वैसे तो गर्मी, धूप और लू से बचने के लिए आप कई तरह से सतर्क रहते हैं और इनसे बचने का पूरा प्रयास भी करते हैं। लेकिन इन सभी के बावजूद अगर आपको लू लग जाए, या फिर शरीर में गर्मी अधिक बढ़ जाने पर आप बीमार महसूस करें, तो यह उपाय आपको जरूर आजमाने चाहिए - Show
1 खुले शरीर धूप में न निकलें। अगर निकलना ही पड़े तो धूप में निकलने पर सिर अवश्य ढंके। आंखों पर सनग्लासेस लगाएं और हो सके तो सफेद या हल्के रंग के कॉटन के कपड़े ही पहनें। 2 अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह ना जाएं। खासकर एसी में बैठे रहने के बाद तुरंत धूप में ना निकलें। कच्चा प्याज रोज खाएं। धूप में निकलने पर अपने पॉकेट में छोटा सा प्याज रखें, यह लू शरीर को लगने नहीं देता और सारी गर्मी खुद सोख लेता है। लू लगने के 8 बड़े लक्षण, जरूर जानिए 3 ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। जिससे पसीना आकर शरीर का तापमान नियमित निर्धारित हो सके तथा शरीर में जल की कमी न हो सके। अधिक गर्मी में मौसमी फल, फल का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना पिएं या आम की चटनी खाएं। In this article
तापघात (हीट स्ट्रोक) क्या है?तापघात (हीटस्ट्रोक, सनस्ट्रोक) एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जो अत्याधिक गर्मी लगने पर उत्पन्न होती है। यदि आपके शरीर का तापमान बढने लगे, तो आपके शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाता है। पसीने के बिना शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए आपका शरीर और अधिक गर्म हो जाता है। इसकी वजह से आपके शरीर में कोशिकाएं खत्म होना शुरु हो सकती हैं। इसे ही तापघात के तौर पर जाना जाता है - यह जानलेवा हो सकता है। शिशुओं और बच्चों को तापघात का खतरा ज्यादा होता है। वे वयस्कों की तरह अपने शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं कर सकते और गर्मी से परेशान होने पर वे इस बारे में ठीक से बता भी नहीं पाते। लंबे समय तक घर से बाहर गर्मी या धूप में रहने से शिशु को लू लग सकती है। यदि शिशु के शरीर में पानी की कमी हो (डिहाइड्रेशन) या उसने बहुत सारे गर्म कपड़े पहने हों या फिर जरुरत से ज्यादा कंबल ओढ़े हों, तो भी तापघात का खतरा रहता है। तापघात बहुत जल्दी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप शिशु को गर्मियों में खड़ी हुई कार में बिना एसी चलाए छोड़ती हैं, तो उसे कुछ ही मिनटों में तापघात हो सकता है। मुझे कैसे पता चलेगा कि शिशु को तापघात हो गया है?तापघात के शुरुआती चरणों में शरीर में पानी की कमी होना, गर्मी की वजह से शरीर में अकड़नऔर अत्यंत थकान महसूस होना शामिल है। शुरुआत में शिशु को 102 डिग्री फेहरनहाइट से कम बुखार भी हो सकता है। संभव है कि वह बहुत प्यासा, थका हुआ या निरुत्साहित लगे। उसकी त्वचा ठंडी और नम लग सकती है। यदि शिशु इतना बड़ा है कि वह अपनी परेशानी बता सकता है, तो वह टांगों या पेट में मरोड़ होने की शिकायत कर सकता है। यदि हीट स्ट्रोक की स्थिति बिगड़ने लगे, तो शिशु को नीचे बताए गए लक्षण हो सकते हैं:
साथ ही शरीर में पानी की कमी होने के लक्षणों पर भी ध्यान दें। यदि लगे कि शिशु को तापघात हो गया है, तो क्या करना चाहिए?आपको जितना जल्दी हो सके शिशु के शरीर के तापमान को नीचे लाना चाहिए, वरना उसके बेहोश होने का खतरा रहता है। यदि आपके शिशु में तापघात के शुरुआती लक्षण दिखाई दें, तो शिशु के डॉक्टर आपको शायद घर पर रहकर इन तरीकों को आजमाने की सलाह दे सकते हैं: शिशु के शरीर का तापमान नीचे लाएं शिशु को प्रैम, कार सीट, पालने, झूले, बाउंसर या बेबी कैरियर से निकाल लें। इनमें आमतौर पर सिंथेटिक फैब्रिक लगा होता है, जो गर्मियों में बहुत गर्माहट दे सकता है। शिशु को गर्मियों में ठंडा व आरामदायक रखने के सुझाव यहां पढ़ें। शिशु को
जलनियोजित रखें इसके बाद उसे पर्याप्त तरल पदार्थ दें। यदि शिशु छह महीने से छोटा है तो उसे स्तनदूध या फॉर्मूला दूध दें। यदि वह छह माह या इससे बड़ा है तो उसे थोड़ा पानी या संभव हो तो रीहाइड्रेशन साल्ट्स दें। थोड़े बड़े बच्चों को नारियल पानी या घर पर बने पेय जैसे कि लस्सी, छाछ, नींबू पानी या चावल का पानी (कांजी) भी दिया जा सकता है, ताकि वे जलनियोजित हो सकें। यदि शिशु केवल थोड़ा ही पेय पीए, तो अधिक पीने के लिए उसपर दबाव न डालें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर उसे स्तनदूध या पानी पिलाती रहें। हो सकता है शुरुआत में वह इतना निरुत्साहित या थका हुआ हो, कि वह स्तन चूस भी न पा रहा हो। मगर जैसे-जैसे उसे ठंडक मिलेगी और थोड़ा पेय लेगा, उसकी शक्ति फिर से वापस आना शुरु हो जाएगी। सारे दिन शिशु को घर पर ही रखें। यदि आपने उसे गुनगुने पानी से नहीं नहलाया है, तो अब ऐसा कर सकती हैं, ताकि उसे ठंडक मिल सके। आप चाहें तो उसे केवल नैपी पहनाकर रख सकती हैं या फिर एक हल्की बनियान या गंजी पहना सकती हैं। यदि शिशु को ठंडक प्रदान करने के सभी तरीके आजमाने और उसे खूब सारा तरल देने के बाद भी उसकी स्थिति में सुधार न लगे, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें। एम्बुलेंस बुलाएं या डॉक्टर को फोन करें। या फिर आप खुद ही उसे सीधे अस्पताल ले जाएं। शिशु को तापघात से कैसे बचाएं?शिशु को बहुत आसानी से अत्याधिक गर्मी लग सकती है, खासकर कि गर्मियों के महीनों में या फिर लू चलने वाले दिनों में। शिशु को गर्मी से बचाने के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:
यदि किसी भी समय आपको आशंका हो कि शिशु बहुत ज्यादा गर्म हो रहा है और तापघात के लक्षण विकसित हो रहे हैं, तो उसे किसी ठंडे स्थान पर ले जाएं। यह लेख अंग्रेजी में पढ़े! हमारे लेख पढ़ें:
ReferencesCYH. 2017. Babies in hot weather. Government of South Australia. Women’s and children’s health network. Das E. 2016. Sunstroke and summer emergencies. National Health Portal, Government of India. Levin NA. 2017. Miliaria. Medscape eMedicine. NDMA. 2017. Heat wave dos and don’ts. National Disaster Management Authority (NDMA), Government of India. NHP. 2015. How to beat the heat. National Health Portal, Government of India. NHS. 2015. Heat exhaustion and heatstroke. NHS Choices, Health A-Z. NHS. 2016. Prickly heat. NHS Choices, Health A-Z. NHS Choices. 2015. How can I keep my baby safe during hot weather? NHS Choices, Common Health Questions. UpToDate. 2017. Heat stroke (The Basics). Patient Education. UpToDate. Loo लगने पर बच्चों को क्या खिलाना चाहिए?खास बातें गर्मियों में बच्चों को लू लगने का खतरा ज्यादा होता है. कुछ फूड बच्चों को ठंडक और ताजगी देते हैं. इन फूड्स को खाने पर बच्चों की सेहत पर धूप का असर कम होता है.
बच्चे को धूप लग जाए तो क्या करें?संजय गुप्ता कहते हैं कि लू तब लगती है, जब तापमान बहुत अधिक होता है. जब कोई व्यक्ति गर्म हवा और धूप में देर तक रहता है, उसका चेहरा और सिर देर तक धूप और गर्म हवा के संपर्क में आता है, तो लू (Heat wave) लग जाती है. इससे व्यक्ति के शरीर का तापमान भी बहुत अधिक बढ़ जाता है.
लू लगने पर क्या घरेलू उपाय करें?लेकिन फिर भी यदि आपको लू लग जाए तो सबसे पहले ये काम करें.... सबसे पहले ठंडे स्थान पर लेट जाएं. ... . गीले कपड़े से शरीर को हल्के हाथों से पोंछे.. सांस नॉर्मल करने का प्रयास करें और ताजा पानी पिएं. ... . फिर थोड़ी देर के लिए गीला तौलिया सिर पर रखें ताकि मस्तिष्क शांत हो सके.. शरीर का तापमान नियंत्रित होने पर ताजे पानी से स्नान करें.. लू लगने के लक्षण क्या होते हैं?लू तापघात के लक्षण. सिर का भारीपन एवं सिरदर्द।. अधिक प्यास लगना एवं शरीर मे भारीपन के साथ थकावट।. जी मचलना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढना।. शरीर का तापमान अत्यधिक (105 एफ या अधिक ) हो जाना व पसीना आना बन्द होना, मुंह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना।. |