वर्ल्ड संगठन के निदेशक मनीष सक्सेना ने सभी से अपील की है की मकर संक्रांति पर पतंग की डोर से घायल होने वाली बेजुबान पक्षियों का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि घायल पक्षियों को बचाने के लिए शहर में जगह-जगह वर्ल्ड संगठन की ओर से बर्ड रेस्क्यू सेंटर बनाए गए हैं। Show शहरवासी संबंधित क्षेत्र के "क्षेत्रीय बर्ड रेस्क्यू सेंटर" अथवा पांचबत्ती स्थित राजकीय पॉली क्लिनिक पशुचिकित्सालय या सांगानेरी गेट स्थित पक्षी चिकित्सालय में घायल पक्षी को तुरंत पहुंचाकर उसकी जान बचा सकते हैं। गौरतलब है कि गुलाबी नगरी में प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के पर्व पर उड़ाई जाने वाली पतंगों की डोर में फंसने से हजारों पक्षी घायल हो जाते हैं तथा चिकित्सकीय सुविधा के आभाव में दम तोड़ देते हैं। पक्षियों के घायल होने पर इन नंबर पर दें सूचना ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| FIRST PUBLISHED : January 13, 2015, 23:10 IST छोटे जानवरों को आपकी मदद की ज़रूरत है! आइए, घायल जानवरों को खोजें। उनकी देखभाल करें और उन्हें उपचार दें। इन जानवरों के लिए नए घर चुनें और उन्हें सजाने में मदद करें! विषय सूची: जानवरों का उपचार करें जानवरों को खिलाएं घरों को सजाएं सुविधाएं: BabyBus के बारे में अब BabyBus दुनिया भर में 0-8 साल के 400 मिलियन से अधिक प्रशंसकों के लिए विभिन्न प्रकार के उत्पाद, वीडियो और अन्य शैक्षणिक सामग्री प्रदान करता है! हमने बच्चों के 200 से अधिक शैक्षणिक ऐप रिलीज़ किए हैं, जिनमें स्वास्थ्य, भाषा, समाज, विज्ञान, कला और अन्य क्षेत्रों के विभिन्न विषयों की नर्सरी राइम्स और एनिमेशन के 2500 से अधिक एपिसोड हैं। ————— संस, पठानकोट : कम ही ऐसे लोग होंगे, जो पशु प्रेमी होंगे और घायल बेसहारा पशुओं की मदद करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है, जो इंसानियत के नाते मनुष्य से लेकर जानवर को एक नजर से देखते हैं और हर समय इन बेजुबान जानवरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे ही शहर के अनिल शर्मा अली है, जिनसे बेसहारा जानवरों का दर्द नहीं देखा जाता है। 27 वर्षीय अली का बचपन से ही बेसहारा जानवरों के प्रति प्रेम रहा है। इस पशु प्रेम की शुरूआत घर के बाहर गली में खाने की तलाश में घुमते जानवरों को खाना डालने से हुई, जो धीरे धीरे बढ़ता गया और आज वह सड़कों पर दुर्घटना का शिकार हुए जानवरों का इलाज कर इंसानियत की मिसाल बन चुके हैं। हालाकि अली बीते सात वर्षों से घायल जानवरों का इलाज कर रहे हैं परंतु उन्होंने लोगों को बेसहारा जानवरों के दर्द प्रति जागरूक करने के लिए दो वर्ष पहले सेव एनिमल लाइफ के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इन ग्रुप सदस्यों के माध्यम से उन्हें व उनकी टीम को घायल जानवरों की सूचना मिली है और वह अपनी मेडिकल किट उठाकर उनका इलाज करने के लिए निकल पड़ते हैं। इसमें हैरानी की बात यह है कि पेशे से फोटोग्राफी का काम करने वाले अली अपनी कमाई व अपने दोस्तों की मदद से घायल जानवरों का उपचार करवाते हैं। यहीं नहीं अली प्राइवेट डॉक्टरों से भी घायल जानवरों का इलाज करवा चुके हैं। अभी तक अली की टीम में शामिल लवकेश ढिल्लों, राहुल शर्मा, गौरी व अन्यों ने एक हजार से अधिक घायल कुत्ते, गाय, बैल, घोड़े, बंदर आदि जानवरों का इलाज कर चुके हैं। इस इलाज में घायल जानवरों की फ्रैक्चर टांगों सहित कई छोटी बड़ी सर्जरी शामिल हैं। नहीं देखा जाता जानवरों का दर्द : अली सेव एनिमल लाइफ व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन अनिल शर्मा अली ने कहा कि मनुष्य की तरह जानवरों में भी जान होती है और उन्हें जीने का पूरा हक है। बेजुबान होने के चलते कोई भी इनका दर्द नहीं समझ पाता और यह बेसहारा जानवर सड़कों पर दुर्घटना का शिकार हो जाता हैं और इलाज न मिलने के चलते इनकी मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार व स्थानीय प्रशासन को सड़कों पर घायल हो रहे बेसहारा जानवरों की सुद लेनी चाहिए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अगर प्रशासन सड़कों पर घायल हो रहे इन बेजुबान जानवरों का इलाज नहीं करवा सकता तो इनका इलाज करने के लिए उन्हें कोई जगह उपलब्ध करवाए ताकि इलाज के दौरान ठीक होने तक घायल जानवरों को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि बीते मंगलवार को उन्होंने एक घायल कुत्ते की टांग का ऑप्रेशन करवाया है। अली ने कहा कि जब तक कुत्ता पूरी तरह स्वस्थ्य नहीं हो जाता, तब तक वह इसकी देखभाल करते रहेंगे। Edited By: Jagran ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਖ਼ਬਰਾਂ ਪੜ੍ਹਨ ਲਈ ਇੱਥੇ ਕਲਿੱਕ ਕਰੋ! जानवर की मदद कैसे करें?ये हैं वो 10 आसान टिप्स जिनकी मदद से आप भीषण गर्मी से परेशान पशु-पक्षियों को बचा सकते हैं. घर के बाहर पानी का रखें ... . कार के अंदर अपने पेट्स को न छोड़ें ... . जानवरों को भी चाहिए आराम ... . उन्हें हेल्दी फ़ूड खिलाएं ... . गर्मी से परेशान पशु की मदद करें ... . पक्षियों के लिए दाना ... . पशुओं की मदद के लिए एनजीओ/सरकारी एजेंसी को कॉल करें. हम जानवरों की क्या मदद कर सकते हैं?पशु नैतिकताऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम जंगली जानवरों की मदद कर सकते हैं और उन्हें प्रकृतिक नुकसान से बचा सकते हैं । दीर्घावधि में, एक रास्ता जिससे उन्हें हमसे अंततः मदद (जिसकी उन्हें ज़रुरत है) मिलेगी, है कि हम जंगली जानवरों की दुर्दशा और भेदभाव की पीड़ा के बारे में जागरूकता बढाएं ।
जानवरों की रक्षा कैसे करें कुछ बिंदु?सभी जानवरों को एक साथ (छोटे बड़े स्वस्थ या कमजोर) टीका लगाया जाना चाहिए । टीके के नाम, बीमारी का नाम जिसके लिए इसका उपयोग किया गया हो, उत्पादन करने वाली फर्म, बैच नंबर, निर्माण और समाप्ति की तिथि सहित टीके के बारे में सभी जानकारी बनाए रखी जानी चाहिए। टीकाकरण के बाद भूख, बुखार और दूध उत्पादन में कमी आम लक्षण हैं।
जानवरों को कैसे मारे?मूसर या हथौड़ा मारना
असल में, जानवर को अचेत (बेहोश) करने के इस तरीके की सफलता के 50% है । यह ज़रूरी है कि तेज़ी से कई वार किए जाएं, जो जानवरों के लिए भय, तनाव और दर्द का कारक है । कई बार, सुस्पष्टता में की कमी के कारण, जानवरों की गर्दन कट जाती है और वे पूर्णतः होश में रहते हुए धीरे – धीरे ख़ून बहने से मर जाते हैं ।
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