Bhutan भारत से कब अलग हुआ? - bhutan bhaarat se kab alag hua?

भारत के पड़ोसी देश कब कब आजाद हुआ इसका स्वतंत्रता दिवस कब आता हे

  • भारत के पड़ोसी देश कब हुए आजाद
      • भूटान 17 दिसंबर 1907
      • इंडोनेशिया 17 अगस्त 1945
      • पाकिस्तान 14 अगस्त 1947
      • म्यांमार 4 जनवरी 1948
      • श्रीलंका 4 फरवरी 1948
      • चीन 1 अक्टूबर 1949
      • मलेशिया 31 अगस्त 1957
      • बांग्लादेश 26 मार्च 1971
      • नेपाल

भारत के पड़ोसी देश कब हुए आजाद

1947 में जब भारत आजाद हुआ तो एशिया और उसके बाहर भी देशो के आजाद होने का एक सिलसिला चल रहा था। देश आजाद हो रहे थे और एक दूसरे की आजादी में मदद कर रहे थे। देखिये भारत के आसपास के मुल्कों को आजादी कब मिली।

भूटान 17 दिसंबर 1907

भूटान दुनिया के उन देशों में हैं जो इतिहास में ज्यादातर आजाद रहे. भूटान पर किसी का शासन नहीं था लेकिन ऐसा कहा जाता है कि तिब्बत के कामरूप शासन ने उन्हें कुछ वक्त तक अपने अधीन रखा था. 1907 की इस तारीख से ही वांगचुक वंश ने देश की बागडोर अपने हाथ में ली. भूटान इसे ही अपना राष्ट्रीय दिवस मानता है.

इंडोनेशिया 17 अगस्त 1945

इंडोनेशिया ने डच शासन से खुद को इसी दिन आजाद घोषित किया था और तब ब्रिटिश इंडिया उन शुरूआती देशों में था जिसने इसे मान्यता दी थी. हालांकि तब भारत खुद अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा था.

पाकिस्तान 14 अगस्त 1947

भारत का बंटवारा करके पाकिस्तान का जन्म हुआ और भारत की आजादी से ठीक एक दिन पहले ये नया देश अस्तित्व में आया. इस आजादी में विभाजन का दर्द छिपा था जो 70 साल के बाद भी दोनों मुल्कों के लोगों को तकलीफ देता है.

म्यांमार 4 जनवरी 1948

भारत के पड़ोसी देश म्यांमार को 1948 में आजादी मिली तब इसका नाम बर्मा था. आजादी की लड़ाई में सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज बर्मा के रास्ते ही भारत आई थी.

श्रीलंका 4 फरवरी 1948

श्रीलंका को इसी दिन ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली. इस दिन को यहां राष्ट्रीय छुट्टी रहती है और पूरे देश में समारोह मनाया जाता है.

चीन 1 अक्टूबर 1949

चीन हर साल एक अक्टूबर को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. इसी दिन थियानमेन चौक पर सेंट्रल पीपुल्स गर्वनमेंट का गठन हुआ था. हालांकि पीपुल्स रिपबल्कि ऑफ चाइना की स्थापना 21 सितंबर को ही हो गई थी लेकिन सरकार के गठन को ही चीन की सरकार ने आपना राष्ट्रीय दिवस घोषित किया.

मलेशिया 31 अगस्त 1957

मलेशिया की आजादी आसपास के दूसरे देशों की तुलना में इसलिए थोड़ी अलग है क्योंकि इस मुल्क को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये हासिल हो गई. एक साल पहले तय हुए समझौते का इसी दिन सार्वजनिक एलान हुआ था.

बांग्लादेश 26 मार्च 1971

पाकिस्तान का हिस्सा रहे इस धरती को शेख मुजीबुर रहमान ने आजाद घोषित कर दिया. इसके बाद 9 महीने के खूनी संघर्ष और भारत से मिले सैनिक सहयोग की बदौलत बाग्लादेश अपनी आजादी हासिल करने में कामयाब हुआ.

नेपाल

हिमालय की तलहटी में बसा छोटा सा पहाड़ी देश नेपाल दुनिया का इकलौता मुल्क है जो कभी भी गुलाम नहीं रहा. यह अपने पूरे इतिहास में हमेशा आजाद रहा है.

1947 में जब भारत आजाद हुआ तो एशिया और उसके बाहर भी मुल्कों के आजाद होने का एक सिलसिला चल रहा था. देश आजाद हो रहे थे और एक दूसरे की आजादी में मदद कर रहे थे. देखिये भारत के आसपास के मुल्कों को आजादी कब मिली.

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भारतवर्ष (आर्यव्रत) संसार का प्राचीन देश है। यह देश ऋषियों, मुनियों, गुरुओं का देश माना जाता है। यही पहला देश है जहां मावन ने पहली बार जन्म लिया था। यही वह देश है जो विश्वगुरु कहलाया। अखंड भारत समय-समय पर खंडित होता चला गया। पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, तिब्बत, श्रीलंका, म्यांमार, अफगानिस्तान, ईरान, तजाकिस्तान, बर्मा, इंडोनेशिया, ब्लूचिस्तान भारत के अभिन्न अंग रहे हैं। यहां तक कि मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, दक्षिणी वियतनाम, कंबोडिया आदि भी अखंड भारत के अंग रहे हैं।

भारत पर बाहरी आक्रमण 
आज से 2500 साल पहले हमारे देश पर विदेशियों ने आक्रमण किए। इसमें विशेष रूप से फ्रैंच, डच, कुशाण, शक हूण, यवन यूनानी और अंग्रेज आक्रमणकारियों ने भारत को खंडित किया। भारत (India) के 24 विभाजन किए जिनसे भारत के पड़ोसी देश बने।

अफगानिस्तान (उपगणस्थान) का विभाजन
अफगानिस्तान (Afghanistan) का विस्तविक नाम उपगणस्थान था। अफगानिस्तान का निर्माण कंधार और कम्बोज के कुछ भागों को मिला कर हुआ था। इस पूरे प्रदेश में हिंदू, शाही और पारसी राजवंशों का शासन रहा। बाद में बौद्ध धर्म का यहां प्रचार हुआ और राजा भी बौद्ध बने। अफगानिस्तान पर अनेक आक्रमण हुए।

अफगानिस्तान पर सिकंदर ने आक्रमण किया। उसके बाद 7वीं शताब्दी में अरब और तुर्क के मुसलमानों ने फिर दिल्ली के मुस्लिम शासकों ने आक्रमण करके अपनी सत्ता बनाई। इसके बाद ब्रिटिश इंडिया का शासन चला। 18 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने अफगानिस्तान को आजाद कर दिया। अफगानिस्तान भारत से अलग हो गया और स्वतंत्रता संग्राम से भी अलग हो गया।

नेपाल का विभाजन
नेपाल देवघर के नाम से जाना जाता है और अखंड भारत का भाग था। माता सीता का जन्म मिथिला नेपाल में हुआ था। भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल की लुबिनी में हुआ था। यहां पर 1560 पूर्व हिंदू आर्य लोगों का शासन रहा। चौथी शताब्दी में गुप्तवश की एक स्टेट में परिवर्तित हो गया। सातवीं शताब्दी में इस पर तिब्बत का अधिपत्य स्थापित हो गया। 11वीं शताब्दी में नेपाल में ठाकुर वंश, फिर मल्ल वंश आया। इसके बाद गोरखाओं का राज आया। जब भारत में स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था तो अंग्रेजों ने सन् 1904 में सुगौली नामक स्थान पर राजाओं के नेता से संधि कर ली और नेपाल को आजाद देश घोषित कर दिया। परन्तु अप्रत्यक्ष रूप से नेपाल अंग्रेजों के अधीन ही रहा। सन् 1923 में ब्रिटेन और नेपाल में फिर संधि हुई और नेपाल पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गया।

सन् 1946 के दशक में नेपाल में लोकंतत्र आंदोलन की शुरूआत हुई और सन् 1991 में पहली बहुदलीय संसद का गठन हुआ। इस तरह नेपाल में राजशाही शासन का अंत हुआ। नेपाल दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र था। वर्तमान में नेपाल में वामपंथी वर्चस्व होने के कारण धर्मनिरपेक्ष देश है।

तिब्बत (त्रिविष्टय) का विभाजन
अखंड भारत में तिब्बत का नाम त्रिविष्टय था। त्रिविष्टिय में रिशिका और तुषाण नामक राज्य हुआ करते थे। तिब्बत में पहले हिंदू धर्म बाद में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार हुआ। आगे चल कर तिब्बत बौद्ध धर्म के लोगों का प्रमुख केंद्र बन गया। सन् 1207 में साक्यवंशियों का शासन प्रारंभ हुआ। 19वीं शताब्दी तक तिब्बत ने अपनी स्वतंत्र सत्ता को बचाए रखा। सन् 1907 में ब्रिटिश इंडिया और चीन में बैठक हुई। तिब्बत को दो भागों में बांट दिया गया। तिब्बत का पूर्वी भाग चीन को और दक्षिणी भाग लामा के पास रहा।  सन् 1954 को पंडित नेहरू जी ने तिब्बत को चीन का भाग मानकर बड़ी भूल की थी। 

भूटान भारत का अभिन्न अंग था
भूटान भौगोलिक रूप से भारत से जुड़ा हुआ है। भूटान नाम की उत्पत्ति भी संस्कृत में हुई है। भूटान में वैदिक एवं बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं।

सन् 1906 में स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों ने सिक्किम और भूटान को अपे कब्जे में ले लिया था। इशके तीन साल बाद समझौता हुआ कि ब्रिटिश भूटान के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन भूटान की विदेश नीति इंगलैंड द्वारा तय की जाएगी। जब भारत 1947 में आजाद हुआ, उसके दो साल बाद 1949 में भारत ने सारी जमीनें जो अंग्रेजों के पास थीं, भूटान को लौटा दीं और वचन भी दिया भारत केवल भूटान को ररक्षा और सामाजिक सुरक्षा देगा।

ब्लूचिस्तान का इतिहास तथा विभाजन
ब्लूचिस्तान भारत की सोलाह स्टेटस में से एक था। यह गंधार स्टेट का भाग रहा है। 321 ईसा पूर्व यह चंद्रगुप्त मौर्य को साम्राज्य में शामिल था।  इस पर 711 में मोहम्मद बिन कासिम, फिर महमूद गजनवी कब्जा किया। फिर अकबर के काल में मुगल साम्राज्य के अधीन आ गया। 

अंग्रेजों के काल में अंग्रेजों ने इस पूरे इलाक का कब्जा कर लिया। सन् 1876 ई. में राबर्ठ सैडमेन को यहां का ब्रिटिश एजैंट नियुक्त किया गया। अंग्रेजों ने इस इलाके को 4 रियासतों में बांट दिया। कलात, मकराना, लसबेला और खारन शामिल थे। 20वीं सदी में ब्लूचों ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दिया। सन् 1939 में मुस्लिम लीग का जन्म हुआ। दूसरी तरफ अंजुमन-ए-वतन का जन्म हुआ। खान अब्दुल गफ्फार खान के कारण अंजुमन-ए-वतन कांग्रेस में विलय हो गई।

11 अगस्त 1947 को ब्लूचिस्तान आजाद हो गया था। जिन्ना ने 27 मार्च 1948 को कलात को अपने कब्जे में ले लिया था। पाकिस्तान ने शेष तीनों प्रांतों मकराना, लसबेला तथा खारन को जबरन अपने कब्जे में ले लिया। जिसके लिए आजद भी ब्लूची अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। ब्लूचिस्तान को आजाद कराना चाहते हैं।

म्यांमार (ब्रह्मदेश) और श्रीलंका का विभाजन
म्यांमार (ब्रह्मदेश) और श्रीलंका वैदिक एवं बौद्ध धार्मिक परम्पराओं को मानने वाले हैं। ये दोनों देश भारत के अभिन्न अंग थे। म्यांमार का क्रमबद्ध इतिहास सन् 1044 ई. में मियन वंश से होता है जो मार्कीपोलो के यात्रा संस्मरण में भी उल्लिख्रित है। सन् 1287 में कुबला खां सन् 1754 ई. अलोंगपाया (अलोंपण) ने इस पर कब्जा किया। अंग्रेजों ने सन् 1926 से 1886 तक सम्पूर्ण ब्रह्मदेश पर अपना अधिकार जमा लिया। अंग्रेजों ने सन् 1937 में म्यांमार को अलग राजनीतिक देश की मान्यता दी। सन् 1965 में श्रीलंका को अलग राज्य घोषित किया। 

अखंड भारत कब
अखंड भारत के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना आदि कार्य कर रहे हैं। संघ के विचारक एवं पूर्व सरकार्यवाह हो.बे. शेषाद्रि जी ने अखंड भारत की बात कही है। संघ के सरसंघचालक प.पू. मोहन भागवत जी ने कहा है कि अखंड भारत ही सम्पूर्ण स्वतंत्रता ला सकता है।

आज जिसे हम भारत कहते हैं वह हिंदुस्तान है। वास्तव में अखंड भारत (आर्यव्रत) की सीमाएं विश्व के बहुत बड़े भाग तक फैली हुई हैं। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तिब्बत, बंगलादेश, बर्मा, इंडोनेशिया, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जावा  सुमात्रा, मालदीव तथा अन्य छोटे-बड़े क्षेत्र कब स्वतंत्र हो पाएंगे। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

जहां तक अखंड हिंदुस्तान की बात है सबसे पहले पी.ओ.के. को मुक्त कराना है। मोदी है तो मुमकिन है। इसके बाद पाकिस्तान एवं बंगलादेश की बात करेंगे।

- बलदेव राज चावला

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख (ब्लाग) में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इसमें सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इसमें दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार पंजाब केसरी समूह के नहीं हैं, तथा पंजाब केसरी समूह उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।

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भूटान भारत से अलग क्यों हुआ?

भूटान भारत से अलग क्यों हुआ? 1947 में भारत आजाद हुआ और 1949 में भारत-भूटान समझौते के तहत भारत ने भूटान की वो सारी जमीन उसे लौटा दी, जो अंग्रेजों के अधीन थी। इस समझौते के तहत भारत ने भूटान को हर तरह की रक्षा और सामाजिक सुरक्षा का वचन भी दिया।

क्या भूटान कभी भारत का हिस्सा था?

बाद में 1947 के पश्चात यही भूमिका भारत को मिली। दो साल बाद 1949 में भारत भूटान समझौते के तहत भारत ने भूटान की वो सारी जमीन उसे लौटा दी जो अंग्रेजों के अधीन थी। इस समझौते के तहत भारत का भूटान की विदेश नीति एवं रक्षा नीति में काफी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई।

भूटान का दूसरा नाम क्या है?

भूटान को 'द लैंड ऑफ थंडर ड्रैग्न्स' कहा जाता है. वहीं, इसका नाम द्रक यू है, जिसका मतलब होता है 'ड्रैगन का देश'.

भूटान देश कब बना?

17 दिसंबर 1907भूटान / स्थापना की तारीखnull

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