चश्मा लगाने पर लेखिका कृष्णा सोबती को उनके चचेरे भाई ने क्या कहकर चिढ़ाया? - chashma lagaane par lekhika krshna sobatee ko unake chachere bhaee ne kya kahakar chidhaaya?

विषयसूची

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  • 1 लेखिका को चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढाते थे?
  • 2 लेखिका के चचेरे भाई ने उसे क्या कह कर छेड़ा था?
  • 3 लेखिका अपने बचपन में कौन कौन सी चीजें मजा लेकर खाती थी उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो?
  • 4 जूतों के बारे में लेखिका कृष्णा सोबती का क्या अनुभव रहा है?
  • 5 शरूु में लेखिका को क्या अटपटा लगा?
  • 6 नए जूते पहनने के बाद छालों का उपचार लेखिका कैसे करती थीं?
  • 7 लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या क्या काम करते थे?

लेखिका को चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढाते थे?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका बचपन में रात में टेबल लैंप की रोशनी में काम करती थी जिसके कारण उनकी आंखों की रोशनी कम होने लगी और उन्हें चश्मा लगाना पड़ा । चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें लंगूर कहकर चिढ़ाते थे ।

लेखिका के चचेरे भाई ने उसे क्या कह कर छेड़ा था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण लेखिका को चश्मा लगाना पड़ा। जब पहली बार लेखिका ने चश्मा लगाया तो उसके चचेरे भाई ने उसे छेड़ते हुए कहा कि, देखो! कैसी लग रही है! आपख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की पर नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!

लेखिका के समय में छालों का इलाज कब शुरू होता था?

इसे सुनेंरोकेंहमें जब नए जूते मिलते, उनके साथ ही छालों का इलाज शुरू हो जाता।

लेखिका अपने बचपन में कौन कौन सी चीजें मजा लेकर खाती थी उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- लेखिका बचपन में चाकलेट और चने जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण मज़ा ले-लेकर खाती थीं। रसभरी, कसमल और काफ़ल उनके प्रिय फल थे।

जूतों के बारे में लेखिका कृष्णा सोबती का क्या अनुभव रहा है?

इसे सुनेंरोकेंइसकी सख्त मनाही थी। हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते। धो लेने के बाद अपने-अपने जूते पॉलिश करके चमकाते। जब जूते कपड़े या ब्रश से रगड़ते तो पॉलिश की चमक उभरने लगती।

लेखिका ने चश्मा क्यों बनवाया होगा?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका को रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर पढ़ने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई थी, इस वजह से उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। उनके चचेरे भाई चश्मा लगाने पर उन्हें छेड़ते हुए कहते थेआँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!

शरूु में लेखिका को क्या अटपटा लगा?

इसे सुनेंरोकेंशहतूत और फ़ाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक-पेप्सी ने ले लिया है। 4. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्यों छेड़ते थे। लेखिका ने पहली बार चश्मा लगाया था इसलिए वो कुछ अजीब सी लग रही थीं, उन्हें खुद भी अटपटा सा लग रहा था।

नए जूते पहनने के बाद छालों का उपचार लेखिका कैसे करती थीं?

इसे सुनेंरोकेंQuestion. नए जूते पहनने के बाद छालों का उपचार लेखिका कैसे करती थीं? लेखिका को नए जूतें से ज़्यादा पुराने जूतें पहनना पसंद था क्योंकि नए जूतें पहनने से पैरों में छाले हो जाते थे। लेखिका को नए जूतें से ज़्यादा पुराने जूतें पहनना पसंद था क्योंकि नए जूतें पहनने से पैरों में छाले हो जाते थे।

बचपन में लेखिका के पैरों पर छाले कैसे पड़ जाते थे?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – नए जूते लगने का अर्थ है जूते पहनने पर पैरों में छाले पड़ जाना। इसका उपचार करने के लिए रुई मोज़े के अंदर रख लिया करते थे।

लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या क्या काम करते थे?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थी ं? बचपन में इतवार की सुबह लेखिका अपने मोजे धोती थी, फिर जूतों पर पॉलिश करके उसे कपड़े या ब्रश से रगड़कर चमकाती थी।

चश्मा लगाने पर लेखिका को चिढ़ाते हुए भाई ने क्या कहा?

चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे? उत्तर:- दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण लेखिका को चश्मा लगाना पड़ा। जब पहली बार लेखिका ने चश्मा लगाया तो उसके चचेरे भाई ने उसे छेड़ते हुए कहा कि, देखो! कैसी लग रही है!

लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?

चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे? लेखिका को रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर पढ़ने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई थी, इस वजह से उन्हें चश्मा लगाना पड़ाउनके चचेरे भाई चश्मा लगाने पर उन्हें छेड़ते हुए कहते थेआँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!

कृष्णा सोबती लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या क्या काम करती थी?

लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या करती थी? उत्तर:- लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोज़े धोती थी, जूते पॉलिश करती थी और पॉलिश की चमक उभारने के लिए उन्हें कपड़े या ब्रश से रगड़ती थी

कृष्णा सोबती अपने बचपन में कौन कौन सी चीजें मजा ले ले कर खाती थी उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखिए?

लेखिका बचपन में चाकलेट और चने जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण मज़ा ले-लेकर खाती थीं। रसभरी, कसमल और काफ़ल उनके प्रिय फल थे।