फास्फोरस सबसे ज्यादा किसमें पाया जाता है - phaasphoras sabase jyaada kisamen paaya jaata hai

रोग-मुक्त और स्वस्थ रहने के लिए खाद्य-पदार्थों में कुछ जरूरी पोषक तत्वों का होना जरूरी है। इनमें एक नाम फास्फोरस का भी आता है। यह एक मिनरल है, जो शरीर के लिए कई तरीकों से काम करता है और कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए, संतुलित आहार में फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ का होना जरूरी है। अब सवाल यह उठता है कि फास्फोरस के स्रोत कौन-कौन से हैं? स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम यही बताने जा रहे हैं, ताकि आप समझ सकें कि फास्फोरस किसमें पाया जाता है। फास्फोरस और फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में अधिक जानने के लिए जुड़े रहिये इस लेख से।

लेख विस्तार से पढ़ें

सबसे पहले हम कम शब्दों में फास्फोरस के बारे में एक छोटा-सा परिचय दे दें।

फास्फोरस क्या है?

फास्फोरस एक प्रकार का मिनरल है। यह दूसरा ऐसा मिनरल है, जो शरीर में सबसे ज्यादा मौजूद होता है। यह शरीर की हर कोशिका में मौजूद होता है। शरीर में अधिकांश फास्फोरस हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। दरअसल, हड्डियों और दांतों के निर्माण में फास्फोरस मुख्य भूमिका निभाता है। फास्फोरस के फायदों की बात करें, तो यह दांत, हड्डी, हृदय व किडनी के लिए लाभकारी हो सकता है (1)। अब आगे जानिए फास्फोरस के स्रोत के बारे में।

पढ़ते रहें

अब सीधे जानते हैं फास्फोरस किसमें पाया जाता है?

विषय सूची

  • फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ – Phosphorus Rich Foods in Hindi
  • कुछ भरोसेमंद फास्फोरस सप्लीमेंट – Phosphorus Supplements and Medications in Hindi

यहां हम एक या दो नहीं बल्कि 10 से भी ज्यादा फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में जानकारी दे रहे हैं। साथ ही उन्हें डाइट में शामिल करने का तरीका भी बताएंगे। अब पढ़िए फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में –

1. सोयाबीन

फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ में सोयाबीन का नाम भी शामिल है। सोयाबीन के फायदे कई सारे हैं। यह हृदय रोग, स्ट्रोक, धमनियों से संबंधित परेशानी और कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है। इसके साथ ही महिलाओं में सोयाबीन का सेवन मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में भी सहायक हो सकता है। अगर इसके पोषक तत्वों की बात की जाए, तो यह फास्फोरस के अलावा यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन का भी अच्छा स्त्रोत है (2)।

मात्रा :

  • 100 ग्राम सोयाबीन में लगभग 704 मिलीग्राम फॉस्फोरस मौजूद होता है (3)।

डाइट में शामिल करें :

  • सोयाबीन के दूध का सेवन किया जा सकता है।
  • सोयाबीन को भूनकर खा सकते हैं।
  • सोयाबीन के दूध से बने टोफू का सेवन किया जा सकता है।

2. एग्नॉग

हो सकता है कई लोगों के लिए यह नाम नया हो। दरअसल, यह दूध, क्रीम, चीनी और अंडे के सफेद भाग से बनने वाला एक पेय पदार्थ होता है, जो पौष्टिकता से भरपूर होता है। इसमें फास्फोरस के अलावा, विटामिन ए, सी, डी व कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं (4)। ऐसे तो इसका सेवन कभी भी किया जाता है, लेकिन कई लोग इसे क्रिसमस के दौरान स्पेशल पेय पदार्थ की श्रेणी में रखते हैं।

मात्रा :

  • एक कप एग्नॉग में 277 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (4)।

डाइट में शामिल करें :

  • पूरे दिन में कभी भी इसका सेवन किया जा सकता है। इसमें दूध और अंडा मौजूद होता है, तो इसे नाश्ते में या शाम को टी टाइम में ले सकते हैं। जो शाकाहारी हैं, वो अंडे का उपयोग न करके सोया मिल्क से इसे बनाकर सेवन कर सकते हैं।

नोट : गर्भवती इसका सेवन करने से बचें, क्योंकि इसमें कच्चे अंडे का प्रयोग होता है, जो हानिकारक हो सकता है।

3. आलू

भारतीय खाने की अगर बात की जाए, तो उसमें आलू एक अहम भूमिका अदा करता है। इसमें विटामिन बी, सी, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके सेवन शरीर को ऊर्जा मिलती है, जिससे व्यक्ति को फिजिकल एक्टिविटी करने में सहायता मिल सकती है। आलू के फायदे की बात करें, तो यह रक्तचाप को नियंत्रित रखने में भी सहायक हो सकता है (5)।

मात्रा :

  • 100 ग्राम आलू में लगभग 38 मिलीग्राम फास्फोरस मौजूद होता है (6)।

डाइट में शामिल करें :

  • आलू को सब्जी के रूप में डाइट में शामिल कर सकते हैं।
  • आलू को उबालकर काली मिर्च और नमक के साथ सेवन कर सकते हैं।
  • सैंडविच में आलू का उपयोग कर सकते हैं।

4. दही

दही का सेवन भी लगभग हर घर में किया जाता है। वहीं, शायद ही लोगों को पता होगा कि यह भी एक फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ है। इसके साथ ही इसमें प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में मौजूद है, जो मांसपेशियों के लिए उपयोगी हो सकता है। साथ ही यह प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्त्रोत है। प्रोबायोटिक्स ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जो मनुष्य शरीर के लिए लाभकारी हो सकते हैं। दही पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार कर सकता है (7)।

मात्रा :

  • 100 ग्राम दही में 144 मिलीग्राम फास्फोरस पाया जाता है (8)।

डाइट में शामिल करें :

  • दोपहर के भोजन के बाद दही का सेवन किया जा सकता है।
  • दही की लस्सी बनाकर पी सकते हैं।
  • दही का उपयोग आलू की सब्जी बनाने में कर सकते हैं।

5. चीज़

फास्फोरस के स्रोत की अगर बात की जाए, तो इसमें चीज़ को भी शामिल किया जा सकता है। चीज़ के कई प्रकार हैं, जैसे – रिकोटा, स्विस और मोज़ेरेला। इसमें से व्यक्ति अपनी पसंद के अनुसार चीज़ का चुनाव कर सकता है। चीज़ के पौष्टिक तत्वों की अगर बात की जाए, तो यह फास्फोरस के अलावा, विटामिन ए, के, प्रोटीन, कैल्शियम (हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्व), पोटेशियम और फैटी एसिड्स का भी अच्छा स्त्रोत है (9)।

मात्रा :

  • 100 ग्राम चीज़ में 438 मिलीग्राम फास्फोरस मौजूद होता है (9)।

डाइट में शामिल करें :

  • चीज़ को सैंडविच में डालकर सेवन कर सकते हैं।
  • चीज़ बॉल्स बनाकर खा सकते हैं।
  • पराठा, दोसा या गार्लिक ब्रेड के साथ भी चीज़ का उपयोग किया जा सकता है।

नोट : अगर किसी को मोटापे या बढ़ते वजन की समस्या है, वो चीज़ के सेवन से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

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6. हरी मटर

पौष्टिकता के साथ सब्जी का स्वाद बढ़ाना हो, तो इसमें हरी मटर भी कुछ कम नहीं है। फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ की श्रेणी में शामिल हरी मटर प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, विटामिन-सी का भी अच्छा स्त्रोत है। साथ ही इसमें गर्भावस्था के दौरान उपयोगी माना जाने वाला पोषक तत्व फोलेट भी है। इतना ही नहीं, इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी कैंसर जैसे गुण भी मौजूद हैं। हरी मटर का उपयोग कई तरह की बीमारियों से बचाव का काम कर सकता है और व्यक्ति को स्वस्थ बना सकता है (10)।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम हरी मटर में 108 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (11)।

डाइट में शामिल करें :

  • हरी मटर को ऐसे भी सलाद के साथ खाया जा सकता है।
  • इसकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
  • हरी मटर को फ्राई करके सेवन कर सकते हैं।
  • हरी मटर का पराठा खा सकते हैं।

7. अलसी के बीज

भारत में खाद्य पदार्थों की वैरायटी की कोई कमी नहीं है। इसी में शामिल हैं अलसी के बीज, जो शरीर के लिए कई तरीके से फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसमें कई सारे औषधीय गुण भी मौजूद हैं। एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटिक, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुणों से भरपूर अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड भी मौजूद होता है। इसका सेवन हृदय रोग, गठिया व डायबिटीज के लिए उपयोगी हो सकता है। साथ ही यह कैंसर से बचाव में भी मददगार हो सकते हैं (12)।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम अलसी के बीज में 642 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (13)।

डाइट में शामिल करें :

  • अलसी के बीज का सेवन स्मूदी या सलाद के साथ किया जा सकता है।
  • अलसी के बीज का सेवन गर्म पानी के साथ किया जा सकता है। सेवन से पहले 10 मिनट तक अलसी के बीज को गर्म पानी में भिगो दें, फिर इसका सेवन कर सकते हैं।
  • अलसी के लड्डू का सेवन कर सकते हैं।
  • इसके अलावा अलसी के तेल का उपयोग सलाद में ड्रेसिंग के तौर पर किया जा सकता है।
  • डॉक्टरी सलाह से अलसी के चूर्ण या कैप्सूल का सेवन भी कर सकते हैं।

8. ओट्स

अगर हेल्दी नाश्ते की बात की जाए, तो ओट्स का नाम भी कई लोगों की जुबान पर आ जाता है। ओट्स पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी हो सकता है। ओट्स के फायदे की अगर बात की जाए, तो इसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने, कैंसर के जोखिम से बचाव व डायबिटीज के लक्षण को कम करने के गुण मौजूद होते हैं। साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भी भरपूर होता है (14)। देखा जाए, तो यह दिन की हेल्दी शुरुआत के तौर पर अच्छा विकल्प हो सकता है।

मात्रा :

  • 100 ग्राम ओट्स में 410 मिलीग्राम फॉस्फोरस होता है (15)।

डाइट में शामिल करें :

  • ओट्स को सुबह नाश्ते में दूध के साथ सेवन किया जा सकता है।

9. राजमा

फ्लैवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर राजमा का नाम भी फॉस्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों में से एक है। भले ही लोग राजमा का सेवन इसके स्वाद के लिए करते हों, लेकिन जाने-अनजाने में वो एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं। राजमा का उपयोग हृदय रोग, डायबिटीज और तंत्रिका से जुड़े रोग (neurodegenerative diseases) में भी उपयोगी हो सकता है (16)।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम राजमा में 406 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (17)।

डाइट में शामिल करें :

  • राजमा की करी बनाकर चावल के साथ खा सकते हैं।
  • उबले हुए राजमा का सेवन प्याज, टमाटर और नमक के साथ कर सकते हैं।

आगे और भी हैं

10. लीमा बीन्स

बीन्स कई तरह के होते हैं, इन्हीं में से एक है लीमा बीन्स। फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ की बात की जाए, तो इसमें लीमा बीन्स का नाम भी शामिल है। यह राजमा की तरह ही दिखने वाले बीन्स होते हैं और ये सफेद, हरे और बैंगनी रंगों में पाए जाते हैं। फास्फोरस के अलावा, यह आयरन, फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम और फोलेट का भी स्रोत हैं (18)।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम लिमा बीन्स में 136 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (18)।

डाइट में शामिल करें :

  • लीमा बीन्स की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
  • लीमा बीन्स का सूप बनाकर भी सेवन किया जा सकता है।

11. ब्राउन राइस

स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग रहने वाले लोग कई बार सफेद चावल की जगह पर ब्राउन राइस का विकल्प चुनते हैं। अगर फास्फोरस के स्रोत की बात करें, तो इसमें ब्राउन राइस का नाम भी शामिल है। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाली क्षति से बचा सकता है (19)। इतना ही नहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, खाने में सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का सेवन वजन कम करने में भी सहायक हो सकता है (20)।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम ब्राउन राइस में 103 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (21)।

डाइट में शामिल करें :

  • ब्राउन राइस का सेवन लंच या डिनर में किया जा सकता है।

12. राई

सरसों के नाम से भी जाना जाने वाले राई का उपयोग, अक्सर लोग भोजन बनाने के दौरान तड़का लगाने के लिए करते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, आयरन, फाइबर, कैल्शियम और पोटेशियम मौजूद होता है (22)। हालांकि, राई का उपयोग खाने में ज्यादा मात्रा में नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसका सेवन अन्य फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों के साथ कर सकते हैं, ताकि आवश्यक मात्रा में शरीर को फास्फोरस भी मिले और खाने का जायका भी बरकरार रहे।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम राई में 728 मिलीग्राम फास्फोरस मौजूद होता है (22)।

डाइट में शामिल करें :

  • सरसों को दाल या सब्जी में तड़का लगाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  • खाने में सरसों के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं।

13. तिल

मकर-संक्रांति के पर्व में खासतौर पर सेवन किया जाने वाला तिल भी फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ की लिस्ट में शामिल है। फास्फोरस के अलावा, इसमें सेसमोलिन और सेसमीन नामक दो मुख्य तत्व मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं। इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय रोग और धमनियों से संबंधित समस्याओं से बचाव करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, एंटीऑक्सीडेंट गुण एजिंग के प्रभाव को भी कम करने में मदद कर सकता है (23)।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम तिल में 774 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (24)।

डाइट में शामिल करें :

  • तिल के लाभ के लिए तिल के लड्डू का सेवन कर सकते हैं।
  • तिल से सलाद की ड्रेसिंग कर सकते हैं।
  • खाने में तिल के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं।

14. बादाम

फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ में बादाम भी शामिल है। पौष्टिक ड्राई फ्रूट्स में बादाम के सेवन की सलाह कई बार दी जाती है। बादाम का सेवन वजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन जैसी समस्याओं पर प्रभावकारी हो सकता है। इसके साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक हो सकता है (25)। अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई बार लोगों को खाली पेट सुबह बादाम के सेवन की भी सलाह दी जाती है।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम बादाम में 481 मिलीग्राम फास्फोरस मौजूद होता है (26)।

डाइट में शामिल करें :

  • बादाम को सीधे खा सकते हैं।
  • भिगोकर भी बादाम को खाया जा सकता है।
  • बादाम का उपयोग स्मूदी, मिल्कशेक और मिठाइयों में भी किया जा सकता है।
  • चाहें, तो बादाम दूध का उपयोग भी कर सकते हैं, लेकिन बादाम की तुलना में इसमें फास्फोरस की मात्रा कम होती है (27)।

15. टोफू

पनीर की तरह दिखने वाला टोफू सोयाबीन से बना एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। फास्फोरस के स्रोत की बात की जाए, तो इसमें टोफू का नाम भी शामिल है। इसके अलावा, इसमें आयरन व कैल्शियम जैसे पोषक तत्व भी मौजूद हैं (2)। इसके साथ ही इसमें आइसोफ्लेवोंस (एक प्रकार के पॉलीफेनोल्स), होता है, जो हार्मोन से जुड़े कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है। वहीं, महिलाएं अगर संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें, तो ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर के जोखिम से बचाव काफी हद तक हो सकता है (28)। इसके अलावा भी टोफू के फायदे स्वास्थ्य के लिए कई सारे हैं।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम टोफू में 483 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (29)।

डाइट में शामिल करें :

  • टोफू की सब्जी या करी बनाकर खा सकते हैं।
  • टोफू को बेक करके सेवन कर सकते हैं।
  • टोफू को सैंडविच में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • टोफू को फ्राई करके भी खाया जा सकता है।

16. सैल्मन

जो लोग नॉन वेज खाना पसंद करते हैं, वो फास्फोरस के लिए सैल्मन मछली को डाइट में शामिल कर सकते हैं। यह मछली पौष्टिक होने के साथ-साथ ह्रदय के लिए उपयोगी हो सकती है। दरअसल, यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का भी स्त्रोत है, जिस कारण यह ह्रदय के लिए फायदेमंद हो सकती है। इतना ही नहीं, इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-ब्लड क्लॉटिंग, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करने के गुण भी मौजूद होते हैं (30)। कुल मिलाकर यह एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है।

मात्रा : 

  • 100 ग्राम सैल्मन मछली में 261 मिलीग्राम फास्फोरस होता है (31)।

डाइट में शामिल करें :

  • सैल्मन मछली को फ्राई करके खा सकते हैं।
  • सैल्मन मछली की करी भी बनाकर सेवन कर सकते हैं।
  • इसे रोस्ट करके भी खा सकते हैं।
  • इसका सेवन बेक करके भी किया जा सकता है।

अभी लेख बाकी है

लेख में अब जानते हैं फास्फोरस सप्लीमेंट के बारे में।

कुछ भरोसेमंद फास्फोरस सप्लीमेंट – Phosphorus Supplements and Medications in Hindi

फास्फोरस के स्रोत के लिए फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ अच्छा विकल्प माने जाते हैं। वहीं, किसी को अगर फास्फोरस की अधिक जरूरत है, तो डॉक्टरी परामर्श पर फास्फोरस सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं। फास्फोरस सप्लीमेंट में सिर्फ फास्फोरस हो सकता है या फिर यह किसी अन्य सामग्री के साथ या कुछ मल्टीविटामिन/मल्टीमिनरल के साथ भी उपलब्ध हो सकता है। सप्लीमेंट में फास्फोरस आमतौर पर फॉस्फेट सॉल्ट के रूप में होता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (32) (33) :

  • डिपोटेशियम फॉस्फेट (dipotassium phosphate)
  • डिसोडियम फॉस्फेट (disodium phosphate)
  • फॉस्फेटिडिलकोलाइन (phosphatidylcholine)
  • फॉस्फेटिडिलसरीन (phosphatidylserine)

तो ये थे कुछ फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ, जिन्हें आसानी से आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। अगर ये फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ आप पहले से ही ले रहे हैं, तो अच्छी बात है। वहीं, किसी ने अगर अभी तक फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ डाइट में शामिल नहीं किए हैं, तो आज से ही अपने पसंदीदा फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ चुनें और दैनिक आहार का हिस्सा बनाएं। अगर आपसे कोई पूछे कि फास्फोरस किसमें पाया जाता है? तो उन्हें आप यह लेख शेयर कर सकते हैं। उम्मीद है कि फास्फोरस के स्रोत पर लिखा यह लेख आपको पंसद आया होगा।

क्सर पूछे जाने वाले सवाल

सबसे अधिक फास्फोरस किसमें पाया जाता है?

फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ कई सारे हैं, जिनके बारे में हमने लेख में जानकारी दी है। वहीं, ओट्स, तिल, अलसी के बीज और राजमा में सबसे अधिक फास्फोरस पाया जाता है।

क्या कॉफी में अधिक फास्फोरस है?

नहीं, कॉफी की 100 ग्राम मात्रा में केवल 3 मिलीग्राम ही फास्फोरस होता है (34)।

अंडे में उच्च मात्रा में क्या पाया जाता है, पोटेशियम या फास्फोरस?

पोटेशियम और फास्फोरस में से अंडे में फास्फोरस अधिक होता है (35)।

फास्फोरस की कमी के कारण कौन-सी बीमारी होती है?

दुर्लभ मामलों में फास्फोरस की कमी से संक्रमण, खून की कमी (एनीमिया), मांसपेशियों की कमजोरी और  पैरेस्थेसिया (हाथ-पैरों में झुनझुनी) की समस्या हो सकती है (32)।

Sources

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  • Tofu, dried-frozen (koyadofu)
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/172450/nutrients
  • Omega-3 fatty acids
    https://medlineplus.gov/ency/imagepages/19302.htm
  • Salmon, raw
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/782616/nutrients
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    https://ods.od.nih.gov/factsheets/Phosphorus-HealthProfessional/
  • Phosphate, salts
    https://medlineplus.gov/druginfo/natural/735.html
  • Coffee, brewed
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/789337/nutrients
  • Eggs, Grade A, Large, egg whole
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/748967/nutrients

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फास्फोरस सबसे ज्यादा किसमें पाया जाता है - phaasphoras sabase jyaada kisamen paaya jaata hai

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फास्फोरस सबसे ज्यादा किसमें पाया जाता है - phaasphoras sabase jyaada kisamen paaya jaata hai

अनुज जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। अनुज को प्रिंट... more

फास्फोरस क्या खाने से बढ़ता है?

फास्फोरस प्राकृतिक रूप से अंडे, पनीर, दही, डार्क चॉकलेट और दूध जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है। फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों के अलावा, आहार कैल्शियम और प्रोटीन से भी भरपूर होना चाहिए, क्योंकि वे फास्फोरस को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करते हैं।

शरीर में फास्फोरस की कमी से क्या होता है?

भूख न लगना : अगर एनर्जी लेवल के कम होने के वजह से ही आपको भूख भी नहीं लग रही है तो ज़रूरी है कि आप अपने शरीर का चेकअप करवा लें क्योंकि यह फॉस्फोरस के कम होने का सबसे मुख्य लक्षण है।

फास्फोरस की अधिकता से कौन सी बीमारी होती है?

यदि गुर्दे के माध्यम से फॉस्फेट का निष्कासन कम हो जाता है, खासकर जब खाद्य पदार्थों में फॉस्फेट का अधिक सेवन होता है, तो हाइपरफॉस्फेटिमिया हो सकता है। ऐसा गुर्दे की समस्याओं जैसे कि तीव्र या पुरानी गुर्दे की विफलता के केस में देखा जा सकता है।

फास्फोरस कौन से फल में पाया जाता है?

शरीर में अधिकांश फास्फोरस हड्डियों और दांतों में पाया जाता है।.
सोयाबीन फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थ में सोयाबीन का नाम भी शामिल है। ... .
एग्नॉग ... .
आलू ... .
दही ... .
चीज़ ... .
हरी मटर ... .
अलसी के बीज ... .