अंतरराष्ट्रीय प्रणाली से आप क्या समझते हैं - antararaashtreey pranaalee se aap kya samajhate hain

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI ; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। [1][2][3]

पुरानी मेट्रिक प्रणाली में कई इकाइयों के समूह प्रयोग किए जाते थे। SI को 1960 में पुरानी मीटर-किलोग्राम-सैकण्ड यानी (MKS) प्रणाली से विकसित किया गया था, बजाय सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड प्रणाली की, जिसमें कई कठिनाइयाँ थीं। SI प्रणाली स्थिर नहीं रहती, वरन इसमें निरंतर विकास होते रहते हैं, परंतु इकाइयां अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा ही बनाई और बदली जाती हैं।

यह प्रणाली लगभग विश्वव्यापक स्तर पर लागू है और अधिकांश देश इसके अलावा अन्य इकाइयों की आधिकारिक परिभाषाएं भी नहीं समझते हैं। परंतु इसके अपवाद संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन हैं, जहाँ अभी भी गैर-SI इकाइयों उनकी पुरानी प्रणालियाँ लागू हैं।भारत मॆं यह प्रणाली 1 अप्रैल, 1957 मॆं लागू हुई। इसके साथ ही यहां नया पैसा भी लागू हुआ, जो कि स्वयं दशमलव प्रणाली पर आधारित था।[4]

इस प्रणाली में कई नई नामकरण की गई इकाइयाँ लागू हुई। इस प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ (मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, कैल्विन, मोल, कैन्डेला, कूलम्ब) और अन्य कई व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। कुछ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एस आई प्रणाली के साथ अन्य इकाइयाँ भी प्रयोग में लाई जाती हैं। SI उपसर्गों के माध्यम से बहुत छोटी और बहुत बड़ी मात्राओं को व्यक्त करने में सरलता होती है।

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इकाइयों का कार्यान्वयन[संपादित करें]

किसी इकाई की परिभाषा और कार्यान्वयन (implementation) के बीच अन्तर महत्त्वपूर्ण है। प्रत्येक SI मूल इकाई की परिभाषा सावधानी पूर्वक बनाई गई है ताकि वह अपूर्व और अद्वितीय हो और साथ साथ एक ठोस सैद्धांतिक आधार प्रस्तुत करे जिस पर आधारित सबसे परिशुद्ध और पुनरुत्पादनीय मापन किये जा सकें। एक इकाई की परिभाषा के कार्यान्वयन की प्रक्रिया वह होती है जिससे कि वह परिभाषा उस इकाई की भांति ही उसकी मात्रा के मान और उससे जुड़ी अनिश्चितता को स्थापित करने हेतु; प्रयोग की जा सके। कुछ महत्त्वपूर्ण इकाइयों की परिभाषाएं कैसे कार्यान्वित की जाती हैं, यह BIPM की वेबसाईट पर दिया गया है[5] एक SI व्युत्पन्न इकाई अद्वितीय रूप केवल SI मूल इकाइयों के रूप में ही परिभाषित होती है। उदाहरणतः विद्युत प्रतिरोध की SI व्युत्पन्न इकाई, ओह्म (चिन्ह Ω), इस संबंध से ही अद्वितीय रूप से परिभाषित होती है: Ω = m2 kg s−3 A−2, जो कि विद्युत प्रतिरोध की मात्रा, की परिभाषा का ही परिणाम है। वैसे कोई भी तरीका, जो कि भौतिकी के सिद्धांतों/नियमों से सामंजस्य रखता हो, वह किसी भी SI इकाइयों के कार्यान्वयन हेतु प्रयोग हो सकता है।[6]

इतिहास[संपादित करें]

मीट्रिक प्रणाली को वैज्ञानिकों के समूह द्वारा अभिकल्पित किया गया था। इनमें एन्टोनी लॉरियेट लैवाशिए प्रमुख थे, जिन्हें आधुनिक रसायनशास्त्र का जनक कहा जाता है। इस समूह को तर्कसंगत मापन प्रणाली का निर्माण करने हेतु; फ्रांस के सम्राट लुई XVI द्वारा एकीकृत एवं अधिकृत किया गया था। फ्रांसीसी क्रांति के उपरांत नई सरकार द्वारा यह प्रणाली अंगीकृत कर ली गई थी।[7] 1 अगस्त, 1793, को राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा नया दशमलव मीटर भी अंगीकृत किया गया और एक अस्थायी लम्बाई के साथ-साथ ही अन्य दशमलव इकाइयाँ भी परिभाषित हुईं। 7 अप्रैल, 1795 (Loi du 18 germinal, an III) को, gramme एवं kilogramme ने पुरानी शब्दावली "gravet" (शोधित रूप "milligrave") एवं "ग्रेव" का स्थान लिया। 10 दिसंबर, 1799 को, मीट्रिक प्रणाली को स्थाई रूप से फ्रांस में अपनाया गया।

आज विश्व भर में प्रयोग हो रही मीट्रिक प्रणाली ने कई बदलाव देखे हैं। इसने कई परंपरागत प्रणालियों को अधिक्रमित भी किया है। द्वितीय विश्व युद्ध के बहुत बाद तक कई भिन्न मापन प्रणालियाँ विश्व भर में प्रयुक्त हो रहीं थीं। इनमें से कई प्रणालियाँ, मीट्रिक प्रणाली की ही भिन्नक थी, जबकि अन्य या तो इम्पीरियम प्रणाली या फिर अमरीकी प्रणाली पर आधारित थीं। तब यह आवश्यकता सिद्ध हुई कि इन सब का मीट्रीकरण होना चाहिये, जिससे एक विश्वव्यापी मापन प्रणाली बनाई जा सके। फलतः नौवां भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन (CGPM) 1948 में हुआ जिसमें भार एवं मापन अन्तर्राष्ट्रीय समिति (CIPM) को वैज्ञानिक, प्रौद्योगिक एवं शिक्षण समितियों की मापन संबंधी आवश्यकताओं का एक अन्तर्राष्ट्रीय अध्ययन करने को निर्देशित किया गया।

इस अध्ययन के परिणामों पर आधारित, दसवीं CGPM ने 1954 में यह निर्णय किया कि छः मूल इकाइयों से एक अन्तर्राष्ट्रीय प्रणाली व्युतपन्न की जाए, जो कि यांत्रिक एवं विद्युतचुम्बकीय मात्राओं की साथ ही तापमान एवं दृष्टि संबंधी विकिरणों का मापन उपलब्ध करा पाए। अनुमोदित की गईं छः मूल इकाइयाँ थीं मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, डिग्री कैल्विन एवं कॅण्डेला। 1960 में, 11वें CGPM ने इस प्रणाली का नामकरण अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली या International System of Units, संक्षेप में SI जो मूलतः बना है फ्रेंच से: Le Système international d'unités. सातवीं मूल इकाई, मोल या the mole, को 1971 में 14वें CGPM में जोडा़ गया।

भविष्य के विकास[संपादित करें]

अन्तराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन या ISO के मानक ISO 31 में अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली के विद्युत अनुप्रयोगों में प्रयोग हेतु अन्तर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग या IEC की सिफारिशें है जिनमें की उनके मानक IEC 60027 भी ध्यानयोग्य हैं। वह कार्य अभी प्रगति पर है जिससे की दोनों का एकीकरण कर एक संयुक्त मानक ISO/IEC 80000 बने, जिसे मात्राओं की अन्तर्राष्ट्रीय प्रणाली या International System of Quantities (ISQ) कहा जाए।

इकाइयाँ[संपादित करें]

अन्तराष्ट्रीय इकाई प्रणाली में इकाइयों का समूह है, जिसके सदॄश ही उपसर्गों के समूह भी हैं। SI इकाइयों को दो उपसमूहों में बांटा जा सकता है :-

  • SI मूल इकाइयाँ: जो सात हैं, व इनमें से प्रत्येक मूल इकाई नामरूप से आयामों से स्वतंत्र है। इन सात मूल इकाइयों से कई अन्य इकाइयाँ व्युत्पन्न की जाती हैं।
  • व्युत्पन्न इकाइयाँ: जो मूल इकाइयों से व्युत्पन्न की जाती हैं।

इन इकाइयों के साथ ही

  • गैर SI इकाइयों का एक अन्य समूह भी है।
तालिका - 1 - SI मूल इकाइयाँ[8]
मात्रा चिन्ह नाम
मीटरm लम्बाई
किलोग्रामkg भार
सैकण्डs समय
एम्पीयरA विद्युत धारा
कैल्विनK ऊष्मगतिकीय तापमान
मोल (इकाई)mol पदार्थ की मात्रा
कॅन्डेलाcd प्रकाशीय तीव्रता

मूल इकाई के गुणक बनाने हेतु, SI उपसर्ग को जोड़ा जा सकता है। सभी गुणक दस की पूर्ण संख्या घात के हैं। उदाहरणतः
किलो-= सहस्र या हजार
मिलि-= हजारवां भाग यानि एक मीटर में एक हजा़र मिलिमीटर होते हैं, साथ ही एक हजा़र मीटर से एक किलो मीटर बनता है।
उपसर्गों को मिलाया नहीं जा सकता है। एक किलोग्राम का दस लाखवाँ भाग है मिलिग्राम परंतु उसे एक माइक्रो-किलोग्राम नहीं कहेंगे।

SI लेखन पद्धति[संपादित करें]

  • चिन्हों में कोई अर्ध/पूर्ण विराम नहीं जुडा़ होता, जब तक कि वे वाक्य के अन्त में ना हों।
  • चिह्न रोमन में सीधे खडे़ होते हैं (जैसे मीटर के लिये m, लीटर के लिये litres), जिससे कि वे गणित के अस्थिर मान से पृथक किये जा सकें (m है भार या mass, l है लम्बाई या length के लिये)।
  • इकाइयों के लिये चिह्न अंग्रेजी के छोटे अक्षरों में लिखे जाते हैं, सिवाय किसी व्यक्ति के नाम से बने चिन्हों के। उदाहरणतः दबाव की इकाई पास्कल है, ब्लेज पास्कल के नाम पर; अतएव चिह्न "Pa" लिखते हैं, लेकिन पूर्ण नाम के लिये pascal ही लिखा जाता है।
    • इसका एक अपवाद है लीटर जिसके लिये "l" को इसलिये छोडा़ गया, क्योंकि वह अंग्रेजी अंक "1" (एक) या बडा़ अक्षर आई "i" जैसा लगता है। अमरीकी राष्ट्रीय मानक एवं तकनीक संस्थान ( नैशनल इन्स्टीट्यूट ऒफ़ स्टैण्डर्ड्स एण्ड टैक्नोलॉजी NIST) ने बडे़ अक्षर "L" के प्रयोग की सलाह दी है, उन देशों में जहां अंग्रेजी प्रयोग होती है, परंतु बाकी देश वही प्रथा प्रयोग करें। यह CGPM द्वारा 1979 से मान्य है। कर्सिव कभी कभी खासकर जापान एवं यूनान में देखा गया है, परंतु इसे अभी मानक संगठनों से मान्यता नहीं मिली है। अधिक जानकारी हेतु, देखें लीटर।
  • बहुवचनीकरण हेतु SI नियम है कि इकाइयों के चिह्न बहुवचन में नहीं लिखे जायें।[9], for example "25 kg" (not "25 kgs").
    • अमरीकी राष्ट्रीय मानक एवं तकनीक संस्थान ( नैशनल इन्स्टीट्यूट ऒफ़ स्टैण्डर्ड्स एण्ड टैक्नोलॉजी) ने SI इकाइयों के प्रयोग हेतु निर्देशिका बनाई है, जो उसके अपने प्रकाशन में, तथा अन्य प्रयोक्ताओं हेतु है।[10] इस निर्देशिका में बहुवचनीकरण के सामान्य व्याकरण नियम दिये हैं, जैसे "हेनरी" का अंग्रेजी बहुवचन है हेनरीज़ "henries"| इसमें लक्स, हर्ट्ज़ एवं साइमन्स अपवाद हैं। ये अपने मूल रूप में ही सभी वचनों में प्रयुक्त होती हैं। यह नियम केवल इकाइयों के पूर्ण नामों पर ही लागू हैं, ना कि उनके चिन्हों पर।
  • अंक और चिह्न को एक ब्लैंक स्पेस यानि रिक्त स्थान अलग करता है, उदा० "2.21 kg", "7.3×102 m²", "22 K"[11]। तलीय आंशिक डिग्री (plane angular degrees), मिनट और सैकण्ड (°, ′ and ″), इसके अपवाद हैं, जिन्हें अंक के एकदम बाद ही अनिवार्यतः लगाया जाता है।
  • हजार (सहस्र) की संख्या को अलग करने हेतु भी स्पेस प्रयोग हो सकता है (1 000 000) अर्ध या पूर्ण विराम के अलावा (1,000,000 या 1.000.000)।
  • CGPM के 10वें सम्मेलन सन 2003 में, घोषित हुआ कि, दशमलव के चिह्न हेतु पूर्ण विराम या अर्ध विराम चिह्न प्रयुक्त हो सकता है।
  • अनेक इकाइयों के गुणन से बनीं, व्युत्पन्न इकाइयों के चिन्हों को एक स्पेस या बिन्दु (·) से जोडा़ जाता है, जैसे "N m" या "N·m".[12]
  • दो इकाइयों के भाग से बनने वाले चिन्हों को तिरछे स्लैश (⁄), या ऋणात्मक एक्स्पोनेन्ट से दर्शाते हैं, जैसे, मीटर प्रति सै के लिये "m/s", "m s−1", "m·s−1" या यदि परिणाम द्विअर्थी हो, तो इसे प्रयोग ना करें, जैसे "kg/m·s²" बेहतर है "kg·m−1·s−2" से।
  • चीनी, जापानी और कोरियाई भाषाओं में कुछ खास इकाइयों, इत्यादि को एक पूर्वनिर्धारित चिह्न या अक्षर आवंटित किया गया है, जो साधारणतया एक खाली वर्ग का रूप ले लेता है। इन्हें यहां दिया गया है।
  • जब आयामरहित मात्राओं को लिखें, तो टर्म 'ppb' (parts per बिलियन) एवं 'ppt' (parts per ट्रिलियन) को भाषा मुक्त टर्म माना गया है, क्योंकि बिलियन एवं ट्रिलियन की लम्बाई भाषाओं में भिन्न हो सकती है। अतएव SI ने से इन टर्म से बचने की सलाह दी है। [2]. लेकिन इनका कोई विकल्प BIPM ने नहीं सुझाया है।

वर्तनी के अंतर[संपादित करें]

  • कई देशों में metre एवं litre के स्थान पर meter एवं liter प्रयोग होते हैं, जो कि मान्य माने गये हैं। इसी प्रकार डेका हेतु भी अमरीका में deka प्रयुक्त होता है।[13]
  • कई अंग्रेजी बोले जाने वाले देशों में "ampere" को लघु रूप में amp (एकवचन) या amps (बहुवचन) रूप में प्रयोग होता है।

अंतरण के कारक[संपादित करें]

विभिन्न प्रणालियों में प्रयोग की जाने वाली इकाइयों के बीच सम्बन्ध स्थापित करने हेतु इकाई परंपरा या इकाई की मूल परिभाषा से बनाया जाता है। इकाइयों के बीच अंतरण हेतु अंतरण कारकों का प्रयोग किया जाता है। अंतरण कारकों के कई संस्करण हैं, उदाहरणतः देखें परिशिष्ट बी, NIST SP 811.[10]

लम्बाई, भार, तापमान अभिसारिता[संपादित करें]

स्पेसिफिक ग्रैविटी (विशिष्ट घनत्व) को प्रायः SI इकाइयों में, या पानी के सन्दर्भ में दर्शित किया जाता है। क्योंकि एक घन जिसके नाप हैं 10 cm x 10 cm x 10 cm, उसकी आयतन होगी 1000 cm3 (प्रायः 1000 cc लिखा जाता है), जो बराबर है 1 L के; और जब जल से भरा जाये, तो उसका भार 1 kg होता है, अतएव पानी की स्पेसिफिक ग्रैविटी है 1 g/cm3 और यह 0 डिग्री सेल्सियस पर जम जायेगा।

सांस्कृतिक मुद्दे[संपादित करें]

मीट्रिक प्रणाली को अर्थ एवं दैनिक वाणिज्य (व्यापार सम्बंधी) साधन के रूप में विश्वव्यापी समर्थन मिला है। इसका कारण बहुत हद तक यह भी था कि कई देशों में रूढ़िगत प्रणालियों में कई सिद्धांतों को समझाने का सामर्थ्य नहीं थी। साथ ही क्षेत्रीय बदलावों का मानकीकरण कर एक विश्व व्यापी प्रणाली, जो सर्व मान्य हो, बनी। इससे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को भी बढ़ावा मिला। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो इसमें अत्यधिक बड़ी और अतिसूक्ष्म इकाइयों को भी दशमलव के प्रयोग से बताया जा सकता है।

दैनिक एवं वैज्ञानिक प्रयोग की कई इकाइयाँ, सात मूल इकाइयों से व्युत्पन्न नहीं हैं। कई मामलों में यह बदलाव BIPM. द्वारा मान्य भी है।[14] Some examples include:

  • समय की कई इकाइयाँ — मिनट (min), घंटा (h), दिवस (d) — प्रयोग में हैं SI इकाई सैकण्ड के अलावा भी और विशिष्ट मान्यता प्राप्त भी हैं, सारणी 6 के अनुसार।[15]
  • वर्ष भी सम्मिलित नहीं हुआ है, परंतु इसका मान्य अंतरण कारक है।[16]
  • सेल्सियस तापमान पैमाना; जबकि कैल्विन SI इकाई दैनिक प्रयोग में कहां आती है।
  • विद्युत ऊर्जा को प्रायः किलोवॉट आवर में बिल किया जाता है, बजाय मैगा जूल के।
  • नॉटिकल मील और नॉट (नॉटिकल मील प्रति घण्टा) जो कि जहाजों और हवाई यात्रा में दूरी मापन में प्रयुक्त होता है (1 अन्तर्राष्ट्रीय नऑटिकल मील = 1852 m या लगभग भूमध्य रेखा की 1 मिनट लैटिट्यूड पर)। इसके साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय नागर विमानन सम्मेलन के अनुलग्नक 5 द्वारा ऑल्टीट्यूड हेतु फ़ुट का "अस्थायी प्रयोग" की अनुज्ञा दी जाती है।
  • आकाशीय दूरीयां आकाशीय इकाइयों, पारसैक और प्रकाश-वर्ष में नापी जाती है, बजाय पेटामीटर के (एक प्रकाश-वर्ष लगभग 9.461 Pm या 9 461 000 000 000 000 m के बराबर होता है)।
  • भौतिकी और रासायनिकी में आण्विक परिंमाण इकाइयां प्रयोग की जाती हैं, जैसे आंग्स्ट्रॉम, इलेक्ट्रॉन वोल्ट, आण्विक भार इकाई और बार्न।
  • कुछ भौतिक शास्त्री अभी भी सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड इकाई प्रणाली उसके साथ जुडी़ गैर-SI विद्युत इकाइयों सहित प्रयोग करते हैं।
  • कुछ देशों में अनौपचारिक कप इकाई बराबर 250 ml प्रचलित है। ऐसे ही 500 g "मीट्रिक पाउण्ड" भी प्रयुक्त होती है।
  • US में रक्त शर्करा मापन को मिलिग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) में किया जाता है; कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड्, ओशनिया और यूरोप में यह मानक है मिलि मोल प्रति लीटर (mmol/L) या mM (मिलिमोलर).
  • रक्तचाप को mmHg में मापा जाता है, बजाय Pa के।

व्यापार[संपादित करें]

यूरोपियन संघ ने एक निर्देश दिया है[17] जो गैर-SI चिन्हित सामान की बिक्री को 31 दिसंबर 2009 के बाद से प्रतिबंधित करता है। यह सभी उत्पादों, संलग्न निर्देशों और कागजों, पैकिंग तथा विज्ञापनों पर लागू होता है। लेकिन 11 सितंबर 2007 को, EU ने घोषित किया है, कि ब्रिटेन को इस निर्देश से मुक्त करते हैं और उनका इम्पेरियल प्रणाली अभी भी अनियत रूपेण मान्य होगा, साथ साथ में मेट्रिक प्रणाली के दिया हो तो।[18]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Official BIPM defintions". मूल से 14 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मई 2016.
  2. SI इकाइयों का व्यापक प्रदर्शन अन्तर्जाल पर आनलाइन NIST द्वारा किया जाता है। इसमें SI इकाइयों पर आधारित, व्युत्पन्न इकाइयों के बीच अन्तर्संबंध का आरेख चित्र भी सम्मिलित है। मूल इकाइयों की परिभाषाए भी इस स्थल पर मिलेंगी।
  3. "In the International System of Units (SI) (BIPM, 2006), the definition of the meter fixes the speed of light in vacuum c0, the definition of the ampere fixes the magnetic constant (also called the permeability of vacuum) μ0, and the definition of the mole fixes the molar mass of the carbon 12 atom M(12C) to have the exact values given in the table [Table 1, p.7]। Since the electric constant (also called the permittivity of vacuum) is related to μ0 by ε0 = 1/μ0c02, it too is known exactly." CODATA report Archived 2018-06-12 at the Wayback Machine
  4. [1]
  5. ::SI व्यवहारिक कार्यान्वयन विवरणिका Archived 2014-08-10 at the Wayback Machine
  6. "उपर्युक्त टिप्पणी ब्यूरो इण्टर्नैश्नल देस पोएद्स एत मेज़र्स् SI इकई विवरणिका p. 111 से हैं।" (PDF). मूल से 5 नवंबर 2013 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 1 मई 2016.
  7. "The name "kilogram"". मूल से 14 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2006-07-25.
  8. Barry N. Taylor, Ed. The International System of Units (SI) (PDF). Gaithersburg, MD: National Institute of Standards and Technology. पृ॰ 9. मूल से 3 जून 2016 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 2007-10-30.
  9. Bureau International des Poids et Mesures (2006). "The International System of Units (SI)". 8th ed.. अभिगमन तिथि:
  10. ↑ अ आ Taylor, B.N. (1995). "NIST Special Publication 811: Guide for the Use of the International System of Units (SI)". National Institute of Standards and Technology. अभिगमन तिथि:
  11. Taylor, B. N. "NIST Guide to SI Units - Rules and Style Conventions". National Institute of Standards and Technology. मूल से 10 जुलाई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-04-12.
  12. Barry N. Taylor, Ed. The International System of Units (SI) (PDF). Washington, DC: National Institute of Standards and Technology. पृ॰ 30. मूल से 3 जून 2016 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 2007-10-15.
  13. "Definitions of the SI units: The twenty SI prefixes". मूल से 6 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-04-12.
  14. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 अगस्त 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मई 2016.
  15. "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 अक्तूबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मई 2016.
  16. "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मई 2016.
  17. Council Directive 80/181/EEC of 20 दिसम्बर 1979 on the approximation of the laws of the Member States relating to units of measurement and on the repeal of Directive 71/354/EEC Archived 2013-10-19 at the Wayback Machine, as amended Archived 2009-08-30 at the Wayback Machine with Directive 89/617/EEC Archived 2014-01-16 at the Wayback Machine (which changed the cutoff date in article 3.2 to 31 December 1999) and Directive 1999/103/EC Archived 2014-01-16 at the Wayback Machine (which further changed the date to 31 दिसंबर 2009). Retrieved on 2006-07-24.
  18. "संग्रहीत प्रति". मूल से 17 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मई 2016.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, भारत
  • माप विद्या
  • मापन इकाइयाँ
  • महत्ता के क्रम
  • मापन इतिहास

संगठन
  • भार एवं मापों पर अन्तर्राष्ट्रीय ब्यूरो (BIPM)
  • सन्दर्भ वस्तु एवं मापन संस्थान (IRMM)
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के आंकड़ों पर समिति (CODATA)
  • भार एवं मापन अन्तर्राष्ट्रीय समिति (CIPM)

मानक एवं प्रथाएं
  • SI मूल इकाइयाँ
  • SI व्युत्पन्न इकाइयाँ
  • SI उपसर्ग
  • कन्वेंशन ड्यू मेत्रे
  • ISO 31
  • ISO 1000
  • ISO/IEC 80000
  • समन्वित विश्व समय (UTC)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

आधिकारिक
  • BIPM ब्यूरो इंटरनेश्नल देस पॉय्ज़ एत मेसुरेज़ (SI अनुरक्षण संस्था) (मुखपॄष्ठ)
    • BIPM विवरणिका (SI सन्दर्भ)
  • ISO 1000:1992 SI इकाइयाँ और सिफ़ारिशें, उनके गुणकों और कई अन्य इकाइयों के प्रयोग हेतु
    • ISO 31/1000/80000
  • NIST आधिकरिक प्रकाशन
    • NIST विशेष प्रकाशन 814: SI का संयुक्त राज्य और फ़ैडरल सरकार मीट्रिक अंतरण नीति हेतु अनुवाद
  • भार और मापन धारा, कनाडा
  • IEEE/ASTM SI 10-2002 अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली (SI) के प्रयोग हेतु मानक: आधुनिक मीट्रिक प्रणाली (ANSI अनुमोदित, संयुक्त IEEE/ASTM मानक)
  • SAE SI (मीट्रिक) इकाइयों के प्रयोग के नियम
सूचना
  • मुक्त निर्देशिका परियोजना पर अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली
  • EngNet मीट्रिक अंतरण सारणी आनलाइन वर्गीकॄत मीट्रिक अंतरण गणक
इतिहास
  • LaTeX SI इकाई पैकेज विवरणिका[मृत कड़ियाँ] SI प्रणाली को एक ऐतिहासिक पॄष्ठ भूमि देता है
मीट्रिक पद्धति के पक्षधर दाब समूह
  • द यू॰के॰ मीट्रिक एसोसियेशन
  • द यू॰एस॰ मीट्रिक एसोसियेशन
  • एक मीटर: मीट्रिक इन कनाडा
  • कनाडियाई मीट्रिक एसोसियेशन
  • मेट्रिकेशन US

अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली से आप क्या समझते हैं?

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI ; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है।

अंतर्राष्ट्रीय पद्धति में कैसे लिखते हैं?

अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति में इसी तीन अंकों के समूह में समूहन के कारण इन संख्याओं का परिमाण (magnitude) भाषा में व्यक्त करने के लिये दिए गये नाम मिलियन, ट्रिलियन, डेसिलियन इत्यादि का प्रयोग होता है जबकि भारतीय पद्धति में लाख, करोड़, अरब, खरब इत्यादि नाम प्रचलित हैं जो दो-दो अंकों में समूहन का परिणाम हैं

अंतर्राष्ट्रीय पद्धति कब लागू की गई?

मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति 1971 ई लागू की गई

अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में त्वरण का मात्रक क्या है?

इसका मात्रक मीटर प्रति सेकेण्ड2 होता है तथा यह एक सदिश राशि हैं।