अप्पू को कंचे कैसे लग रहे थे? - appoo ko kanche kaise lag rahe the?

कंचा

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1"कंचा" पाठ के लेखक कौन है?

उत्तर – "कंचा" पाठकेलेखकटी. पद्मनाभनजी हैं।

प्रश्न-2 अप्पू के स्कूल के रास्ते में कौन सा पेड़ पड़ता था?

उत्तरअप्पूकेस्कूलकेरास्तेमेंनीमकापेड़पड़ताथा।

प्रश्न-3अप्पू को कंचे का आकार कैसा लग रहा था?

उत्तरअप्पूकोकंचेकाआकारआँवलेजैसालगरहाथा।

प्रश्न-4पाठ "रेलगाड़ी" कौन से पृष्ठ पर था?

उत्तरपाठ "रेलगाड़ी" पृष्ठ सैंतीस पर था।

प्रश्न-5अप्पू ने कितने पैसे के कंचे ख़रीदे?

उत्तर - अप्पूनेएकरुपयाऔरपचासपैसेकेकंचेख़रीदे।

प्रश्न-6अप्पू का सारा ध्यान कौन सी कहानी पर केंद्रित था?

उत्तरअप्पूकासाराध्यान "कौएऔरसियार" कीकहानीपरकेंद्रित था।

प्रश्न-7अप्पू को उसके पिता ने पैसे क्यों दिए थे?

उत्तर - अप्पूकोउसकेपितानेपैसेस्कूलकीफ़ीसकेलिए दिएथे।

प्रश्न-8क्या सुनकर अप्पू कंचे बिना लिए स्कूल की तरफ दौड़ पड़ा? 

उत्तरस्कूल की घंटी सुनकर अप्पू कंचे बिना लिए स्कूल की तरफ दौड़ पड़ा।

प्रश्न-9अप्पू के पिता जी उसे बराबर कौन सी चीज़ें लाकर देते थे?

उत्तरअप्पू केपिताजीउसेचॉकलेट, पिपरमेंट, बिस्कुटजैसीचीज़ेंबराबरलाकरदेतेथे।

प्रश्न-10कंचे कैसे थे?

उत्तर - सफ़ेदगोलकंचेथे।उसमेंहरीलकीरेंथी।वहबड़ेआँवलेकेजैसेथेऔरबहुत खूबसूरतथे।

प्रश्न-11अप्पू को दुकान में रखे हुए कंचे ही क्यों आकर्षित कर रहे थे?

उत्तर - अप्पूकोदुकानमेंरखेहुएकंचेहीआकर्षित कररहेथेक्योंकिअन्यसभीचीजेंउसकेपिताजीअक्सरलाकरदियाकरतेथे।

प्रश्न-12 अप्पू के कंचे सड़क पर कैसे बिखर गए?

उत्तर - एकाएकअप्पूकोशकहुआकिकंचोंमेंलकीरहैयानहीं।यहदेखने केलिएउसनेपोटलीखोलीऔरउसकेसारेकंचेसड़कपरबिखरगए।

प्रश्न-13अप्पू को क्यों लगा की दुकानदार ने वह जार नया - नया लाकर रखा है?

उत्तरउससे पहले अप्पू ने वह चीज़ वहाँ नहीं देखी थी इसलिए अप्पू को लगा की दुकानदार ने वह जार वहाँ नया - नया लाकर रखा है।

प्रश्न-14अप्पू द्वारा एक रुपया और पचास पैसे के कंचे माँगने पर दुकानदार क्यों चौंक गया?

उत्तर - अप्पूद्वाराएकरुपया औरपचासपैसेकेकंचेमाँगनेपरदुकानदारइसलिएचौंकगयाक्योंकिपहलेकभीकिसीलड़के नेइतनीबड़ीरकमसेकंचेनहींखरीदेथे।

प्रश्न-15दुकान में कंचे देखकर अप्पू की क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तरवह कंधे से लटकते बस्ते का फीता एक तरफ़ हटाकर, उस कंचे वाले जार के सामने खड़ा होकर टुकर - टुकर ताकता रहा और सोचने लगा की शायद दुकानदार ने इसे नया - नया लाकर कर रखा है।

प्रश्न-16पाठ में बार - बार अप्पू जॉर्ज की ही बातें क्यों कर रहा था?

उत्तर - जॉर्जअप्पूकासहपाठीथा।जॉर्ज सभीबच्चोंमेंकंचेकासबसेअच्छाखिलाड़ीथा।जॉर्जसेबड़े - बड़ेलड़केभीहार जातेथे।अप्पूपरभीकंचोंकाजादूछायाहुआथा।यहीकारणथाकीपाठमें बारबारअप्पूजॉर्जकीहीबातेंकररहाथा।

प्रश्न-17अप्पू द्वारा एक रुपया और पचास पैसे के कंचे खरीदने पर दुकानदार ने क्या सोचा?

उत्तर अप्पू द्वारा एक रुपया और पचास पैसे के कंचे खरीदने पर दुकानदार ने अनुमान लगाया कि उसके साथी मिलकर यह कंचे खरीद रहे होंगे और अप्पू ही उनके लिए खरीदने आया होगा।

कंचा पाठ में अप्पू ने कंचे कैसे खरीदे?

तब जॉर्ज कंचा चलाकर बंद मुट्ठी के जोड़ों की हड्डी तोड़ता है। अप्पू सोचता है कि जॉर्ज के आते ही वह उसे लेकर कंचे खरीदने जाएगा और उसके साथ खेलेगा। अप्पू की इस सोच के पीछे शायद यह कारण था कि जॉर्ज के साथ रहने से उसे हार का सामना नहीं करना पडेगा।

अप्पू को कंचे कैसे दिखते है?

उत्तर – अप्पू के स्कूल के रास्ते में नीम का पेड़ पड़ता था। प्रश्न-3 अप्पू को कंचे का आकार कैसा लग रहा था? उत्तर – अप्पू को कंचे का आकार आँवले जैसा लग रहा था।

सफ़ेद गोल कंचे कैसे दिखाई दे रहे थे?

Answer: ज़ार में आँवले के आकार के हरी लकीरवाले बढ़िया सफ़ेद गोल कंचे थेकंचे इतने खूबसूरत थे कि अप्पू उन्हें देखते ही उनकी ओर आकर्षित हो गया। 'उसके देखते-देखते ज़ार बड़ा हो गया' का अभिप्राय क्या है? Answer: 'उसके देखते-देखते ज़ार बड़ा हो गया' का अभिप्राय है अप्पू कल्पना की दुनिया में खो गया।

अप्पू का मन कक्षा में क्यों नहीं लग रहा था?

अप्पू ने जब विद्यालय जाने के समय एक दुकानदार के पास जार में कंचे देख लिए तो उसका दिल और दिमाग कंचों में ही खो गया। वह उसे खरीदने की तरकीब खोजने लगा। उसका ध्यान कक्षा में नहीं था। वह तो कंचों की दुनिया में खोया रहता था

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