भारत में "अर्धसैनिक बलों" का किसी भी कृत्य में या अधिकारियों द्वारा आधिकारिक तौर पर उल्लेख नहीं किया गया है हालांकि इन्हें पारंपरिक रूप से तीन बलों अर्थात असम राइफल्स, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स और भारतीय तटरक्षक बल को परिभाषित करने के लिए किया जाता है। Show
केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को मार्च 2011 से से पूर्व अर्द्धसैनिक बलों के रूप में ही जाना जाता था, पर गृह मंत्रालय ने भ्रम की स्थिति पुलिस बलों अर्थात: सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी के लिए एक समान नामकरण अपनाया।[1] अर्धसैनिक बल में कौन-कौन शामिल[संपादित करें]देश में अर्धसैनिक बलों की संख्या करीब 10 लाख है. अर्धसैनिक बलों में देश के कई अलग-अलग फोर्स के जवान शामिल होते हैं. इनमें मुख्य रूप से CRPF और BSF की ज्यादा चर्चा होती है लेकिन इसके अलावा ITBP, CISF, Assam Rifles और SSB फाॅर्स के जवान भी इनमे शामिल होते हैं.[2]
(गृह मंत्रालय के लिए रिपोर्टिंग, भारतीय सेना के अधिकारियों के नेतृत्व में)
(भारतीय खुफिया रिपोर्टिंग करने के लिए भारतीय सेना के अधिकारियों के नेतृत्व में)[2] भारत के अर्धसैनिक बल[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
भारत एक नज़र मे
रक्षा एवं अर्धसैनिक बल देश की प्रभुता, सुरक्षा, अखंडता एवं सीमा रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल के इस खंड में हम रक्षा सैन्य एवं अर्धसैनिक बलों, पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के बारे में संपूर्ण जानकारी तथा सरकार द्वारा उनके लिए किए जा रहे कल्याण कार्यों की विस्तृत जानकारी लेकर आए हैं। यहां पर वे अपने लिए रोजगार अवसरों, विभिन्न कार्यक्रमों, नीतियों, योजनाओं तथा सुविधाओं की जानकारी हासिल कर सकते हैं। रक्षा बलथल सेना, नौसेना, वायु सेना एवं तटरक्षक बल मिलकर भारतीय सशस्त्र बल कहलाते हैं, इन्हें भारतीय रक्षा बल भी कहा जाता है। देश की सुरक्षा के लिए इन्हें कब और कहां पर कार्य करना है, तथा इनसे संबंधित सभी प्रकार की नीतियां तथा रूपरेखा बनाने की प्रमुख जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं), की है। मंत्रालय यह भी तय करता है कि शासन की सभी नीतियों, कार्यक्रम तथा निर्देशों का समुचित लाभ आवंटित स्रोतों को मिल सके, साथ ही इन सभी का नीतिगत क्रियान्वयन भी हो सके।
अर्धसैनिक बलदेश की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी अर्धसैनिक बलों की है। इनमें से अधिकांश बल आतंकवाद विरोधी मिशन में लगाए जाते हैं। अर्धसैनिक बलों की सभी शाखाएं गृह मंत्रालय (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) के अधीन कार्य करती हैं। भारतीय अर्धसैनिक बलों में अलग-अलग काम करने वाले कई कारक मौजूद हैं। इसलिए इसे मूलरूप से दो हिस्सों में बांटा गया है। एक है केंद्रीय पुलिस संगठन (सीपीओ) तथा दूसरी है केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीपीएफ)। केंद्रीय पुलिस संगठन (टियर 1): केंद्रीय पुलिस संगठन स्वायत्त एवं केंद्रीय तथा राज्य पुलिस के साथ मिलकर समन्वय के साथ कार्य करता है।
केंद्रीय अर्धसैनिक बल (टियर 2): केंद्रीय अर्धसैनिक बल मूल रूप से अर्धसैनिक बलों का ही द्वितीयक रूप कहा जाता है। यह बल भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साथ मिलकर काम करता है।
भारत में कुल कितने अर्धसैनिक बल है?
भारत में पैरामिलिट्री फोर्स कितनी है?पैरामिलिट्री फोर्स को नियंत्रित करने की सारी जिम्मेदारी भारत के गृह मंत्रालय की होती है। वर्तमान समय में देश में कुल 7 बल है जिन्हें गृह मंत्रालय के द्वारा अर्धसैनिक बल के तहत मान्यता दी गई है। जिनमें स पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल निम्नानुसार है।
भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल कौन सा है?सीमा सुरक्षा बल भारत का एक सीमा रक्षक बल है, जिसकी स्थापना 1 दिसंबर, 1965 को की गयी थी।
अर्धसैनिक बल कौन कौन से हैं?कला और संस्कृति. वाणिज्य. संचार और आईटी. वन एवं पर्यावरण. वित्त और कर. खाद्य और सार्वजनिक वितरण. |