स्टोरी हाइलाइट्स Show
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपना नाम बदल लिया है. अब से दुनिया फेसबुक को 'मेटा' के नाम से जानेगी. गुरुवार को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक मीटिंग के दौरान ये ऐलान किया. लंबे समय से फेसबुक के नाम को बदलने की चर्चा चल रही थी. अब उसी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और फेसबुक का नया नाम 'मेटा' कर दिया गया है. फेसबुक ने बदला अपना नाम मार्क जुकरबर्ग लंबे समय से अपने सोशल मीडिया कंपनी की दोबारा ब्रान्डिंग करना चाहते हैं. वे इसे एकदम अलग पहचान देना चाहते हैं, एक ऐसी जहां फेसबुक को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर ना देखा जाए. अब उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए फेसबुक का नाम बदल मेटा किया गया है. कंपनी का फोकस अब एक मेटावर्स बनाने पर है जिसके जरिए एक ऐसी वर्चुअल दुनिया का आगाज हो जाएगा जहां पर ट्रांसफर और कम्यूनिकेशन के लिए अलग-अलग टूल का इस्तेमाल किया जा सकेगा. नए नाम के क्या हैं मायने? जानकारी के लिए बता दें कि फेसबुक के फॉर्मर सिविक इंटीग्रिटी चीफ समिध चक्रवर्ती की तरफ से इस नए नाम का सुझाव दिया गया था. अब क्योंकि मार्क जुकरबर्ग पहले से ही वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी में भारी निवेश कर रहे थे, ऐसे में उनके लिए अपनी कंपनी का नाम बदल मेटा करना कोई बड़ी बात नहीं थी. अब इस नए नाम के जरिए वे पूरी दुनिया के सामने खुद को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक सीमित नहीं रखने वाले हैं.
अब कंपनी ने अपना नाम तो बदला ही है, इसके अलावा कई लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोल दिए हैं. फेसबुक अपने आप को दोबारा रीब्रान्ड तो कर ही रहा है, इसके अलावा अब 10 हजार के करीब नए लोगों को नौकरी पर रखने की भी तैयारी कर रहा है. ये सभी लोग मेटावर्स वाली दुनिया को बनाने में मदद करने वाले हैं. क्यों बदलना पड़ गया नाम? वैसे कंपनी की तरफ से नाम बदलने का ये बड़ा कदम उस समय उठाया गया है, जब फेसबुक पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं. कहा जा रहा है कि कंपनी अपने यूजर के डेटा तक को सुरक्षित नहीं रख पा रही है. हाल ही में जब एक फेसबुक के पूर्व कर्मचारी Frances Haugen ने कंपनी के कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट लीक कर दिए थे, उसमें ये सामने आया था कि फेसबुक ने यूजर सेफ्टी के ऊपर अपने खुद के मुनाफे को रखा था. मार्क ने जरूर इसे झूठ बता दिया था, लेकिन कंपनी की काफी किरकिरी हुई थी. ऐसे में अब जब कंपनी ने अपना नाम बदला है, तब मार्क जुकरबर्ग ने लोगों की निजता का खासा ध्यान रखा है. अपने संबोधन में उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में ऐसे सेफ्टी कंट्रोल की जरूरत पड़ेगी जिससे मेटावर्स की दुनिया में किसी भी इंसान को दूसरे की स्पेस में जाने की इजाजत ना रहे. ये भी पढ़ें
कैलिफॉर्नियाएक वर्ष पहले
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अब 'मेटा' नाम से जानी जाएगी। फेसबुक के फाउंडर और CEO मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को ऑकलैंड में आयोजित सालाना कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, 'भविष्य के वर्चुअल-रियलिटी विजन (मेटावर्स) को हासिल करने के लिए हम खुद को री-ब्रांड कर रहे हैं। अब हमारे लिए फेसबुक फर्स्ट की जगह मेटावर्स फर्स्ट होगा।' 1 दिसंबर से ट्रेडिंग भी नए नाम से होगी जुकरबर्ग ने बताया कि इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप सहित कंपनी के दूसरे ऐप और सर्विस नए बेसिक स्ट्रक्चर में ही काम करेंगे। यह री-ब्रांडिंग वैसी ही होगी, जैसा गूगल ने अल्फाबेट नाम से ओरिजनल स्ट्रक्चर सेट करने के लिए किया था। हालांकि अल्फाबेट की तर्ज पर फेसबुक कॉरपोरेट री-स्ट्रक्चरिंग नहीं करेगी। कंपनी ने कहा है कि हमारी फाइनेंशियल रिपोर्टिंग दो सेगमेंट- रियलिटी लैब्स और फैमिली ऑफ ऐप्स में बंट जाएगी। जुकरबर्ग बोले- यह बदलाव हमारे इरादों की झलक फेसबुक के इस बदलाव की वजह क्या है और यूजर पर क्या असर होगा, सवाल-जवाब में समझिए- फेसबुक ने
नाम क्यों बदला? मेटावर्स क्या है? काम कैसे करता है? मेटावर्स का एक्सपीरिएंस आपको
कब तक मिल सकता है? फेसबुक के अलावा और कौन-कौन सी कंपनियां मेटावर्स पर काम कर रही हैं? मेटावर्स पर फेसबुक शुरुआती फेज में कितना खर्च करेगी? इससे आपका इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका किस तरह बदलेगा, इसे कुछ उदाहरणों से समझते हैं-
मेटावर्स को लेकर अब तक बड़ा इवेंट क्या हुआ है? मेटावर्स का आइडिया आया कहां से? मेटावर्स को लेकर क्या खतरे
हैं? फेसबुक ने मेटा नाम क्यों रखा?असल में सवाल में ही जुकरबर्ग के नए कदम का जवाब है। जुकरबर्ग और उनकी टीम अब इंटरनेट की नई दुनिया पर तेजी से काम करने चाह रहे हैं। ऐसे में वह अपनी कंपनी की पहचान केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रुप में नहीं रखना चाहते है। इसीलिए कंपनी का नाम मेटा कर दिया गया है।
फेसबुक का असली नाम क्या है?जब मार्क हार्वर्ड में पढ़ाई कर रहे थे तभी उन्होंने अपने पढ़ाई के दौरान फेसबुक को बनाया था पर उस समय फेसबुक का नाम फेसबुक नहीं बल्कि facemash था उन्होंने अपने रूममेट Eduardo Saverin, Andrew McCollum, Dustin Moskovitz और Chris Hughes के साथ मिलकर एक वेबसाइट बनाया जिसका नाम उन्होंने facemash रखा.
Facebook का नाम बदलकर क्या रखा गया है?फेसबुक ने अपना कॉर्पोरेट नाम बदलकर अब 'मेटा' META कर लिया है. इसकी घोषणा गुरुवार को की गई. नए नाम से के साथ ही कुछ बदलाव भी देखने को मिलेंगे.
Meta क्या है in Hindi?Facebook के Co-founder और CEO मार्क जुकरबर्ग ने 28 अक्टूबर 2021 को Facebook का नाम बदलकर Meta रख दिया। Meta शब्द ग्रीक से आया है जिसका मतलब Beyond यानी आगे होता है यह एक आभासी दुनिया है जहां आप Internet के सहारे कई तरह की तकनीक और सेवाओं का आनंद ले सकते हैं। आज Meta शब्द अमेरिका के प्रसिद्ध कंपनी Facebook के वजह से है।
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