ग फादर की मृत्यु किस रोग से हुई लेखक ने उनके रोग के विधान पर क्या टिप्पणी की है? - ga phaadar kee mrtyu kis rog se huee lekhak ne unake rog ke vidhaan par kya tippanee kee hai?

Solution : फादर की मृत्यु गैंग्रीन नामक रोग से हुई। इस रोग में शरीर के अंदर एक जहरीला फोड़ा हो जाता है, जो बहुत यातना देता है। लेखक ने फादर के शांत अमृतमय जीवन को देखा था। उन्होंने जीवन भर लोगों को दिया ही दिया था। लोगों को स्नेह, वात्सल्य और करुणा का दान दिया था। ऐसे व्यक्ति की मृत्यु बड़ी शांत होनी चाहिए । इसलिए लेखक ने उनकी यातनामय मृत्यु पर असंतोष प्रकट किया।

Short Note

फ़ादर बुल्के की मृत्यु से लेखक आहत क्यों था?

Advertisement Remove all ads

Solution

फ़ादर बुल्के लोगों से सद्व्यवहार करते हुए हमेशा प्यार बाँटते रहे। उन्हें किसी पर क्रोध करते हुए लेखक ने नहीं देखा था। उनके मन में दूसरों के लिए सदैव सहानुभूति एवं करुणा भरी रहती थी। ऐसे व्यक्ति की मृत्यु ज़हरबाद नामक कष्टदायी फोड़े से हुई। फ़ादर जैसे उदार महापुरुष की ऐसी मृत्यु के बारे में जानकर लेखक आहत हो गया।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A)

  Is there an error in this question or solution?

Advertisement Remove all ads

Chapter 13: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक - अतिरिक्त प्रश्न

Q 1Q 12Q 2

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 13 सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक
अतिरिक्त प्रश्न | Q 1

Advertisement Remove all ads

फादर की मृत्यु किस रोग से हुई लेखक ने उनके रोग के विधान पर क्या टिप्पणी की है?

Solution : फादर की मृत्यु गैंग्रीन नामक रोग से हुई। इस रोग में शरीर के अंदर एक जहरीला फोड़ा हो जाता है, जो बहुत यातना देता है। लेखक ने फादर के शांत अमृतमय जीवन को देखा था।

फादर कामिल बुल्के की मृत्यु कैसे हुई * 1 Point जहरवाद से पानी में डूबने से गिरने से बुखार से?

फादर बुल्के की मृत्यु जबरबाद (गैंगरीन) नामक बीमारी से हुई थी। 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' नामक पाठ में लेखक ने फादर कामिल बुल्के के विषय में वर्णन किया है। फादर कामिल बुल्के बेल्जियम के मूल निवासी थी, जिन्होंने अपनी जीवन भारत में बिताया।

लेखक तथा फ़ादर बुल्के की घनिष्ठता का परिचय कैसे मिलता है?

उत्तर फ़ादर कामिल बुल्के लेखक के साथ इलाहाबाद में 'परिमल' नामक संस्था से संबद्ध रहे थे। परिमल तथा लेखक के साथ फ़ादर के बहुत ही घनिष्ठ संबंध थे। परिमल में रहते हुए फ़ादर सबके साथ एक पारिवारिक रिश्ते में बँधे हुए थे। किसी भी उत्सव अथवा संस्कार के समय वे बड़े भाई और पुरोहित की भूमिका निभाते थे तथा सबको आशीर्वाद देते थे।

लेखक को ईश्वर से क्या शिकायत है?

Expert-verified answer लेखक ईश्वर से यह सवाल पूछना चाहता है कि जो व्यक्ति सब से प्रेम करने वाला था, जो सदैव सबकी भलाई करने वाला और उनके कल्याण के लिए हमेशा खड़ा रहता था, उसकी मृत्यु इतनी दर्दनाक क्यों हुई? यह सवाल लेखक 'फादर बुल्के' के विषय में करना चाहता था।