर में पर्याप्त कूड़ेदान न होने से लोग सड़कों पर कचरा फेंक रहे हैं। जो लोगों के लिए ही समस्या बन रहे। वही नालों में भी कचरा भर जाता है। जिसमें बदबू पनती है, जिसके शहर के कई क्षेत्रों से तो गुजरना भी मुश्किल हो जाता है।

-सुरेश राठी।

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नगर परिषद की तरफ से शहर की सड़कों पर कूड़ेदानों का उचित प्रबंध नहीं किया गया है। शहर के कई क्षेत्रों में तो ऐसे हाल है कि वहां से गुजरते वक्त नाक पर रूमाल ढकना पड़ता है।

-जसबीर खत्री।

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नप के सफाई कर्मचारी भी लापरवाह है। कूड़ेदानों के अभाव में गलियों में पड़े कचरे को उठाने के बजाय उसमें वही पर आग लगा देते है। जिससे वायु प्रदूषण फैलता है।

-मनोज।

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डंपरों में जमा कूड़ा में नमी नहीं जानी चाहिए इससे बीमारियां फैलती हैं। जबकि नप के अधिकतर डम्पर जंग लगे भी हैं व जगह-जगह से कूड़ा गिरता है व अनेक के तो ढक्कन गायब हैं।

-सतपाल अहलावत, सामाजिक कार्यकर्ता।

हमें कचरा इधर उधर क्यों फेंकना नहीं चाहिए?

इधर-उधर कचरा फेंकने से ना केवल गंदगी होती है बल्कि बीमारियां फैलने का भी खतरा उत्पन्न होता है। कूड़ेदान में कचरा फेंकर कूड़ेदान को ढक कर रखना चाहिए, जिससे किसी भी तरह के जीवाणु आदि हवा में नहीं फैलें।

हमें कचरा क्यों नहीं फैलाना चाहिए?

कूड़ेदानों के अभाव में गलियों में पड़े कचरे को उठाने के बजाय उसमें वही पर आग लगा देते है। जिससे वायु प्रदूषण फैलता है। -मनोज। डंपरों में जमा कूड़ा में नमी नहीं जानी चाहिए इससे बीमारियां फैलती हैं।

हमें कचरे का निपटान क्यों करना चाहिए?

यह आपके पौधों को आवश्यक पोषक प्रदान करेगा। चाहिए। इन अपशिष्टों को उपयोगी कंपोस्ट में परिवर्तित किया जा सकता है। कुछ शहरों तथा नगरों में नगरपालिकाएँ दो प्रकार के कचरे को एकत्र करने के लिए दो पृथक कूड़ेदान प्रदान करती हैं।

आपके मोहल्ले में लोग इधर उधर कचरा फेंक देते हैं उन्हें आप कैसे समझेंगे?

Solution : स्थानीय प्राधिकरण द्वारा घर-घर जाकर कचरा एकत्र कर डम्प क्षेत्र पर पहुँचाना <br> गीला एवं सूखा कचरा पृथक-पृथक कर उचित निर्देशन में नष्ट करना। <br> साफ सफाई हेतु लोगों को जागरुक करना । <br> खाली स्थानों पर जल एकत्रित नही होने देना।