बवासीर में घी खाना चाहिए या नहीं - bavaaseer mein ghee khaana chaahie ya nahin

पंजाब केसरी (सेहत) - बवासीर एक ऐसी समस्या है जिससे काफी लोग परेशान रहते है। इसे अग्रेंजी में पाइल्स भी कहते हैै। बवासीर दो तरह की होती हैं खूनी और बादी । खूनी बवासीर में किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती केवल खून आता है और बादी बवासीर रहने पर पेट खराब रहता है और कब्ज हो जाती है।  यह समस्या गल्त खान-पान की वजह से भी हो सकती है। आइए जाने बवासीर होने पर किन चीज़ों से रखें परहेज।


-बवासीर होने पर मसालेदार और तला हुआ खाना नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा खाने में मिर्च का भी कम प्रयोग करें।
-पाइल्स की समस्या वाले लोगों को कम से कम जंक- फूड खाना चाहिए। उन्हें अपने भोजन में हरी सब्जियां, फल आदि का सेवन करना चाहिए जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।
-इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बीन्स (राजमा) और दालों का सेवन नहीं करना चाहिए।
-देशी घी वैसे तो शरीर के लिए फायदेमंद होता है पर कई बार इससे पाइल्स की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए देशी घी का कम सेवन करें।
-पाइल्स होने पर घर का बना हुआ खाना ही खाना चाहिए और जहां तक हो चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक जैसे पेय पदार्थ न पिएं।
-इसके अलावा किसी भी तरह के मांसाहारी चीजों का सेवन भी न करें। 

बवासीर में मरीज के गुदा के अंदर और बाहर सूजन और मस्से हो जाते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रोगी को बहुत अधिक तकलीफ होती है। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि बवासीर के लक्षणों का पता चलते ही रोगी बीमारी का इलाज कराने की कोशिश करता है, और डॉक्टर के बताए अनुसार, दवाओं का सेवन भी करता है, लेकिन इसके बाद भी कई बार बवासीर का पूरा उपचार नहीं हो पाता है। इससे नौबत ऑपरेशन तक पहुंच जाती है। दरअसल बवासीर जैसी बीमारी में रोगी को दवाओं के साथ-साथ अपने खान-पान पर भी बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। इसलिए यहां बवासीर के लिए डाइट चार्ट की जानकारी दी जा रही है।

 

बवासीर में घी खाना चाहिए या नहीं - bavaaseer mein ghee khaana chaahie ya nahin

इस जानकारी को अपनाकर आप ना सिर्फ बीमारी की रोकथाम कर पाएंगे बल्कि रोगग्रस्त होने पर जल्द बवासीर का सही से इलाज कर पाएंगे।

आज के समय में कई तरह की दवाइयां और सर्जरी से बवासीर का इलाज बड़े ही आसानी से किया जा सकता है। लेकिन अच्छे खान-पान से हम बवासीर होने के खतरे को काफी कम कर सकते हैं और उसे बढ़ने से रोक सकते हैं। फास्ट फ़ूड (Fast food) और पैक्ड फ़ूड (Packed food) खाने से बवासीर होने का खतरा अधिक रहता है। बवासीर से पीड़ित लोग अक्सर इस चिंता में रहते हैं कि उन्हें किस प्रकार का भोजन करना चाहिए। बवासीर रोग में अधिक से अधिक फाइबर खाना चाहिए। पानी भी अधिक मात्रा में पिएं। ताजी हरी सब्जियों का सेवन करें और फलों को डाइट में शामिल करें।

विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, अगर बवासीर अपनी शुरुआती स्टेज में है तो खान-पान और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन स्थिति गंभीर होने पर सर्जरी ही इसका एकमात्र प्रभावशाली इलाज बचता है। अगर आप इलाज के सभी नॉन-सर्जिकल माध्यमों का उपयोग करके थक चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है तो आपको लेजर सर्जरी का चयन करना चाहिए, क्योंकि इसे बवासीर का बेस्ट और परमानेंट इलाज माना जाता है। अपने शहर में या उसके आसपास के टॉप रेटेड क्लिनिक में बवासीर का बेस्ट इलाज पाने आप इस ब्लॉग के ऊपर दायीं तरफ दिए गए मोबाइल नंबर या बुक अप्वाइनमेंट बटन का उपयोग कर सकते हैं।

Table of Contents

  • बवासीर में क्या न खाएं? What to not eat in Hemorrhoids in Hindi?
  • बवासीर में क्या खाएं – What to eat in Hemorrhoids in Hindi?
  • बवासीर में डाइट प्लान
  • निष्कर्ष (Conclusion)

बवासीर में क्या न खाएं? What to not eat in Hemorrhoids in Hindi?

फैट वाले आहार न खाएं

तेल में फैट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। फैट युक्त पदार्थ पेट के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। फैट युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करने से पेट में जलन, पेट में दर्द और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। इन पदार्थों का सेवन करने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि, तैलीय पदार्थ कब्ज की शिकायत को बढ़ा देते हैं। डेयरी उत्पाद भी कम मात्रा में खाएं। घी का सेवन कम करें।

अधिक मसाले न खाएं

अधिक मसालेदार भोजन बिल्कुल न करें। खासकर किसी भी खाद्य पदार्थ के साथ काली मिर्च, लाल मिर्च का सेवन न करें। खाना बनाते समय मसाले और तेल कम मात्रा में डालें। सब्जियों के स्वाद को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के मसाले डाले जाते हैं। लेकिन बवासीर में केवल उबली हुई सब्जी खाएं। मसालों का अधिक सेवन करने से भोजन ठीक से नहीं पच पाता है और स्टूल पास करते समय गुदा मार्ग में तेज जलन भी होती है।

स्मोकिंग न करें

स्मोकिंग करने से हमारे शरीर के अंदर पाई जाने वाली गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दीवार (gastrointestinal wall) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शराब भी उतना ही हानिकारक है जितनी सिगरेट। शराब का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की कमी के कारण मल कठोर हो जाता है। सिगरेट पीने वाले व्यक्ति की पाचन शक्ति कमजोर होती है। उसकी आन्तों का (bowel) मूवमेंट भी ठीक प्रकार से नहीं होता है। बवासीर है तो स्मोकिंग बहुत नुकसानदायक हो सकता है। सिगरेट गुदा में रक्त प्रवाह को बढ़ा देता है जिससे इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

पढ़ें- बवासीर में कैसे सोएं

कैफीन न खाएं

कैफीन (Caffiene) पाचन के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। कैफीन का अधिक सेवन करने से दस्त हो सकता है। कॉफी और चाय में कैफीन अधिक मात्रा में पाई जाती है। कैफीन के सेवन से कब्ज की शिकायत होती है और शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। कैफीन युक्त पदार्थ मलाशय में सूजन का कारण (Swelling in Rectum) बन सकते हैं। इसलिए बवासीर में कैफीन युक्त पदार्थ खाने से अच्छा है कि कोई स्वस्थ तरल पदार्थ पियें । चाय, कॉफी और चॉक्लेट में कैफीन बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है।

प्रोटीन वाले आहार न खाएं

बवासीर से पीड़ित है तो प्रोटीन वाले आहार डाइट में शामिल ना करें। चाहे प्लांट प्रोटीन (Plant protein) हो या फिर एनिमल प्रोटीन (Animal protein) किसी का भी सेवन न करें। एनिमल प्रोटीन का सेवन करने से अधिक समस्याएं हो सकती हैं। प्रोटीन ठीक से नहीं पच पाता है जिसके कारण कब्ज और मलाशय (Rectum) में जलन होता है। यह गुदा मार्ग में सूजन को बढ़ाकर बवासीर को भी बढ़ाता है। (और पढ़ें: कब्ज़ के लक्षण, कारण)

बेकरी वाले आहार न खाएं

बवासीर के दौरान बेकरी वाले आहार बिल्कुल भी लाभदायक नहीं होते हैं। बेकरी फूड्स जैसे कि केक और पेस्ट्री आदि में अंडे की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यह कब्ज उत्पन्न करते हैं और बवासीर के खतरे को भी बढ़ा देते हैं।

तो बवासीर में ऊपर बताई गई चीजें नहीं खाना चाहिए| (bawasir me kya nahi khana chahiye)

बवासीर में क्या खाएं – What to eat in Hemorrhoids in Hindi?

पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें

हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन बवासीर में कई प्रकार के फायदे प्रदान करता है। पत्तेदार सब्जियों में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट (Anti-oxidant) और विटामिन (Vitamins) पाए जाते हैं जो मसल्स के लिए बेहतर कार्य करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां पाचन को भी सुधारने का काम करती हैं और आंत की सफाई करती हैं। इसलिए भरपूर मात्रा में पालक, गाजर, पत्ता गोभी, खीरा, ब्रोकली आदि का सेवन करें। 

भरपूर पानी पिएं 

बवासीर है तो दिन में 4 से 5 लीटर पानी पिएं।  पानी शरीर को कई तरह के लाभ प्रदान करता है। भरपूर पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को निकालने में आंत को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा खून का तापमान भी सामान्य रहता है जो बवासीर में फायदेमंद है| इससे कब्ज खत्म हो जाता है जिससे स्टूल पास करते समय आसानी होती है। पानी के अलावा आप कुछ अलग पेय पदार्थ भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे खीरे का जूस, पालक का जूस आदि।

साबुत अनाज (whole grains)

साबुत अनाज का सेवन करने से बवासीर को बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। आप चोकर युक्त पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं। साबुत अनाज का सेवन पाचन क्रिया में किसी प्रकार की परेशानी नहीं करता है जिससे मल का निकास आसानी से हो जाता है। ओटमील (Oatmeal), मल्टी ग्रेन ब्रेड (Multi Grain Bread), ब्राउन राइस आदि का सेवन करें। चोकर की रोटी खाएं क्योंकि इसमें भरपूर फाइबर पाया जाता है।

ईसबगोल की भूसी (plantago ovata husk)

ईसबगोल की भूसी में फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो कब्ज से छुटकारा दिलाते हैं। इसके अलावा यह शुष्क मल को भी भारी बनाती है जिससे मल त्याग करते वक्त दर्द नहीं होता है और मल बिना किसी रुकावट के निकल जाता है। बवासीर से पीड़ित हैं तो ईसबगोल की भूसी को डाइट में शामिल करें।

पढ़ें- बवासीर का इलाज

फलों का सेवन करें

ताजे और शुद्ध फल का सेवन करना बवासीर में लाभदायक हो सकता है। फलों को छिलके के साथ खाएं, क्योंकि छिलके में सबसे अधिक फाइबर मौजूद होता है। फलों में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। सेब, केला, संतरा, अंगूर आदि फलों का सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। ये सभी फल त्वचा के लिए बहुत लाभदायक हैं। 

छाछ पिएं

छाछ का सेवन बवासीर में कई सारे लाभ पहुंचाता है। यह उत्तेजित नसों को शांत करता है जिससे ठंडक महसूस होती है। छाछ प्रोबायोटिक्स (Probiotics) की श्रेणी में आता है जिसके सेवन से सूजन दूर होता है। गुदा मार्ग में किसी प्रकार का इंफेक्शन हो गया है तो छाछ का सेवन करें।

अंकुरित अनाज खाएं

बवासीर में अधिक से अधिक विटामिन सी (Vitamin C), फाइबर (Fiber) और कैल्शियम (Calcium) युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए। रोजाना आधा कटोरी अंकुरित अनाज का सेवन करना बहुत लाभदायक होगा। कच्चे अंकुरित अनाज खाने से बवासीर बढ़ जाता है। इसलिए रात में सोने से पहले इन्हें पानी में भिगो दें और सुबह सेवन करें। इन्हें खाते वक्त ठीक से चबाएं।

दही

दही भी प्रोबायोटिक्स की कैटेगरी में आता है। दही का सेवन करने से बवासीर में कई तरह के लाभ मिलते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जो मसल्स को टोन करता है। अगर गुदा क्षेत्र में सूजन है तो दही का सेवन अवश्य करें। दही का सेवन आप मिश्री के साथ कर सकते हैं। बवासीर है तो खाली समय में हल्की-फुल्की भूख लगने पर दही का सेवन ही करें।

जीरा

आप इसे सब्जियों के साथ खा सकते हैं। बवासीर में जीरा अनेक प्रकार के लाभ पहुंचाता है। आंतों में कीड़ा है या गुदा मार्ग में इंफेक्शन है तो जीरे का सेवन करें। भुने हुए जीरा के दो चम्मच पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी को साथ मिलाकर सेवन करें।  यह बुखार से भी छुटकारा दिलाता है। एक चम्मच भुना हुआ जीरा और बराबर मात्रा में मिश्री को पीसकर चूर्ण चाटने से पाचन क्रिया बेहतर होती हैं।

अंजीर

बवासीर के खतरे को कम करना है तो अंजीर का सेवन करें। दो चम्मच पिसी हुई अंजीर को एक गिलास पानी में मिलाकर पीएं। इससे पाचन सुधरता है। अंजीर मसल्स और हड्डियों को भी मजबूत करती है। 

शिमला मिर्च (bell peppers)

शिमला मिर्च का सेवन बवासीर में फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो स्टूल को मुलायम बनाता है। शिमला मिर्च का सेवन करने से कब्ज की शिकायत नहीं होती है और स्टूल पास करते वक्त परेशानी नहीं होती है।

बवासीर में डाइट प्लान

समय रविवारनाश्ता (8:00 AM – 8:30 AM)1 कप वेजिटेबल ओट्स उपमा  + 1/2 कप लो फैट (कम चर्बी वाला) दूध।दोपहर के पहले (11:00 AM – 11:30 AM)कच्ची सब्जियां / छीली सब्जियां – 1 कप दही के साथलंच (2:00PM – 2:30 PM)1/2 कप चावल + 2 मीडियम चपाती + 1/2 कप किडनी बीन्स करी स्नेक, लौकी सब्ज़ी 1/2 कप + 1/2 कप छाछशाम (4:00 AM -4: 30PM)आधा कप दलियारात का खाना (8:00 PM – 8:30PM)4 इडली + 1/2 कप सांबर  / 1 चम्मच हरी चटनी  या टमाटर की चटनी सोमवारनाश्ता (8:00 AM – 8:30 AM)4 इडली + 1/2 कप सांबर  / 1 चम्मच हरी चटनी  या टमाटर की चटनीदोपहर के पहले (11:00 AM – 11:30 AM)1 कप अंकुरित हरा चनालंच (2:00PM – 2:30 PM)3 रोटी + 1/2 कप सलाद +1/2 कप चिकन करी (150 ग्राम चिकन) + 1/2 कप गोभी + 1/2 कप मक्खनशाम (4:00 AM -4: 30PM)1 फल (नाशपाती, छोटे केले, सेब, बेर , रास्पबेरी, जामुन, एवोकैडो, संतरे, खुबानी, ब्लूबेरी।)रात का खाना (8:00 PM – 8:30PM)2 रोटी +  1/2 कप टमाटर की सब्जी। मगलवारनाश्ता (8:00 AM – 8:30 AM)2 स्लाइस ब्राउन ब्रेड। + 1 स्लाइस लो फैट पनीर + 1/2 कप लो फैट मिल्क।दोपहर के पहले (11:00 AM – 11:30 AM)1 फल (नाशपाती, छोटे केले, सेब, बेर , रास्पबेरी, जामुन, एवोकैडो, संतरे, खुबानी, ब्लूबेरी।)लंच (2:00PM – 2:30 PM)1 कप वेज पुलाव चावल  + 1/2 कप सोया चंक्स करी + 1/2 कप लो फैट दही।शाम (4:00 AM -4: 30PM)3 गेहूं की रोटीरात का खाना (8:00 PM – 8:30PM)1 कप टूटे हुए गेहूं का उपमा, 1/2 कप हरी बीन्स सब्जी बुधवारनाश्ता (8:00 AM – 8:30 AM)1 कप मिक्स वेज पोहा  + 1/2 कप लो फैट दूधदोपहर के पहले (11:00 AM – 11:30 AM)1 फल (नाशपाती, छोटे केले, सेब, बेर , रास्पबेरी, जामुन, एवोकैडो, संतरे, खुबानी और ब्लूबेरी में से किसी एक का चयन कर सकते हैं)लंच (2:00PM – 2:30 PM)3 रोटी + 1/2 कप क्लस्टर बीन्स सब्जी + छोटा कप लो फैट दहीशाम (4:00 AM -4: 30PM)1 कप उबला हुआ चना।रात का खाना (8:00 PM – 8:30PM)2 रोटी + 1/2 कप कटहल की सब्जी गुरूवारनाश्ता (8:00 AM – 8:30 AM)2 उत्तपम + 1 चम्मच हरी चटनी।दोपहर के पहले (11:00 AM – 11:30 AM)1 कप लेंटिल का सूपलंच (2:00PM – 2:30 PM)1.5 कप चावल +1/2 कप सोया चंक्स करी + 1/2 कप भिन्डी + 1/2 कप छाछ।शाम (4:00 AM -4: 30PM)ऊपर बताए गए फलों में से कोई एक फलरात का खाना (8:00 PM – 8:30PM)1 कप टूटे हुए गेहूं का उपमा, आधा कप हरी बीन्स की सब्जी शुक्रवारनाश्ता (8:00 AM – 8:30 AM)3 रोटी + 1/2 कप आलू और हरे मटर मटर की सब्जी।दोपहर के पहले (11:00 AM – 11:30 AM)1 कप लेंटिल का सूपलंच (2:00PM – 2:30 PM)1.5 कप चावल, 1/2 कप डाल (अच्छी तरह से पका हुआ) + पलक सब्ज़ी 1/2 कप 1/2 कप छाछ।शाम (4:00 AM -4: 30PM)फलरात का खाना (8:00 PM – 8:30PM)2 रोटी + 1/2 कप टमाटर की सब्जी शनिवारनाश्ता (8:00 AM – 8:30 AM)2 मेथी पराठा, एक बड़ा चम्मच हरी चटनीदोपहर के पहले (11:00 AM – 11:30 AM)कोई 1 फललंच (2:00PM – 2:30 PM)1.5 कप चावल, 1/2 कप अच्छी तरह से पकी हुई दाल + पलक सब्ज़ी 1/2 कप 1/2 कप छाछ।शाम (4:00 AM -4: 30PM)एक कप ब्राउन राइस पोहारात का खाना (8:00 PM – 8:30PM) 3 गेहूं डोसा + 1/2 कप करेले की सब्जी

बवासीर के दौरान इस डाइट प्लान का उपयोग करने से आप इसे बढ़ने से रोक सकते हैं| यदि पाइल्स तीसरे या चौथे ग्रेड में है तो इसे सर्जरी से ही ठीक किया जा सकता है।

बवासीर में देसी घी खा सकते हैं क्या?

4. पाइल्स के मरीज को घी और तेल के ज्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए. घी व तेल का अधिक इस्तेमाल पाइल्स को और दर्दनाक बना सकता है.

क्या खाने से बवासीर खत्म हो जाता है?

बवासीर में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन फायदेमंद होता है हरी और पत्तेदार सब्जियों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करते हैं। आप हरी और पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, गाजर, खीरा, पत्ता गोभी और ब्रोकली का सेवन कर सकते हैं।

बवासीर में क्या परहेज रखना चाहिए?

फैट वाले आहार न खाएं फैट युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करने से पेट में जलन, पेट में दर्द और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। इन पदार्थों का सेवन करने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि, तैलीय पदार्थ कब्ज की शिकायत को बढ़ा देते हैं। डेयरी उत्पाद भी कम मात्रा में खाएं। घी का सेवन कम करें।

बवासीर को जड़ से मिटाने के लिए क्या करना चाहिए?

देसी घी अपने गुणों के लिए जाना जाता है. अगर आप नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और बवासीर वाली जगह पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या गायब हो जाएगी.