एक लकुटी और कमरिया पर कभी सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार हैं? - ek lakutee aur kamariya par kabhee sab kuchh nyochhaavar karane ko kyon taiyaar hain?

एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है?

श्री कृष्ण रसखान जी के आराध्य देव हैं। उनके द्वारा डाले गए कंबल और पकड़ी हुई लाठी उनके लिए बहुत मूल्यवान है। श्री कृष्ण लाठी व कंबल डाले हुए ग्वाले के रुप में सुशोभित हो रहे हैं। जो कि संसार के समस्त सुखों को मात देने वाला है और उन्हें इस रुप में देखकर वह अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हैं। भगवान के द्वारा धारण की गई वस्तुओं का मूल्य भक्त के लिए परम सुखकारी होता है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 A)

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एक िकुि और कामररया पर कवि सब कुछ न्धयोछािर करने को क्यों तैयार है?

Question 3: एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार हैं? उत्तर: कवि हर वह काम करने को तैयार है जिससे वह कृष्ण के सान्निध्य में रह सके। इसलिए वह एक लकुटी और कम्बल पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार है

एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हैं लकुटी और कमरिया क्या हैं?

कृष्ण गायों को चराते समय लकुटी और कामरिया अपने साथ रखते थे। यह कोई साधारण वस्तुएँ न होकर कृष्ण से सम्बंधित वस्तुएँ है। यही कारण है कि कृष्ण की लाठी और कंबल के लिए कवि अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार है।

लकुटी लेकर रसखान क्या करना चाहते हैं और क्यों?

लकुटी लेकर रसखान वह अपने गोवा लो के साथ अपना भी ऐसी खेत जोते यह चाहत यह सब चाहते थे। और वह इसलिए चाहते थे कि वह हर जन्म जन्म तक इसी श्री कृष्ण जी की बस्ती में रहे।

गोपियाँ अपने आप को क्यों विवश पाती हैं?

चौथे सवैये के अनुसार कृष्ण का रूप अत्यंत मोहक है तथा उनकी मुरली की धुन बड़ी मादक है। उनकी मरली की धुन तथा मुस्कान इतनी आकर्षक है कि इन दोनों से गोपियो के लिए बच पाना काफ़ी मुश्किल है। गोपियाँ कृष्ण की सुन्दरता तथा तान पर आसक्त हैं इसलिए वे कृष्ण के समक्ष विवश हो जाती हैं