बच्चों को पढ़ने के लिए मोटिवेट कैसे करें? - bachchon ko padhane ke lie motivet kaise karen?

कोरोनावायरस महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन का बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। लंबे समय से घरों में बंद रहने के कारण बच्चे मायूस रहने लगे हैं। उनमें पहले जैसा उत्साह नहीं दिखता है। इसलिए उन्हें मोटिवेट करने की जरूरत है।

बच्चों को पढ़ने के लिए मोटिवेट कैसे करें? - bachchon ko padhane ke lie motivet kaise karen?

बच्चों को पढ़ने के लिए मोटिवेट कैसे करें? - bachchon ko padhane ke lie motivet kaise karen?

New Delhi, First Published Sep 8, 2020, 7:09 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन का बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। लंबे समय से घरों में बंद रहने के कारण बच्चे मायूस रहने लगे हैं। उनमें पहले जैसा उत्साह नहीं दिखता है। इसलिए उन्हें मोटिवेट करने की जरूरत है। बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं। उनके दिलो-दिमाग पर छोटी-छोटी बातों का भी गहरा असर पड़ता है। कोरोनावायरस महामारी ने बच्चों को उनके दोस्तों और खेल-कूद जैसी दूसरी एक्टिविटीज से दूर कर दिया है। वे उदास रहने लगे हैं। ऐसे में, जरूरत इस बात की है पेरेन्ट्स उन्हें प्रोत्साहित करें, ताकि उनमें पॉजिटिविटी आ सके और वे सहज महसूस कर सकें। जानें कुछ टिप्स।

1. बच्चों के साथ समय जरूर बिताएं
बच्चों के साथ पेरेन्ट्स अगर थोड़ा भी समय बिताते हैं, तो इससे उन्हें अच्छा महसूस होता है। बच्चों के साथ बातचीत करना जरूरी है। इससे बच्चों को खुशी होती है। उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है। अगर पेरेन्ट्स बच्चों से बात करते हैं तो वे भी अपनी समस्या खुल कर बताते हैं।

2. गलती करने पर डांटें नहीं
अगर बच्चा किसी तरह की कोई गलती करता है, तो उसे डांटना नहीं चाहिए। अगर बच्चे ने कोई नुकसान भी कर दिया हो, तो गुस्से में नहीं आएं। बच्चे को प्यार से समझाएं। ऐसा करने पर बच्चा आपकी बातों को ध्यान से सुनेगा और आगे से गलती करने से बचेगा। 

3. बच्चे की तारीफ करें
अगर आपका बच्चा पढ़ाई या किसी दूसरी एक्टिविटी में अच्छा परफॉर्मेंस करता है तो उसकी तारीफ करना नहीं भूलें। इससे बच्चों को प्रोत्साहन मिलता है और आगे वे और भी बढ़िया करने की कोशिश करते हैं। अगर बच्चे को मनमाफिक सफलता नहीं मिली है, फिर भी उसका मनोबल बढ़ाएं। छोटी-मोटी असफलता पर निराशा जाहिर नहीं करें।

4. दूसरे बच्चों से नहीं करें तुलना
अक्सर पेरेन्ट्स दूसरे बच्चों से अपने बच्चों की तुलना कर उन्हें कमतर ठहराने की कोशिश करते हैं। वे सोचते हैं कि इससे बच्चा आगे बढ़ने की कोशिश करेगा। लेकिन इसका असर गलत पड़ता है। इससे बच्चे में हीन भावना पैदा हो जाती है। हर बच्चा एक-दूसरे से पूरी तरह अलग होता है। इसलिए तुलना कभी नहीं करनी चाहिए।

5. बच्चों की जरूरतों का रखें ख्याल
बहुत से बच्चे अपनी जरूरतों के बारे में पेरेन्ट्स को नहीं बताते हैं। इसके पीछे कई तरह के कारण होते हैं। ज्यादातर बच्चे पेरेन्ट्स से डरते भी हैं। इसलिए बच्चों की जरूरतों का ख्याल रखें और उन्हें पूरा करें। बच्चों के साथ अपना व्यवहार दोस्तना रखें, ताकि वे बेहिचक अपने बारे में सारी बातें बता सकें। इससे उनका मानसिक विकास ठीक से होता है। 

Last Updated Oct 12, 2020, 9:58 PM IST

बच्चों को मोटिवेट कैसे किया जाए?

ऐसे करें बच्चों को मोटिवेट, ये 5 टिप्स होंगे बेहद मददगार.
बच्चों के साथ समय जरूर बिताएं बच्चों के साथ पेरेन्ट्स अगर थोड़ा भी समय बिताते हैं, तो इससे उन्हें अच्छा महसूस होता है। ... .
गलती करने पर डांटें नहीं ... .
बच्चे की तारीफ करें ... .
दूसरे बच्चों से नहीं करें तुलना ... .
बच्चों की जरूरतों का रखें ख्याल.

स्टूडेंट को मोटीवेट कैसे करे?

इन तरीकों से स्टूडेंट्स खुद को रखें मोटीवेट फिर हर कदम पर मिलेगी....
रोज़ देखें कि आप अपने टारगेट से कितना दूर हैं ... .
हमेशा विफलताओं के लिए प्लान करें ... .
आपके पसंदीदा पॉलिटिशियन, खिलाड़ी, या कारोबारी की सक्सेस स्टोरी पढ़े ... .
मोटिवेशनल फिल्में देखें या ऐसा संगीत सुने जिससे आपके अंदर नयी ऊर्जा भर जाए.

बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता तो क्या करें?

बच्चों का मन पढ़ाई में लगाने के लिए यहां एक या दो नहीं, बल्कि 10 से भी ज्यादा उपाय हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:.
बच्चे के प्रयास की सराहना करें ... .
बच्चे की नींद का रखें खास ख्याल ... .
व्यायाम या योग ... .
हेल्दी डाइट ... .
पढ़ाई के लिए सही जगह का चयन करें ... .
तनाव मुक्त रखें ... .
मानसिक विकास के लिए खेलना भी है जरूरी ... .
घर का माहौल ठीक रखें.

बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कैसे करें?

साथ बैठें अपने बच्‍चे को पढ़ने के लिए मोटिवेट करने का सबसे अच्‍छा तरीका है कि पढ़ाई करते समय आप भी उसके साथ बैठें। ... .
नंबर नहीं, कुछ सीखने की उम्‍मीद दें ... .
स्‍टडी शेड्यूल बनाएं ... .
बच्‍चे के लर्निंग स्‍टाइल को समझें ... .
बच्‍चों की बात भी सुनें ... .
फेलियर पर न करें गुस्‍सा ... .
कोई लालच न दें.