गेहूं के लिए छत्तीसगढ़ अभी भी मध्यप्रदेश पर ज्यादा निर्भरकीमत बढऩे की बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध, बेमौसम बारिश भीरायपुर Show Published: May 26, 2022 01:33:29 am रायपुर. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से इस बार गेहूं की कीमतों में प्रति क्विंटल 500 रुपए तक का उछाल आया है। छत्तीसगढ़ में 2200 से 4000 रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला गेहूं 2500 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल में बिक रहा है।
अनाज कारोबारियों के मुताबिक यदि भारत सरकार गेहूं के निर्यात पर रोक नहीं लगती, तो इसकी कीमतें और ज्यादा बढ़ जाती है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में गेहूं से जुड़े उत्पादक जैसे ब्रेड, बिस्किट की कीमतें भी बढ़ेंगी। दरअसल, रूस और यूक्रेन गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। युद्ध की वजह से ही इसकी सप्लाई प्रभावित हुई है। यही वजह है कि एक्सपोर्टरों ने किसानों को ज्यादा कीमत देकर गेहूं की खरीदी की। इस वजह से भी गेहूं महंगा हुआ है। वहीं बेमौसम बारिश की वजह से भी फसलों को थोड़ा नुकसान हुआ
है। गेहूं की कीमतों में प्रति क्विंटल 500 तक उछाल, निर्यात रुकने से मिली थोड़ी राहत गेहूं की कीमतें हर साल नहीं बढ़ती है। इस बार 500 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ी है। युद्ध और खराब मौसम
इसका बड़ा कारण है। यदि अभी गेहूं का निर्यात होते रहता तो इसकी कीमत और बढ़ जाती। पत्रिका डेली न्यूज़लेटर अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें अगली खबर
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदेगी प्रदेश सरकार एक लाख हेक्टेयर रकबा बढ़ाने की तैयारी
मनोज व्यास | रायपुर . प्रदेश सरकार अब समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी करेगी। इसके साथ ही एक लाख हेक्टेयर में गेहूं की पैदावार बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल 1.96 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल ली जा रही है। इसमें सरगुजा व बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा गेहूं होता है। पैदावार बढ़ाने के लिए समूह में गेहूं उत्पादन के लिए योजना तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस की सरकार बनते ही 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी की गई। इससे बड़ी संख्या में किसान गेहूं या दलहन-तिलहन के बजाय धान की खेती में आ गए हैं। सरकार की मंशा है कि किसान धान के साथ-साथ दूसरी फसल भी लें। यही वजह है कि गेहूं की खेती को प्रमोट करने के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की तैयारी है। राज्य में सरगुजा-बस्तर संभाग के साथ-साथ बिलासपुर के गौरेला-पेंड्रा, रायगढ़ और कोरबा के कुछ क्षेत्र में गेहूं की खेती होती है। साथ ही, धमतरी और कवर्धा में भी किसान गेहूं की फसल लेते हैं। इसे और बढ़ाने की तैयारी है। इसलिए भी गेहूं की जरूरत दलहन-तिलहन
पर भी फाेकस 2022 में गेहूं का क्या रेट है?यूपी गेहूं का रेट 2022 – उत्तर प्रदेश की सभी मंडियों में आज का गेहूँ का भाव क्या है ? (06 October 2022)
2022धान की सामान्य किस्म का एमएसपी फसल वर्ष 2022-23 के लिए पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। धान की 'ए' ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। धान खरीफ की प्रमुख फसल है, जिसकी बुवाई शुरू हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ में गेहूं का रेट कितना है?मध्यप्रदेश सरकार ने दो हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं की खरीदी की थी। संभवत: छत्तीसगढ़ में भी सरकार ज्यादा कीमत पर गेहूं खरीद सकती है। रबी सीजन 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 रुपए तय किया है।
सरकारी गेहूं का रेट क्या है?केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है.
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