अव्ययों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए आज? - avyayon ka vaakyon mein prayog keejie aaj?

अव्यय हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिंदी व्याकरण को सही ढंग से समझने के लिए अव्यय को समझना भी आवश्यक होता है। हिंदी व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण इन सबके रूप बदलते रहते हैं, लेकिन किसी भी वाक्य में avyay हर स्थिति में अपने मूलरूप में ही बने रहते है, इसमें परिवर्तन नहीं होता है। हमारे आज के इस ब्लॉग में अव्यय को विस्तार से समझाया गया है।

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This Blog Includes:

  1. अव्यय किसे कहते हैं?
  2. अव्यय के उदाहरण
  3. अव्यय के भेद
  4. क्रियाविशेषण अव्यय किसे कहते हैं?
    1. क्रिया विशेषण अव्यय के भेद
  5. संबंधबोधक अव्यय (Avyay) किसे कहते हैं?
  6. समुच्चयबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
  7. विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
    1. विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद
  8. निपात अव्यय किसे कहते हैं?
    1. निपात अव्यय के भेद
  9. संस्कृत के अव्यय
  10. FAQs

जरूर पढ़ें: मुहावरे

अव्यय किसे कहते हैं?

ऐसे शब्द जिसमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता वह शब्द अव्यय कहलाते हैं। अव्यय सदैव अपरिवर्तित, अविकारी रहते हैं।

जैसे- जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य इत्यादि।


Source : Goyal Brothers Prakashan

अव्यय के उदाहरण

अव्यय के उदाहरण निम्नलिखित है :-

  1. वे यहाँ से चले गये।
  2. घोडा तेज दौड़ता है।
  3. अब खाना बंद करो।
  4. बच्चे धीरे-धीरे चल रहे थे।
  5. रोहन प्रतिदिन खेलने जाता है।
  6. वह यहाँ रखा है।
  7. रमेश प्रतिदिन पढ़ता है।
  8. राधा सुंदर दिखती है।
  9. मैं बहुत थक गया हूँ।
  10. वह अपना काम कर रहा है l
  11. वह नित्य नहाता है।
  12. वे कब गए।
  13. मीना कल जाएगी।
  14. वह प्रतिदिन पढ़ता है l
  15. मैं कहाँ जाऊं ?
  16. राधा कहाँ गई ?
  17. राहुल नीचे बैठा है।
  18. इधर -उधर मत जाओ।
  19. वह आगे चला गया।
  20. उधर मत जाओ।

अव्यय के भेद

अव्यय शब्दों के मुख्य तक पांच भेद होते हैं:

vishal kumar कहते हैं:

जनवरी 18, 2022 को 1:22 अपराह्न पर

अच्छा था और टॉपिक कहा मिलेंगे हिंदी के
पक्ष; शब्द शक्ति ; वर्ण आदि
sand link

प्रतिक्रिया

  1. रश्मि पटेल कहते हैं:

    जनवरी 31, 2022 को 12:43 अपराह्न पर

    धन्यवाद। आप हिंदी व्याकरण के अन्य टॉपिक इस लिंक के द्वारा पढ़ सकते हैं: //leverageedu.com/blog/hi/?s=%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80+%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3+

    किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय या अविकारी कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- ‘जो व्यय न हो’।

    उदाहरणहिन्दी अव्यय: जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।संस्कृत अव्ययअव्ययहिन्दी अर्थअव्ययहिन्दी अर्थअव्ययहिन्दी अर्थअव्ययहिन्दी अर्थअग्रे / पुरतःआगेउच्चैःजोर सेतदातब / तोयदाजबअजस्रम्लगातारएकदाएक बार / एक दिनतर्हितोयदि / चेत्अगरअतःइसलिएएवम्इस प्रकारतावत्उतनायद्यपिहालाँकिअन्तरामध्यऐसम्इस सालतावत्तब तकयावत्जब तकअत्रयहाँकथञ्चित् / कथञ्चनकिसी प्रकारतुतोयावत्जब तकअथ् किम्हाँ तो क्याकथम्क्योंदिवादिन मेंयुगपत्एक साथअद्यआजकदाकबनक्तम्रात मेंवा / अथवायाअधुनाअब / आजकलकदाकबनानाअनेकशनैःधीरेअन्तःभीतरकदाचित्कभीअधःनीचेशीघ्रम्जल्द हीअन्तरा / विनाबिनाकिञ्चित्थोड़ान्यूनतम्कम से कमसदा / सर्वदाहमेशाअन्यत्रदूसरी जगहकिमर्थम्किसलियेपरम् / परन्तु / किन्तुलेकिनसंभवतःशायदअन्यथानहीं तोकिम्क्यापरश्वःपरसोंसमन्तात्चारों ओर सेअपरञ्चऔर भीकिंवाअथवापरितःचारो ओरसमया / निकषा / पार्श्वेनजदीकअपिभीकुतःकहाँ सेपरुत्पिछले वर्षसम्प्रतिअबअपितुबल्किकुत्र / क्वकहाँपर्यन्तम्तकसम्यक्ठीक सेअभितःसामनेकेवलम्केवलपुनः/ भूयः/ मुहुःफ़िरसर्वत्रसब जगहअरे, रे, रे-रेअनादर या सामान्य सूचक संबोधनक्रतम्बस / काफीप्रकामम्अधिकसहसा / अकस्मात्अचानकअलम्पर्याप्त / बेकारक्व / कुत्रकहाँप्रत्युत्उल्टेसाधु, अतीव शोभनम्वाह / बहुत अच्छाच / तथाऔरप्रातःसुबहसामिआधा-आधीअसक्रतबार-बारचिरम् / चिरात् / चिरेण / चिराय / चिरस्यदेर सेबहिःबाहरसाम्प्रतम्इन दिनोंअहो, बत्निराशा और आश्चर्यसूचकततःवहाँ सेबहुधाअक्सरसायम्संध्या के समय / शाम को / शाम मेंआरात्पास या दूरतत्रवहाँभ्रशम्अधिकाधिकस्वःआनेवाला कलइतस्ततःइधर-उधरतथावैसेयत्किहा, हन्त, धिक्घ्रणाबोधकइत्यम्इस प्रकारतथा-तथावैसे-वैसेयत्रयहांहा, हा-हा, अहहअवसादसूचकइदानीमइस समयतथापिफिर भीयथाजैसेहि /यतःक्योंकिईषत्थोड़ा / कुछतदातबयथा-यथाजैसे-जैसेह्यःबीता कल

    अव्यय पाँच प्रकार के होते हैं-

    . क्रिया-विशेषण अर्थ के अनुसार क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं-

    • 1. कालवाचक
    • 2. स्थानवाचक
    • 3. परिमाणवाचक
    • 4. रीतिवाचक

    क्रिया-विशेषण

    • 2. संबंधबोधक
    • 3. समुच्चय बोधक
    • 4. विस्मयादिबोधक
    • 5. निपातव

    अर्थ के अनुसार क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं-

    • 1. कालवाचक
    • 2. स्थानवाचक
    • 3. परिमाणवाचक
    • 4. रीतिवाचक

    क्रिया-विशेषण

    अव्ययों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए?

    जैसे- राम धीरे-धीरे टहलता है; राम वहाँ टहलता है; राम अभी टहलता है। इन वाक्यों में 'धीरे-धीरे', 'वहाँ' और 'अभी' राम के 'टहलने' (क्रिया) की विशेषता बतलाते हैं। ये क्रियाविशेषण अविकारी विशेषण भी कहलाते हैं।

    ३ निम्नलिखित अव्ययों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए I परंतु II के सामने?

    This is Expert Verified Answer वाक्य प्रयोग : राहुल खेलने में तो तेज है, परंतु खेलने में पढ़ने में कमजोर है। (ii) के सामनेवाक्य प्रयोग : मेरे घर के सामने एक विशाल मैदान है। अव्यय शब्द होते हैं जो किसी जिनमें विकार नहीं उत्पन्न होता है अर्थात लिंग, वचन और कारक की दृष्टि से कोई परिवर्तन नहीं होता।

    निम्नलिखित अव्यय का वाक्य में प्रयोग कीजिए क्योंकि?

    Answer: यह फल मुझे पसंद नही क्योंकि यह कड़वा हैं।

    निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए १ और २ कल?

    (i) और : -मैं बाज़ार गया और बच्चे के लिए खिलौने खरीद लाया. (ii) कल- राम कल मुंबई जायेगा. (iii) इसलिए- मुझे नींद आ रही थी इसलिए मैं सो गयी.

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