एशिया की सबसे बड़ी झील का नाम क्या है? - eshiya kee sabase badee jheel ka naam kya hai?

राजस्थान के इंद्रधनुषी जादू से सैलानी हमेशा सम्मोहित होते आए हैं। लाखों देशी एवं विदेशी पर्यटक हर साल यहां आते हैं। जयसमंद झील को एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील होने का दर्जा प्राप्त...

Tue, 29 May 2012 03:13 PM

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राजस्थान के इंद्रधनुषी जादू से सैलानी हमेशा सम्मोहित होते आए हैं। लाखों देशी एवं विदेशी पर्यटक हर साल राज्य की ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, किले, महल देवालय, छतरियां को देखने आते हैं। यह एक ओर स्थापत्य एवं मूर्तिकला के अद्वितीय नमूने हैं वहीं दूसरी ओर जयसमंद झील को एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील होने का दर्जा प्राप्त है।

जयसमंद झील उदयपुर जिला मुख्यालय से 51 किमी. दूर दक्षिण-पूर्व की ओर उदयपुर-सलूंबर मार्ग पर स्थित है। अपने प्राकृतिक परिवेश और बांध की स्थापत्य कला की खूबसूरती से जयसमंद झील बरसों से पर्यटको के आकर्षण का महत्वपूर्ण स्थल बनी हुई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उदयपुर के तत्कालीन महाराणा जयसिंह द्वारा 1687 से 1691 ईसवीं के मध्य 14 हजार 400 मीटर लंबाई एवं 9 हजार 500 मीटर चौड़ाई में निर्मित यह कृत्रिम झील एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी का स्वरूप मानी जाती है।

दो पहाड़ियों के बीच में ढेबर दर्रा (झील) को कृत्रिम झील का स्वरूप दिया गया और महाराणा जयसिंह के नाम पर इसे जयसमंद कहा जाने लगा। उन्होंने बताया कि कुछ सालों पहले इस झील में नौ नदियों एवं आधा दर्जन से अधिक नालों से पानी आता था, लेकिन अब मात्र गोमती और इसकी सहायक नदियों और कुछ नालों से ही पानी की आवक हो रही है।

सूत्रों ने ऐतिहासिक दस्तावेजों के हवाले से बताया कि झील में पानी लाने वाली गोमती नदी पर महाराणा जयसिंह ने 375 मीटर लंबा एवं 35 मीटर उंचा बांध बनवाया था, जिसके तल की चौड़ाई 20 मीटर एवं ऊपर से चौड़ाई पांच मीटर है। बांध का निर्माण बरवाडी की खानों के सफेद सुमाजा (सीस्ट) पत्थर से कराया गया है। क्षील की मजबूती के लिहाज से दोहरी दीवार बनाई गई है।

सुरक्षा की दृष्टि से इस बांध से करीब 100 फीट की दूरी पर 396 मीटर लंबा एवं 36 मीटर ऊंचा एक और बांध का निर्माण कराया गया। महाराणा सज्जनसिंह एवं फतेहसिंह के समय में इन दो बांधों के बीच के भाग को भरवाया गया और समतल भूमि पर वृक्षारोपण किया गया। स्थापत्य कला की दृष्टि से बना बांध अपने आप में आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

एशिया की संभवतः सबसे बड़ी कृत्रिम झील बांध के उत्तरी छोर पर महाराणा फतेहसिंह द्वारा निर्मित महल है जिन्हें अब विश्रामगृह में तब्दील कर दिया गया है। दक्षिणी छोर पर बने महल महाराज कुमार के महल कहे जाते थे। झील के अंदर बांध के सम्मुख एक टापू पर पर्यटकों की सुविधा के लिए जयसमंद आइलैंड का निर्माण एक निजी फर्म द्वारा कराया गया है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए ठहरने के लिए अच्छे सुविधायुक्त वातानुकूलित कमरे, रेस्टोरेंट, तरणताल एवं विविध मनोरंजन के साधन उपलब्ध हैं।

जयसमंद के निकट वन एवं वन्यजीव प्रेमियों के लिए वन विभाग द्वारा वन्यजीव अभ्यारण्य भी बनाया गया है। यहां एक मछली पालन का अच्छा केंद्र भी है। जयसमंद झील की खूबसूरती और प्राकृतिक परिवेश की कल्पना इसी से की जा सकती है कि अनेक फिल्मकारों ने अपनी फिल्मों में यहां के दृश्यों को कैद किया है। सड़क के किनारे सघन वन होने से उदयपुर से झील तक पहुंचना भी अपने आप में रोमांच का अनुभव कराता है।

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Explaination - दक्षिणी मिस्र और उत्तरी सूडान में एक विशाल जलाशय है। यह दुनिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झीलों में से एक है।  एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील नासिर झील है और दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील जयसमंद झील है। नासिर झील का निर्माण 1958 और 1970 के बीच नील नदी के पानी में असवान हाई बांध के निर्माण के परिणामस्वरूप हुआ था। झील का अधिकांश हिस्सा मिस्र में और बाकी सूडान देश में है।

बाल्काश झील (कज़ाख़: Балқаш Көлі, अंग्रेज़ी: Lake Balkhash) मध्य एशिया के क़ाज़ाख़स्तान देश में स्थित एक विशाल झील है। यह एशिया की सबसे बड़ी झीलों में से एक है। इसका कुल क्षेत्रफल १६,४०० किमी२ है, लेकिन इसमें पानी डालने वाली नदियों से सिंचाई के लिए पानी खिचने की वजह से इसका आकार घट रहा है। बीच में एक धरती की ऊँगली इसे दो हिस्सों में बांटती है - पश्चिमी भाग का पानी मीठा है जबकि पूर्वी भाग का पानी खारा है। पूर्वी भाग पश्चिमी भाग से अधिक गहरा है। इसका सबसे गहरा स्थान केवल २६ मीटर गहरा है।[1]

बलख़श झील एक बंद जलसम्भर में स्थित है जिसमें सात नदियों का पानी आता है, जिसमें सबसे प्रमुख इली नदी (Ili River) है। झील के किनारे बहुत से शहर बसे हुए हैं जिनमें सबसे बड़े का नाम भी बलख़श शहर है। इसमें ६६,००० निवासी रहते हैं।

बाल्काश झील पूर्वी कजाकिस्तान में एक विशाल अर्धचंद्राकार खारे पानी की झील है। इसकी सागरतल से ऊँचाई ९०० फुट है। ईली, आस्क् और लेप्सा आदि नदियाँ इसमें गिरती हैं, किंतु इस झील से कोई नदी निकलती नहीं। यह रेगिस्तानी भाग में स्थित है। इसका पूर्व तटीय भाग खारी मिट्टी का प्रदेश है। इसके तटों पर मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। उत्तरी किनारे पर ताँबें की खानें हैं, एवं बाल्काश नगर में ताँबा गलाने का काम भी होता है।

एशिया की सबसे बड़ी झील कौन सी है?

बाल्काश झील (कज़ाख़: Балқаш Көлі, अंग्रेज़ी: Lake Balkhash) मध्य एशिया के क़ाज़ाख़स्तान देश में स्थित एक विशाल झील है। यह एशिया की सबसे बड़ी झीलों में से एक है। इसका कुल क्षेत्रफल १६,४०० किमी२ है, लेकिन इसमें पानी डालने वाली नदियों से सिंचाई के लिए पानी खिचने की वजह से इसका आकार घट रहा है।

एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील कौन?

ओडिशा की चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, इसका कैचमेंट क्षेत्र लगभग 3,560 वर्ग किलोमीटर है।

एशिया की दूसरी सबसे बड़ी झील कौन सी है?

उदयपुर 02 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की जयसमन्द झील लबालब होकर बुधवार को छलक गई है।

एशिया की सबसे गहरी झील कौन है?

एशिया में विश्व की सबसे गहरी झील 'बैकाल' झील स्थित है। एशिया में विश्व की सबसे बड़ी झील 'कैस्पियन' सागर है।

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