तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसे संकेतों के बारे में जो प्रसव पीड़ा शुरू होने से 24 से 48 घंटे पहले मिलते हैं। डिलीवरी के लिए बच्चे का सिर नीचे योनि की ओर आ जाता है। जब बच्चा इस पोजीशन में शिफ्ट होगा, आपको पता चल जाएगा। इससे फेफड़ों पर पड़ रहा थोड़ा दबाव कम होता है और मूत्राशय पर भार बढ़ जाता है। शिशु का सिर नीचे योनि की ओर आने की वजह से पेशाब करने की इच्छा बढ़
जाती है। अब आपको पहले से भी ज्यादा बार पेशाब करने जाना पड़ सकता है। लेबर शुरू होने पर आपको मल त्याग करने की जरूरत लग सकती है। चूंकि, इस समय आपको लेबर पेन भी शुरू हो रहा होता है, इसलिए आप इन दोनों के बीच के दर्द को समझ नहीं पाती हैं। अगर आप इस समय मल त्याग कर लेती हैं, तो पेल्विक हिससेमें शिशु के लिए जगह बन जाती है। लेबर शुरू होने पर महिलाओं को खाली पेट रहने की सलाह दी जाती है। यह भी पढ़ें :
बार-बार पेशाब आने से छुटकारा पाने के लिए करें ये घरेलू उपाय म्यूकस प्लग निकलनाप्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय ग्रीवा में म्यूकस प्लग बनता है। यह एक मोटा चिपचिपा प्लग होता है जो गर्भाशय ग्रीवा में नमी बनाए रखने और उसे बैक्टीरिया से बचाने के लिए बनता है। डिलीवरी डेट आने पर गर्भाशय ग्रीवा चौड़ी होनी शुरू हो जाती है। इस प्रक्रिया में म्यूकस प्लग ढीला
होता है और अपने आप निकल जाता है। यह बेरंग, भूरा, गुलाबी या हल्के से खून के धब्बे लिए हो सकता है। म्यूकस प्लग निकलने के कुछ दिन या हफ्ते बाद ही आपकी डिलीवरी हो सकती है। कमर दर्द तेज हो जानाशिशु का सिर नीचे की ओर आने की वजह से कमर दर्द बढ़ने लगता है। लेबर के दौरान शिशु के सिर की वजह से मां के टेलबोन (रीढ़ की हड्डी के तले में स्थित छोटी-सी हड्डी) दबाव पड़ता है। इसके कारण बहुत तेज पीठ दर्द होता है। डिलीवरी से कुछ समय या दिन पहले पेट में कॉन्ट्रैक्शन उठनी भी शुरू हो जाती है। इसका मतलब है कि जन्म नलिका पर शिशु से दबाव पड़ना शुरू हो गया है। इस समय आपको गर्भाशय में ऊपर से लेकर बीच में हल्की कॉन्ट्रैक्शन महसूस होगी। यह भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में अब नहीं सताएगा कमर दर्द, अपनाएं ये
तरीके पानी की थैली फटनाप्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में भ्रूण एमनिओटिक फ्लूइड की एक थैली से ढका होता
है। यह शिशु को सुरक्षित रखने के लिए होती है। लेबर की शुरुआत में यह थैली फट जाती है और इसका बेरंग दिखने वाला पानी बाहर आ जाता है। पानी की थैली फटने के तुरंत बाद आपको हॉस्पिटल चले जाना चाहिए। यह भी पढ़ें : डिलीवरी से पहले ही पानी की थैली फट
जाए तो क्या करें Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें कैसे पता करें कि अब डिलीवरी होने वाली है?जब डिलीवरी का समय बिलकुल नजदीक आ जाता है तो निम्न संकेत मिलने लगते हैं :. पेट में गर्म महसूस होना।. संकुचन बढ़ जाना. संकुचन की वजह से तेज दर्द होना जो कि 40 से 60 सेकंड तक रहे।. पीठ में तेज दर्द होना। यह भी पढें : प्रेगनेंसी में अब नहीं सताएगा कमर दर्द, अपनाएं ये तरीके. योनि से खून आना. डिलीवरी का सही समय क्या है?ऐसा 24 से 34 सप्ताह की गर्भावस्था के बीच होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। यदि संभव हो, और आपके स्वास्थ्य को देखते हुए डॉक्टर कोशिश करेंगी कि आपकी गर्भावस्था 37 सप्ताह तक पहुंच जाए। थोड़ा ज्यादा समय मिलने से आपको और शिशु को प्रीमैच्योर डिलीवरी के लिए तैयार होने में मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी के लास्ट वीक में क्या होता है?जैसे-जैसे आपका शिशु आपके पेल्विक में नीचे आएगा, आप अपने मूत्राशय पर अधिक दबाव महसूस करेंगी। आपको बार-बार पेशाब लग सकती है। यह अतिरिक्त दबाव आपको पेशाब निकलने का कारणभी बना सकता है खासकर जब आप हंसते हैं, खांसते हैं, छींकते हैं, झुकते हैं या उठाते हैं। ऐसे में आप पैंटी लाइनर का उपयोग कर सकती हैं।
लेबर पेन कब शुरू होता है?प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही यानी 6 से 9 महीने के दौरान जब शरीर डिलिवरी के लिए तैयार हो रहा होता है उस दौरान कई बार पेट में दर्द और संकुचन होता है और लगता है कि लेबर पेन शुरू हो गया।
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