अनिवार्य संस्कृत कक्षा 8 पाठ 9 - anivaary sanskrt kaksha 8 paath 9

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 व्यवसायेषु संस्कृतम् (अनिवार्य संस्कृत).

संस्कृतज्ञाः …………………………………………………….. भवति

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत के ज्ञाता ज्योतिषी रूप से और चिकित्सक रूप से संसार के उपकार में लगे होते हैं। कर्मकाण्ड करने वाला और यज्ञ करने वाले हवि रूप से और औषधि वनस्पतियाँ रूप से परिवर्तन करके बादलों की रचना में साधक होते हैं। मेघों से वर्षा होती है। वर्षा से अन्न आदि होते हैं। उनसे प्राणियों को पोषण होता है।

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गणक ज्यौतिषं वेदानां …………………………………………………….. सम्मानयन्ति।

हिन्दी अनुवाद – ज्योतिष में वेदों का नेत्रों से वर्णन होता है। उसके विद्वान को ज्योतिषी कहा जाता है। वह ग्रह नक्षत्रों का अध्ययन करता है। वह ग्रहों के लोगों पर प्रभाव को भी विचार करता है। हिन्दू लोगों के प्रत्येक नामकरण आदि संस्कार करने के लिए तथा नए कार्य का प्रारम्भ करने के लिए वह शुभ-अशुभ मुहूर्त बताता है। अतः वह नम्रता व्यक्त (UPBoardSolutions.com) करने वाले वेश से युक्त, सत्य बोलने वाला और पवित्र देशकाल का ज्ञाता होता है। इस प्रकार के बहुत ज्ञानी, देवज्ञानी को लोग सम्मान करते हैं।

चिकित्सक ऋग्वेदादयः …………………………………………………….. उपयोगिता अस्ति।

हिन्दी अनुवाद – ऋग्वेद आदि वेद चार हैं। आयुर्वेद आदि उनके उपवेद होते हैं। आयुर्वेद का विद्वान चिकित्सक होता है। वह औषध विधान में (दवा का निर्माण करने में) और उनके प्रयोग में निपुण होता है। योगतन्त्र और शल्य क्रिया आदि के प्रयोग से वह प्राणियों का हित करता है। भारतीय विद्या में लोगों की तरह ही हाथी, घोड़ों, पशुओं और वृक्षों आदि के भी रोगों की शान्ति के लिए भी विचार किया जाता है। धनवन्तरि, अश्विनी, आत्रेय, चरक, सुश्रुत, त्र्यम्बक शास्त्री, सत्यनाराण शास्त्री और अन्य अनेक चिकित्सक श्रेष्ठ थे। वे शारीरिक मानसिक रोगों को दूर करने में समर्थ थे। चिकित्सकों द्वारा लोगों का धन लूट लेना भी अशोभनीय और (UPBoardSolutions.com) अपकीर्ति करने वाला कर्म है। इस प्रकार के और अनेक व्यवसाय हैं, जिनमें संस्कृत भाषा की और संस्कृत के ज्ञान की सर्वाधिक उपयोगिता है।

अभ्यास 

प्रश्न 1.
उच्चारण करें
नोट – विद्वार्थी स्वयं उच्चारण करें।

प्रश्न 2.
एक पद में उत्तर दें
(क) वेदानां नेत्रं किमस्ति?
उत्तर : ज्योतिषं।

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(ख)
वेदाः कति सन्ति?
उत्तर :चत्वारः

(ग)
गणकः कीदृशो भवेत्?
उत्तर : विनीतवेशः सत्यवक्ता।

(घ)
कम् उपवेद ज्ञात्वा जनः चिकित्सकः भवति?
उत्तर : आयुर्वेदस्य।

प्रश्न 3.
मजूषा से उचित पदों को चुनकर रिक्त-स्थानों की पूर्ति करें ( पूर्ति करके)
(क) याज्ञिकोः यज्ञे हव्यरूपेणं आहुति द्वारा मेघान् उत्पादयन्ति।
(ख) ज्योतिषं वेदानां नेत्रम् वर्णितमस्ति।
(ग) बहुषु व्यवसायेषु संस्कृतज्ञानां महती उपयोगिता अस्ति।
(घ) आयुर्वेदस्य विद्वान् चिकित्सकः भवति।।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए
(क) आयुर्वेद एक उपवेद है।
संस्कृत अनुवाद – आयुर्वेदः एकः उपवेदः अस्ति।

(ख)
ज्योतिषशास्त्र से ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव का ज्ञान होता है।
संस्कृत अनुवाद – ज्योतिषशास्त्रेण ग्रहनक्षत्राणाम् प्रभावस्य ज्ञानं भवति।

(ग)
चिकित्सक को विनीत और कुशल होना चाहिए।
संस्कृत अनुवाद – चिकित्सकः विनीत कुशलः च भवेत्।।

(घ)
चिकित्सक व्याधियों को दूर करता है।
संस्कृत अनुवाद – चिकित्सकः रोगान् हरेणं करोति।

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प्रश्न 5.
नीचे दिए गए पदों से संस्कृत वाक्य बनाएँ (वाक्य बनाकर )
मेधैः               –         मेधैः वृष्टिपातः भवति।
कन्दुकेन        –         बालकाः कन्दुकेन क्रीडन्ति।
पुष्पेण            –         पुष्पेण सुगन्धं लभति।।
वायुयानेन       –         वायुयानेन आकाशमार्गे यात्रा भवति।
जलयानेन       –         सः जलयानेन आगच्छत्।
जलेन             –         जलेन अन्नामि भवन्ति।

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