भारत में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता क्यों अपने शब्दों में समझाइए? - bhaarat mein dharmanirapekshata kee aavashyakata kyon apane shabdon mein samajhaie?

भारत में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता क्यों है, अपने शब्दों में समझाइए?...


चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

देखें मित्र आप का सवाल है कि भारत में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता क्यों है तो इस पर ध्यान से बात है कि आपने अपने शब्दों में बताने के लिए कहा है तो मैं तो यही कहूंगा कि आपसे किसने कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता है यहां तो विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं और सिर्फ एक सनातन धर्म को छोड़कर बाकी धर्मों के लोग तो बड़ी कट्टरता का को निभाते भी तो धर्म निरपेक्षता की आवश्यकता भारत में बिल्कुल भी नहीं है अपने धर्म का पालन करें और सभी धर्मों का आदर करें इस बात की आवश्यकता है धर्मनिरपेक्ष का तो मतलब ही बयां हो गया कि मैं किसी भी धर्म को नहीं मानता और यहां तो ऐसा आपको एक भी व्यक्ति नहीं मिलेगा तो किसी धर्म को नहीं मानता हूं टीवी पर टीवी डिबेट में समाचारों में भले ही लोग बहस कर ले लेकिन भारत में एक भी आदमी धर्म देते नहीं है

Romanized Version

1 जवाब

Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!

भारत में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता क्यों है?

पश्चिम में धर्मनिरपेक्षता का पूर्णतः नकारात्मक एवं अलगाववादी स्वरूप दृष्टिगोचर होता है, वहीं भारत में यह समग्र रूप से सभी धर्मों का सम्मान करने की संवैधानिक मान्यता पर आधारित है। धर्म शब्द का अर्थ पंथ नही होता। इसलिए धर्म निरपेक्ष शब्द ही गलत है। सेक्युलर शब्द का अर्थ धर्मनिरपेक्ष नही अपितु पंथनिरपेक्ष होता है ।

भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या है समझाइए?

धर्मनिरपेक्षता क्या है? समान धार्मिक स्वतंत्रता के इस विचार को ध्यान में रखते हुए भारतीय राज्य ने धर्म और राज्य की शक्ति को एक-दूसरे से अलग रखने की रणनीति अपनाई है। धर्म को राज्य से अलग रखने की इसी अवधारणा को धर्मनिरपेक्षता कहा जाता है।

धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं भारत में धर्मनिरपेक्षता पर प्रमुख बहसों पर चर्चा करें?

धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य राजनीति या किसी गैर-धार्मिक मामले से धर्म को दूर रखे तथा सरकार धर्म के आधार पर किसी से भी कोई भेदभाव न करे। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ किसी के धर्म का विरोध करना नहीं है बल्कि सभी को अपने धार्मिक विश्वासों एवं मान्यताओं को पूरी आज़ादी से मानने की छूट देता है।

धर्म निरपेक्षता का क्या अर्थ है?

'धर्मनिरपेक्षता, पंथनिरपक्षता या सेक्युलरवाद धार्मिक संस्थानों व धार्मिक उच्चपदधारियों से सरकारी संस्थानों व राज्य का प्रतिनिधित्व करने हेतु शासनादेशित लोगों के पृथक्करण का सिद्धान्त है। यह एक आधुनिक राजनैतिक एवं संविधानी सिद्धान्त है।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग