गोपी श्री कृष्ण की मुरली को अपने होठों पर क्यों नहीं रखना चाहती है? - gopee shree krshn kee muralee ko apane hothon par kyon nahin rakhana chaahatee hai?

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गोपी अपने होंठों पर मुरली क्यों नहीं रखना चाहती ?

गोपी अपने होंठों पर मुरली क्यों नहीं रखना चाहती ? गोपियों किस का रूप धारण करना चाहती है और क्यों गोपी कृष्ण की मुरली को अपने अधरों से क्यों नहीं लगाना चाहती मुरली के प्रति गोपियों का क्या भाव है?

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गोपी अपने होंठों पर श्रृंगार करते समय श्रीकृष्ण की मुरली अपने होंठों पर इसलिए नहीं रखना चाहती क्योंकि वह मुरली को अपनी सौत मानती है। मुरली सदा श्री कृष्ण के होंठों पर लगी रहती थी। इसी सौतिया डाह के कारण वह मुरली को अपना शत्रु मानती है और उसे अपने होंठों पर नहीं लगाना चाहती है।

गोपी कृष्ण की मूर्ति को होठों पर क्यों नहीं रखना चाहती है?

उत्तरः गोपी अपनी सखी के कहने पर श्रीकृष्ण के सारे क्रिया-कलाप करने को तैयार है किन्तु वह अपने अधरों पर मुरली नहीं रखेगी। इससे उसे परहेज है क्योंकि मुरली के प्रति उसे सौतिया डाह है तथा यह कृष्ण के द्वारा जूठी कर दी गई है अतः उसे अपने होठों पर वह धारण नहीं करेगी।

गोपियों ने श्री कृष्ण की मुरली क्यों छुपाई?

वे कृष्ण की मुरली को छिपा देती हैं और कृष्ण के पूछने पर वे साफ़ मना कर जाती हैं, परंतु आँखों की भौंहों से हँसकर मुरली अपने पास होने का संकेत दे देती हैं ताकि कृष्ण उनसे बार-बार मुरली के बारे में पूँछे तथा वे बतरस का आनंद उठा सकें। यही कारण है कि गोपियाँ कृष्ण की मुरली को छिपा देती हैं।

गोपी कानों में अंगुली क्यों देना चाहती है?

गोपी कानों में उँगली इसलिए रखना चाहती है क्योंकि जब कृष्ण मंद एवं मधुर स्वर में मुरली बजाएँ तथा ऊँची अटारियों पर चढ़कर गोधन गाएँ तो उनका मधुर स्वर उसके कानों में न पड़े तथा गोपी इस स्वर के प्रभाव में आकर कृष्ण के वश में न हो सके।

श्री कृष्ण को रिझाने के लिए गोपी क्या क्या करना चाहती है?

1 Answer. श्रीकृष्ण को रिझाने के लिए गोपियाँ श्रीकृष्ण के तरह-तरह के स्वांग करना चाहती हैं। वे श्रीकृष्ण की तरह अपने सिर पर मोरपंख धारण करना चाहती हैं, गुंजों की माला गले में पहनना चाहती है तथा पीतांबर ओवकर और हाथ में लाठी लेकर गायों के पीछे ग्वालों के साथ-साथ वन में भटकना चाहती हैं।