भारत का पहला राष्ट्रीय पशु कौन सा है? - bhaarat ka pahala raashtreey pashu kaun sa hai?

भारत का पहला राष्ट्रीय पशु कौन सा है? - bhaarat ka pahala raashtreey pashu kaun sa hai?

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आज ही के दिन साल 1969 में वन्यजीव बोर्ड ने शेर को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया. फिर 1973 में शेर के स्थान पर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया. आख‍िर क्यों शेर की जगह बाघ को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया गया. किसी पशु को राष्ट्रीय पशु घोष‍ित करने के पीछे क्या पैरामीटर होते हैं. आइए जानें- क्या थी वजह.

भारत का पहला राष्ट्रीय पशु कौन सा है? - bhaarat ka pahala raashtreey pashu kaun sa hai?

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भारत में आजादी के बाद पहली बार आज ही के दिन 1972 में भारत के उस दौर के राष्ट्रीय पशु सिंह यानी शेर की जगह रॉयल बंगाल टाइगर ने ले ली थी. लेकिन साल 1972 तक शेर ही भारत देश का राष्ट्रीय पशु हुआ करता था. तब से राष्ट्रीय पशु बाघ है, लेकिन साल 2015 में झारखंड के राज्यसभा सांसद परिमाल नाथवानी ने नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ को प्रस्ताव देकर एक बाद बाघ की बजाय शेर को राष्ट्रीय पशु बनाने की राय दी थी, हालांकि ये प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया. 

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वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ फैजाज़ खुद्सर ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि कभी एश‍ियाई शेर या लायन भारत की खास पहचान के रूप में रहे हैं. खासकर अशोक के समय में एतिहासिक एंबलेम के तौर पर ये नजर आते रहे हैं. एक वक्त था जब ये मध्यप्रदेश, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में थे. फिर धीरे धीरे विभ‍िन्न कारणों से  इनका पर्यावास सिमटता गया. आज सिर्फ गुजरात के गिरवन में ही शेर पाए जाते हैं. 

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वहीं भारतीय टाइगर या रॉयल बंगाल टाइगर को देखें तो आज विश्व में ये महत्वपूर्ण है क्योंकि अंतिम कड़ी है शेरों को बचाने की. भारतीय टाइगर का डिस्ट्रीब्यूशन देखें तो इनकी आज देश के 16 राज्यों में इनकी उपस्थ‍ित‍ि है जो कभी खत्म होती नजर आ रही थी. आज एक बार फिर मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट बन गया. नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड ने 1972 को टाइगर को राष्ट्रीय पशु के तौर पर घोष‍ित किया गया. 1972 में ही प्रोजेक्ट टाइगर  की शुरुआत की गई जो किसी बड़े जानवर को बचाने की महती परियोजना थी. 

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जंगल कथा और चीता: भारतीय जंगलों का गुम शहजादा जैसी किताबें लिखने वाले कबीर संजय बताते हैं कि‍ भारत और एश‍िया में बंगाल टाइगर ही पाए जाते हैं. वो कहते हैं कि‍ बिल्‍ली की करीब 36 से ज्‍यादा प्रजाति होती हैं. इनमें सबसे बडी बिल्‍ली टाइगर है. भारत में बंगाल टाइगर, शेर से ज्‍यादा बडे आकर के होते हैं और वो अपने खास गुणों के चलते जंगल के बादशाह कहलाते हैं.

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बंगाल टाइगर जंगलों में अपनी दहाड़ के लिए जाने जाते हैं. विशेषज्ञ बड़ी बिल्‍ल‍ियों में उन चार जानवरों को शामिल करते हैं जो दहाड़ सकते हैं. इनमें शेर, बाघ, जगुआर और तेंदुआ जाते हैं. बंगाल टाइगर की बात करें तो इनके गले से निकलने वाली गूंजती हुई आवाज किसी के भी खून को जमा देने और रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है. जंगल में जब इनकी दहाड गूंजती है तो पूरा इलाका जाग जाता है, वाइल्‍ड लाइफ की दुनिया में इसे कॉलिंग कहते हैं. 

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बंगाल टाइगर शेर की तरह झुंड में न रहकर अकेला रहना पसंद करता है. यह हमेशा स्‍वतंत्र विचरण करके अपना श‍िकार करता है. इनके आगमन का खौफ इस कदर होता है कि वहां चिड़ियां की चहचहाने लगती है और बंदर चिल्‍लाने लगते  हैं. ऐसा लगता है वो पूरे जंगल को इस बात के लिए खबरदार कर रहे हों क‍ि एक महान श‍िकारी हमारे आसपास से गुजर रहा है, बच सकते हो तो बचो, अपना द‍िल मजबूत करके रखो.

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बता दें कि भारत में एक वो दौर था जब राजा लोग टाइगर का श‍िकार बढ़ चढ़कर करते थे, ये उनकी शानोशौकत का हिस्सा था. इसका रिजल्ट ये हुआ कि भारत में बाघों की संख्या में गिरावट आने लगी थी. उसके बाद भारत में बाघों को बचाने और उनके संरक्षण के लिए ‘बाघ परियोजना’ यानी टाइगर प्रोजेक्ट शुरू हुआ था. इसे राष्ट्रीय पशु घोषित करने के साथ ही इनकी प्रजाति की बड़ी बिल्ल‍ियों जिसमें शेर भी शामिल था उनके संरक्षण की मुहिम चल पड़ी. 

सबसे पहले भारत का राष्ट्रीय पशु कौन था?

भारत में आजादी के बाद पहली बार आज ही के दिन 1972 में भारत के उस दौर के राष्ट्रीय पशु सिंह यानी शेर की जगह रॉयल बंगाल टाइगर ने ले ली थी. लेकिन साल 1972 तक शेर ही भारत देश का राष्ट्रीय पशु हुआ करता था.

हमारा राष्ट्रीय पशु का क्या नाम है?

बाघ को बतौर भारत का राष्ट्रीय पशु (National Animal of India in Hindi) चुनने का मुख्य कारण इसकी चपलता, लालित्य, ताकत और शक्ति के आधार पर था। उसी नोट पर, भारत सरकार ने बाघों के संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने के लिए 1 अप्रैल 1973 को 'प्रोजेक्ट टाइगर' शुरू किया (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972)।

शेर को राष्ट्रीय पशु कब घोषित किया गया था?

नौ जुलाई यानी आज के ही दिन साल 1969 में वन्यजीव बोर्ड ने शेर को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था। फिर 1973 में शेर के स्थान पर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। आख‍िर क्यों शेर की जगह बाघ को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया गया

भारत का राष्ट्रीय पशु और पक्षी कौन सा है?

भारत का राष्ट्रीय पशु शक्ति और फुर्ती बाघ के बुनियादी पहलू हैं। भारत में बाघों को बचाने के लिए प्रोजेक्ट टाइगर शुरु किया गया और सन् 1973 में बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। इससे पहले शेर भारत का राष्ट्रीय पशु था।