नीलम अरोड़ा Show
छोटे बच्चे अकसर जो खाते हैं उसे मुंह से निकाल देते हैं। जन्म के पहले कुछ महीनों में बच्चा अकसर मुंह से थूक निकालता रहता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह दूध के साथ अपने भीतर हवा भी लेता है। यह हवा ही बाद में बुलबुलों के रूप में उसके मुंह से निकलती रहती है यानी उसके द्वारा लिया गया वह भोजन होता है जिसे वह बाद में धीरे-धीरे थूक से निकालता है। इसमें कभी-कभी बुलबुले होते हैं और कभी मुंह से सीधा दूध बाहर आ जाता है। कई बार मां दूध पिलाकर जब उसे थोड़ा सा भी झटका देती है तो उसका दूध बाहर निकल आता है। कई बार तो वह जितना दूध पीता है, उससे भी ज्यादा मुंह से बाहर निकाल देता है। ऐसा क्यों होता है बच्चा जब छोटा होता है तो वह सिर्फ दूध पीता है। वह अकसर मुंह से थूक निकालता रहता है, क्योंकि वह दूध को पचा नहीं पाता। इसके अलावा वह अगर जल्दी-जल्दी ज्यादा दूध पीता है तो उसे भी वह मुंह से निकाल देता है। क्योंकि वह जल्दी और बेचैनी से उसे पीता है और मां भी अगर उसे जल्दी दूध पिलाती है तो दूध न पचाने के कारण वह उसे बाहर उगल देता है। अगर वह बार-बार मुंह से थूक निकालता है या वह सिर्फ मां का दूध ही पीता है तो वह बार-बार दूध के साथ अपने भीतर हवा भी लेता है और यही हवा थूक के द्वारा उसके मुंह से निकलती रहती है। लेकिन कई बच्चे दांत निकलने के दौरान हर समय मुंह से थूक निकालते हैं। जन्म के बाद छह महीने तक बच्चे ऐसा करते ही हैं। धीरे-धीरे जब उसकी पाचनािढया परिपक्व हो जाती है तो वह हर समय मुंह से थूक निकालना भी बंद कर देता है। कई बार उसकी बार-बार थूक निकालने या दूध उलटने से मां को परेशानी होती है लेकिन ऐसी स्थिति में उसे दूध पिलाने के बाद ज्यादा हिलाना-डुलाना नहीं चाहिए। बच्चे को सीधा खड़ा करें और उसके मुंह को एक तौलिए से पोंछें। क्या करें वह यदि अपने हों"sं के दोनो किनारों से थूक निकालता है और अगर वह मां की छाती के दोनो तरफ से दूध पीता है तो उसे एक तरफ दूध पिलाने के बाद थोड़ी देर रूककर फिर दूसरी तरफ से पिलायें। दूध पिलाते समय उसे कोमल हाथों से पकड़ें और बीस मिनट तक सीधा गोदी में खड़ा करके रखें। उसे एक साथ ज्यादा दूध पिलाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में पिलायें ताकि वह उसे आसानी से पचा सके। एक तरफ की छाती से दूध पिलाने के बाद थोड़ी देर रूककर जब उसका दूध हजम हो जाए तब दूसरी ओर से पिलायें। दूध पिलाते समय उसकी इस गतिविधि में व्यवधान न डालें। बार-बार छूने से भी वह ज्यादा थूक निकालता है। अगर एक बार वह एक तरफ की छाती से दूध पी लेता है और सो जाता है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। क्योंकि सोकर उ"ने के बाद जब उसे भूख लग जाती है तो उसे दूसरी ओर से दूध पिलाया जा सकता है। दूध पिलाने के बाद उसके शरीर को हवा में न उछालें, न ही उसको किसी ऐसी गतिविधि में लगायें जिसका उसकी पाचनािढया पर बुरा असर पड़े। बच्चा दूध पीने के बाद अगर बार-बार उल्टी करता है, तो इससे उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। बार बार उल्टी से उसके पोषण के स्तर में कमी आती है या कफ के कारण वह बार-बार दूध बाहर निकाल देता है या वह दर्द या दुख के कारण परेशान हो या उसका सही विकास न हो पा रहा हो। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। अगर उल्टी के साथ खून आये या छाती में बलगम के कारण उसे भूख न लगे या वह बार-बार उल्टी करे तो ऐसी स्थिति में बिना देर किये डॉक्टर से मिलें। लेकिन अगर बच्चा खुश और स्वस्थ है और उसका सही विकास हो रहा है तो उसके मुंह से बार-बार थूक निकालने से परेशान नहीं होना चाहिए। यह सहज स्वाभाविक िढया है। शिशु के थूक निकालने के कारण व इलाज - Baby spit up causes and treatment in Hindiकई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! शिशुओं का ब्रेस्ट या फिर फॉर्मूला मिल्क पीने के बाद थूक निकालना सामान्य है. अक्सर दूध पीने के बाद शिशु डकार लेते हैं और इसके साथ कुछ दूध बाहर थूक देते हैं. कुछ शिशु दूध पीने के बाद उल्टी भी कर सकते हैं, लेकिन थूक निकालना और उल्टी करना, दोनों अलग-अलग स्थितियां होती हैं. थूक निकालना किसी भी शिशु के लिए आरामदायक हो सकता है, लेकिन कई बार शिशु कुछ गंभीर कारणों की वजह से भी थूक निकाल सकता है. आज इस लेख में हम इन्हीं कारणों व उससे निपटने के तरीके के बारे में जानेंगे - (और पढ़ें - नवजात शिशु को बुखार)
शिशु के थूक निकालने के कारण व इलाज के डॉक्टर शिशु का थूक निकालने के कारणनवजात शिशुओं में पाचन तंत्र विकसित हो रहा होता है, इसलिए वे अधिक थूक निकालते हैं. दरअसल, जैसे ही शिशु दूध पीते हैं, दूध गले से ग्रासनली और फिर पेट में जाता है. ग्रासनली मांसपेशियों की रिंग के द्वारा पेट से जुड़ा होता है, इसे लोअर एसोफेजल स्फिंक्टर कहा जाता है. यह स्फिंक्टर दूध को पेट में जाने देता है और फिर तुरंत वापस बंद हो जाता है. नवजात शिशुओं में स्फिंक्टर उतना विकसित नहीं होता है, जितना लगभग 6 महीने की उम्र तक हो जाता है. इसकी वजह से दूध का बैकफ्लो हो सकता है, इससे शिशु थूक निकाल सकते हैं. पहले वर्ष में थूकना विकास के लिए अच्छा माना जाता है. शिशु के थूक निकालने के कारण निम्न हैं - ओवरइटिंगअधिक दूध पिलाने की वजह से शिशु थूक निकाल सकते हैं, क्योंकि शिशुओं का पेट छोटा होता है और वो अधिक दूध को डायजेस्ट नहीं कर पाते हैं. जो शिशु अधिक दूध पीता है, उसका दूध बैकफ्लो हो सकता है. (और पढ़ें - नवजात शिशु कितने घंटे सोते हैं) एलर्जीदूध के साथ हवा निगलनाथूक निकालना व उल्टी में अंतरकई बार शिशु सिर्फ थूक निकालता है, तो कई बार उल्टी भी कर देता है. ऐसे में मां अक्सर समझ नहीं पाती हैं कि शिशु थूक रहा है या फिर उल्टी कर रहा है. इन दोनों के बीच के अंतर को हम यहां समझाने का प्रयास कर रहे हैं -
(और पढ़ें - नवजात शिशु के बाल झड़ना) क्या शिशु का थूक निकालना चिंताजनक है?अगर शिशु दूध पीने के बाद थूक रहा है और उसका वजन बढ़ रहा है, तो यह स्थिति चिंताजनक नहीं होती है. सामान्य रूप से थूकने से शिशु के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. थूकने के बाद भी अगर वजन बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि शिशु कैलोरी नहीं खो रहा है. वहीं, अगर नीचे बताए गए संकेत दिखते हैं, तो थूक निकालना चिंताजनक हो सकता है -
अगर शिशु में थूक निकालने के साथ ये संकेत दिखते हैं, तो स्थिति चिंताजनक हो सकती है. इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है. डॉक्टर लक्षणों के आधार पर समस्या का इलाज शुरू कर सकते हैं. (और पढ़ें - शिशु को नहलाने का तरीका) शिशु के थूक निकालने को कम करने के तरीकेशिशु के थूक निकालने को कम करने के तरीके निम्न प्रकार से हैं -
(और पढ़ें - क्या शिशु के लिए पीलिया जानलेवा है) सारांशदूध पीने के बाद शिशु का थूक निकालना कोई गंभीर समस्या नहीं होती है. अमूमन सभी शिशु थूक निकालते हैं. इसके उल्ट अगर शिशु थूक निकालने के बजाय उल्टी कर रहा है, तो इस स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करें, क्योंकि यह किसी बीमारी या संक्रमण का संकेत हो सकता है. इस स्थिति में शिशु का वजन कम हो सकता है और अधिक बार थूक सकता है या फिर डिहाइड्रेट हो सकता है. इसलिए, शिशु के स्वास्थ्य में कोई भी बदलाव आने पर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. (और पढ़ें - शिशु को निमोनिया का इलाज) शहर के पेडिअट्रिशन खोजें
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