“जिस देश में गंगा बहती है …….’ नामक कविता के कवि हैं श्री शैलेंद्र कुमार। आप इस प्रस्तुत कविता में भारत देश वासियों के महानगुणों के बारे में वर्णन करते हैं।
कवि कहते हैं कि हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है। हमारे होठों पर सदा सचाई ही रहती है। हम कभी झूठ नहीं बोलते । हमारे दिलों में सफ़ाई रहती है। इसका मतलब यह है कि हम अपने दिलों को पवित्र रखते हैं।
हमारे मेहमानों को हम अपने प्राणों से भी प्यार करते हैं। हमें ज़्यादा लालच नहीं रहता । हम बहुत थोड़े में ही गुज़ारा करते हैं। जिस देश में गंगा बहती है, हम उस देश के वासी हैं | बच्चों के लिए यहाँ की धरती माँ सदियों से सहती है।
कवि कहते हैं कि कुछ लोग ज़्यादा जानने पर भी इन्सान को पहचान नहीं सकते । लेकिन हम भारत वासी एवं पूरबवासी हर जान की क़ीमत जानते हैं।
हमारे पास एक ही चीज़ है – वह है आपस में मिलजुलकर रहना और प्यार से रहना । जिस देश में गंगा बहती है, हम उस देश के वासी हैं।
हम ज्ञान को महत्व देते हैं। हमने सब से कुछ न कुछ सीखा है। हमने अंग्रेज़ों को भी अपनाया है। हमने अपने स्वार्थ (लाभ) के लिए किसी को हानि नहीं पहुँचायी ।
हम ही नहीं इस बात को सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है कि जिस देश में गंगा बहती है हम उस देश में रहनेवाले भारतीय हैं।