Show
बिहार में समाचार पत्र का इतिहासपत्रकारिताबिहार में समाचार पत्र – पत्रकारिता का आरंभ उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ। बिहार का पहला समाचार पत्र ब्रिटिश सरकार के प्रयास से प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए प्रकाशित किया गया था। उस समय पटना के कमिश्नर विलियम टेलर ने 3 सितंबर, 1856 को एक उर्दू अखबार, ‘अखबार-ए-बिहार’ का प्रकाशन शुरू करने की पहल की। 1872 में, बालकृष्ण भट्ट और केशवरम भट्ट द्वारा स्थापित एक हिंदी समाचार पत्र ‘बिहार बंधु’ का कलकत्ता से प्रकाशन शुरू किया, किन्तु आगे 1874 में अपने प्रेस को पटना स्थानांतरित कर दिया। मुंशी हसन अली इसके पहले संपादक थे। इसे बिहार में समाचार पत्र का आरंभ माना जाता है। गुरू प्रसाद सेन द्वारा बिहार के पहले अंग्रेजी समाचार-पत्र ‘दि बिहार हेराल्ड’ का प्रकाशन 1875 में शुरू किया गया। पटना से ‘इंडियन क्रांनिकल’ नामक समाचार-पत्र 1881 में प्रकाशित हुआ। ‘बिहार टाइम्स’ की स्थापना 1894 में सच्चिदानंद सिन्हा द्वारा की गई थी, महेश नारायण इसके पहले संपादक थे, और उन्होंने 1907 में अपनी मृत्यु तक इसे संपादित किया। ‘बिहार गआर्डियन’ की स्थापना 1899 में किया गया। बीसवीं शताब्दी के आरंभ में राष्ट्रवादियों द्वारा ‘दि मदरलैंड’ तथा ‘बिहार स्टैंडर्ड’ का प्रकाशन आरंभ किया गया। ‘दि बिहार टाईम्स’ ऐसा समाचार-पत्र था जो बिहार को पृथक प्रांत बनाने की मांग की प्रस्तुति में सक्रिय रहे। ‘बिहार टाईम्स’ की स्थापना पटना में एक साप्ताहिक के रूप में 1903 में हुई। जबकि 1906 में इसे भागलपुर से प्रकाशित होने वाले ‘बिहार न्यूज’ के साथ जोड़कर ‘दि बिहारी’ (Beharee) नाम दे दिया गया। 1906 में ‘बिहार गआर्डियन’ ने अपना नाम बदलकर बिहारी (Behari) कर दिया। कुछ वर्षों बाद यह समाचार पत्र बंद हो गया। ‘दि बिहारी’ को 1917 में एक दैनिक के रूप में परिवर्तित कर दिया गया तथा 1917 में ही इसका प्रकाशन बंद कर दिया गया। ‘दि बिहारी’ के स्थान पर 15 जुलाई, 1918 से ‘दि सर्चलाइट’ का प्रकाशन सचिदानंद सिन्हा ने शुरू किया गया, जिसके प्रथम संपादक सैयद हैवर हूसैन थे। ‘दि सर्चलाइट’ को 1930 में एक दैनिक का रूप दे दिया गया। इसने सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन के रूप में राष्ट्रवादियों के प्रवक्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘दि सर्चलाइट’ के हिन्दी प्रभाग के रूप में 1947 में पटना से ‘प्रदीप‘ का प्रकाशन आरंभ किया गया। ‘दि सर्चलाइट’ का प्रकाशन 1985 में बंद करके उसके स्थान पर ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के पटना संस्करण को शुरू किया गया। असहयोग आंदोलन के दौरान मजहरूल हक ने पटना से ‘दि मदरलैंड’ का प्रकाशन आरंभ किया, जिसपर सरकार की कड़ी आलोचना करने के कारण अनेक बार मुकदमें चलाए गए तथा शीघ्र ही इसका प्रकाशन रोक दिया गया। बिहार के पहले मुख्यमंत्री मोहम्मद यूनूस ने 1924 में ‘दि पटना टाइम्स’ का प्रकाशन आरंभ किया, जो 1944 तक प्रकाशित होता रहा। 1931 में दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह ने ‘दि इंडियन नेशन’ की स्थापना की। किन्तु 1932 में इसका प्रकाशन स्थगित कर दिया गया। पुन: इसे वर्ष 1943 में आरंभ किया गया जो 1980 के दशक के मध्य टक चलता रहा। ‘टाईम्स ऑफ इंडिया’ के पटना संस्करण का मई, 1986 से प्रकाशन शुरू हुआ। बिहार में हिन्दी पत्रकारिता का विकासकोलकाता में 1872 में स्थापित ‘बिहार बंधु’ बिहार का पहला हिंदी समाचार-पत्र था, जो 1874 में पटना से प्रकाशित हुआ। बिहार से पहला हिंदी दैनिक ‘सर्वहितैषी’ के नाम से 1890 में पटना से प्रकाशित हुआ। ‘दि इंडियन नेशन’ के हिंदी सह-प्रकाशन ‘आर्यावर्त’ का प्रकाशन दरभंगा से 1941 में शुरू हुआ, जबकि ‘दि सर्चलाइट’ का हिन्दी सह-प्रकाशन ‘प्रदीप’ नाम से 1947 में शुरू हुआ। ‘प्रदीप’ का प्रकाशन 1986 में बंद हो गया तथा इसका स्थान ‘हिन्दुस्तान’के पटना संस्करण ने ले लिया। ‘नवभारत टाईम्स’ के पटना संस्करण का प्रकाशन भी 1986 में आरंभ हूआ, लेकिन 1995 में इसे बंद कर दिया गया। बिहार में उर्दू पत्रकारिता का विकासउन्नीसवीं शताब्दी में बिहार का पहला उर्दू समाचार-पत्र ‘नूरूल अन्वार’ शीर्षक से आरा से मोहम्मद हाशिम द्वारा प्रकाशित किया गया। बिहार का पहला उर्दू दैनिक आरा से ही 1876 में प्रकाशित हुआ। स्वतंत्रता संग्राम के दिनों उर्दू समाचार-पत्रों में सबसे पुराना ‘सदा-ए-आम’ है जो अभी तक पटना से प्रकाशित हो रहा है। इसी काल में ‘इतिहाद’ और ‘शांति’ का प्रकाशन भी आरंभ हुआ। दरभंगा से एक साहित्यिक पत्रिका ‘किरण’ का प्रकाशन 1948 में प्रारंभ हुआ। पटना से 1948 में इन्कलाबे-जदीद का प्रकाशन आरंभ हुआ। बिहार से प्रकाशित हिन्दी पत्रिकाएं
नोट:- एकमात्र ‘लक्ष्मी’ छोड़कर अन्य सभी पत्रिकाएं पटना से प्रकाशित हुई, ‘लक्ष्मी’ का प्रकाशन गया से हुआ। बिहार से प्रकाशित संस्कृत पत्रिकाएं
नोट: देववाणी तथा अख्यकम् क्रमशः मुंगेर तथा आरा से प्रकाशित हुई, जबकि अन्य सभी पटना से प्रकाशित हुई। बिहार से प्रकाशित साप्ताहिक पत्र-पत्रिकाएं
बिहार सामान्य ज्ञान 2022-Bihar GK-2022 Most important facts बिहार का सबसे पुराना समाचार पत्र कौन सा है?'बेहार हेराल्ड' पटना से निकलने वाला 141 साल पुराना साप्ताहिक अंग्रेजी अख़बार है.
बिहार का पहला दैनिक हिंदी समाचार पत्र कौन था?बिहार में मीडिया की शुरुआत 1872 में बिहार बंधु के साथ हुई थी। बिहार बंधु बिहार का पहला दैनिक हिंदी समाचार पत्र था। इसे केशव राम भट्टा ने शुरू किया था।
बिहार का पहला अंग्रेजी समाचार पत्र कौन सा है?बिहार का पहला अंग्रेजी समाचार पत्र है:- Notes: बिहार का पहला अंग्रेजी समाचार पत्र द बिहार हेराल्ड है।
भारत का सबसे पुराना समाचार पत्र कौन सा है?किसी भारतीय भाषा में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र मासिक 'दिग्दर्शक' था, जो 1818 ईस्वी में प्रकाशित हुआ। लेकिन निर्विवाद रूप से भारत का सबसे पहला प्रमुख समाचार पत्र 'संवाद कौमुदी' था। इस साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन 1821 में शुरू हुआ था और इसके प्रबंधक-संपादक थे प्रख्यात समाज सुधारक राजा राममोहन राय।
|