ड्राईक्लीन का सीधा अर्थ निकालें तो लगता है कि यह सूखी सफाई होती होगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. ड्राई क्लीनिंग का मतलब है, बिना पानी उपयोग में लाये कपड़ों की धुलाई या सफाई . ड्राईक्लीन में कपड़ों को साफ करने के लिए पानी और साबुन या डिटर्जेंट के बजाय रासायनिक सोलवेंट काम में लिया जाता है . Show
इस तरीके से सामान्य तौर पर नाजुक कपड़ों की सफाई या धुलाई की जाती है जो घरेलु तरीके से धोने में प्रयुक्त साबुन , डिटर्जेंट या घिसाई से ख़राब हो सकते हैं . रासायनिक सोल्वेंट महंगा जरुर होता है लेकिन यह कपड़ों को ख़राब होने से बचाने का एक अच्छा साधन है . ड्राई क्लीनिंग से नाजुक कपडे ख़राब नहीं होते . ड्राईक्लीन कैसे की जाती है – Dry clean processजिस कपड़े की ड्राई क्लीनिंग करनी होती है उसे एक तरल सोल्वेंट मे डुबोया जाता है . यह तरल सोल्वेंट अधिकतर परक्लोरोएथिलीन ( Perchloroethylene ) होता है जिसे PERC या PEC के नाम से जाना जाता है . यह ज्वलनशील नहीं होता है और सभी प्रकार के कपड़ों की उचित सफाई कर देता है . इसे रिसायकल करके दुबारा काम लिया जा सकता है . इसके अतिरिक्त पेट्रोलियम स्पिरिट ( trichloroethane ) का उपयोग भी सोल्वेंट के रूप में किया जाता है . पेट्रोलियम सोल्वेंट ज्वलशील होते हैं अतः खतरनाक हो सकते हैं . कुछ लोग क्लोरीनेटेड सोल्वेंट का उपयोग करते हैं जो कम ज्वलनशील होते है और सफाई भी अच्छी करते हैं . शुरू में जिन मशीनों से ड्राई क्लीनिंग की जाती थी उनमे सोल्वेंट हवा में उड़ जाता था जो हवा को भी प्रदूषित करता था और महंगा भी पड़ता था लेकिन अब ऐसी मशीने आती हैं जिनमे साल्वेंट को रिसायकल करके दुबारा काम में लिया जा सकता है . ये मशीने कम्प्यूटर सिस्टम से संचालित होती हैं जिसमे PCE लगभग पूरा काम में आ जाता है . ड्राई क्लीनिंग मशीन में भी घरेलु वाशिंग मशीन की तरह ही सफाई होती है . परंतु उसमे कपड़ों को पानी और डिटर्जेंट की जगह सोल्वेंट में डाल कर 10 -15 मिनट खंगाला जाता है . कपड़े साफ होने पर निकाल लिए जाते हैं फिर ड्रायर द्वारा उन्हें सुखा कर उन पर प्रेस कर ली जाती है . गंदा सोल्वेंट रिसायकलिंग की मशीन में जाकर साफ हो जाता है जिसे वापस काम में लिया जा सकता है . ड्राई क्लीनिंग और सादा धुलाई में अंतरdifference between dryclean and washing — ड्राई क्लीनिंग में सोल्वेंट का उपयोग होता है जबकि सादा धुलाई में पानी का उपयोग होता है . — ड्राई क्लीन में दाग धब्बे साफ करने के लिये PCE केमिकल काम में लाया जाता है जबकि सादा धुलाई में साबुन , डिटर्जेंट आदि लगाये जाते हैं . — ड्राई क्लीनिंग में काम आया गन्दा सोल्वेंट रिसायकल करके दुबारा काम लिया जा सकता है लेकिन सादा धुलाई में निकला गन्दा पानी दुबारा काम नहीं आता . — सादा धुलाई में कपड़े ड्रायर में घुमा कर या लटकाकर सुखाये जाते हैं जबकि ड्राई क्लीनिंग कपड़ों से सोल्वेंट निकाल कर सुखाये जाते हैं . कपड़े ड्राईक्लीन करवाने का फायदाDryclean benefits — सादा धुलाई से नहीं निकल सकने वाली कड़ी चिकनाई भी ड्राई क्लीनिंग से निकल सकती है . — कपड़े सिकुड़ने या ख़राब होने का डर नहीं होता . — कपड़े का रंग ख़राब नहीं होता . — कपड़े की गुणवत्ता वैसी ही बनी रहती है . — ड्राई क्लीन करवाने से कपड़े ज्यादा चलते हैं . — कपड़े से बदबू नहीं आती और फ्रेश फील होते हैं कौनसे कपड़े ड्राई क्लीन करवाने चाहिएDry clean kab karvaye सब कपड़ों को ड्राईक्लीन करवाने की जरुरत नहीं होती है . कुछ कपड़े एक बार ड्राई क्लीनिंग के बाद घर पर डिटर्जेंट से धोये जा सकने वाले होते हैं . जिन कपड़ों पर ड्राईक्लीन ओनली का टैग लगा हो उन्हें ड्राईक्लीन ही करवाना चाहिए . कुछ कपड़े नाजुक होते हैं जिन्हें ड्राई क्लीन करवाना ठीक रहता है जैसे रेशम से बने कपड़े , तफ्ता , ऊनी या गर्म कपड़े , वेलवेट , एसीटेट या रेयान तथा सिल्क या ऊन के मिश्रण से बने ब्लेंडेड कपड़े आदि . इसके अलावा स्वेड या लेदर से बने जैकेट आदि भी ड्राई क्लीन करवाने चाहिए . एम्ब्रोडरी , सितारे , बीड्स आदि लगे हुए कपड़े भी ड्राई क्लीन करवाना ठीक रहता है . कॉटन , लिनन , पोलिस्टर , एक्रिलिक तथा नायलोन आदि के कपड़े घर पर ही धोये जा सकते हैं . परन्तु इन कपड़ों से रंग नहीं निकलता हो यह जरुर चेक कर लेना चाहिए . यदि कपडे में बहुत सारी प्लीट्स या तह हों जिसे घर पर आयरन करना मुश्किल हो तो ऐसे कपडे ड्राई क्लीन करवाना सही रहता है . अस्तर वाले कपड़े घर पर धोना रिस्की हो सकता है क्योकि अस्तर ख़राब होने से फिटिंग बिगड़ सकती है ,अतः ऐसे कपड़े ड्राई क्लीन करवाना ठीक रहता है . जो कपड़े बहुत महंगे हों या आपको बहुत ज्यादा पसंद हों उन्हें घर पर धोने से ख़राब होने की रिस्क नहीं ली जा सकती अतः ऐसे कपडे ड्राईक्लीन करवा लेना सही रहता है . दो पैसे बचाने के चक्कर में पछतावा नहीं होना चाहिए . फिर भी यदि किसी मजबूरी वश ड्राईक्लीन वाले कपड़े धोने ही पड़ जायें तो ध्यान रखें – — ठंडा पानी और जेंटल डिटर्जेंट काम में लें . — उस कपड़े को अकेले ही धोएं दुसरे कपड़ों के साथ ना धोएं . — हाथ से धोना ठीक होता है , यदि वाशिंग मशीन में धोना हो तो जेंटल वाश वाली सेटिंग पर धोएं . — वाशिंग मशीन के ड्रायर में ना सुखाएं . बुने हुए या ऊनी वस्त्र लटका कर , किसी साफ सतह पर बिछा कर सुखाएं . — कपड़े को मरोड़ते हुए निचोड़ कर पानी ना निकालें . हल्का निचोयें फिर सुखा दें . ड्राईक्लीन करवाने सम्बन्धी टिप्स – Dryclean Tipsविश्वसनीय लांड्री से ही ड्राई क्लीनिंग करवानी चाहिए . यदि ड्राई क्लीन वाले कपड़े पर किसी चीज का दाग लग जाये तो उसे जितना जल्दी हो सके ड्राई क्लीन के लिए दे देना चाहिए अन्यथा धब्बा सेट हो जाता है जिसे निकालना मुश्किल हो जाता है . धब्बे को घर पर निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए . कुछ लोगों को ग़लतफ़हमी है की ड्राई क्लीन करवाने से कपड़े का रंग नहीं निकलता परन्तु ऐसा सोचना गलत है . यदि रंग ज्यादा ही कच्चा होगा तो ड्राईक्लीन में भी निकल सकता है . ड्राई क्लीनिंग से बहुत पुराने सभी प्रकार के धब्बे साफ नहीं हो पाते . कुछ धब्बों को विशेष प्रकार के स्टेन रिमूवर से साफ किया जाता है . ड्राई क्लीनिंग के लिए देते समय कपड़े के साथ प्लास्टिक का सामान जैसे पेन आदि नहीं जाये इसका ध्यान रखें अन्यथा यह सोल्वेंट में घुलकर आपके तथा दूसरों के कपड़े ख़राब कर सकता है . घर में ड्राई क्लीन कैसे करें?एक बेसिन या बाल्टी में ठंडे पानी के साथ साबुन मिक्स करें: साबुन के टुकड़े या एक हल्के डिटरजेंट का प्रयोग करें, और पानी को थोड़ी देर तक हिलाएं, जब तक यह फोम ना पैदा करे। कभी भी ड्राइक्लीनिंग वाले कपड़ों पर गर्म पानी का उपयोग ना करें। यह फाइबर को नुकसान पहुंचाएगा और कपड़ों को सिकोड़ देगा।
कपड़ों पर ड्राई क्लीन कैसे करते हैं?हाथों से किस तरह करें ड्राई क्लीन-
अब एक बाल्टी में लॉन्ड्री डिटर्जेंट डालकर मिक्स करें और इसमें अपने कपड़े को डालकर 30 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद कपड़े के दाग वाले एरिया को रगड़कर साफ करें। बस अब अपने कपड़ों को आम तरीके से धो लें और उन्हें सुखा लें। आपको कपड़े एकदम साफ हो जाएंगे।
ड्राई क्लीनिंग कैसे होते हैं?शुष्क धुलाई मशीनों में संपन्न होती है। एक पात्र में वस्त्रों को रखकर उस पर विलायक डालकर, ऊँचे दाब वाली भाप से गरम करते हैं और फिर पात्र में से विलायक को बहाकर बाहर निकाल लेते हैं। कभी-कभी वस्त्रों पर ऐसे दाग पड़े रहते हैं जो कार्बनिक विलायकों में घुलते नहीं।
ड्राई क्लीन में क्या प्रयोग किया जाता है?ड्राई क्लीन के लिए यूज होने वाले डिटर्जेंट-
उदाहरण के लिए ऊनी कपड़ों के लिए लिक्वीड डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। उसी तरह ड्राई वॉश के लिए केमिकल का उपयोग कपड़े के अनुसार कर सकते हैं।
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