एक जुगनू ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ हूँ, वक्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो - ek juganoo ne kaha main bhee tumhaare saath hoon, vakt kee is dhundh mein tum roshanee banakar dikho

निम्नलिखित पठित पद्यांश दी गई पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

एक जुगनू ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ हूँ,
वक्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो।
एक मर्यादा बनी है हम सभी के वास्ते,
गर तुम्हें बनना है मोती सीप के अंदर दिखो।
डर जाए फूल बनने से कोई नाजुक कली,
तुम ना खिलते फूल पर तितली के टूटे पर दिखो।
कोई ऐसी शक्ल तो मुझको दिखे इस भीड़ में,
मैं जिसे देखूँ उसी में तुम मुझे अक्सर दिखो।

1. पद्यांश के आधार पर संबंध जोड़कर उचित वाक्य तैयार कीजिए: (2)

  1. जुगनू धुंध
  2. रोशनी तितला
    मैं
  1. ______
  2. ______

2. 

i. निम्नलिखित के लिए पद्यांश से शब्द ढूँढ़कर लिखिए: (1)

  1. लोगों का समूह - ______
  2. सीप में बनने वाला रत्न् - ______

ii. पद्यांश में आए 'पर' शब्द के अलग-अलग अर्थ लिखिए: (1)

  1. ______
  2. ______

3. अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ २५ से ३० शब्दों में लिखिए: (2)

1. 

  1. जुगनू ने कहा कि मैं तुम्हारे साथ हूँ।
  2. वक्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो।

2. i. निम्नलिखित के लिए पद्यांश से शब्द ढूँढ़कर लिखिए:

  1. लोगों का समूह - भीड़
  2. सीप में बनने वाला रत्न् - मोती

पद्यांश में आए 'पर' शब्द के अलग-अलग अर्थ लिखिए:

  1. परंतु
  2. पंख

3. गजलकार कहता है कि तुम्हें कली से फूल बनने के इस थोड़े-से संघर्ष से नहीं घबराना चाहिए। तुम्हें तो तितली के टूटे पर की भाँति दिखना है, जो तितली के अथाह संघर्ष को दर्शाता है। गजलकार कहता है कि उसे दुनिया की इस भीड़ में एक ऐसे सच्चे चेहरे की तलाश है, जिसे देखने के बाद हर व्यक्ति में उसी की झलक दिखाई दे।

Concept: पद्य (10th Standard)

  Is there an error in this question or solution?