अमावस्या के दिन क्या दान करना चाहिए - amaavasya ke din kya daan karana chaahie

किन 7 चीजों का दान रहेगा शुभ- विद्वानों के अनुसार इन 7 चीजों के दान में 7 तरह के धानों का दान किया जाता है:

1. गेंहू
2. चावल
3. जौ
4. कंगनी
5. चना
6. मूंग दाल
7. तिल

हालांकि आप इनके अलावा कोई भी 7 प्रकार के धान का दान कर सकते हैं। मान्यता है कि ये 7 तरह के अनाज 7 ग्रहों से संबंधित होते हैं और इन अनाजों के दान से ग्रहों की शुभता में वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सफेद तिल के दान से शुक्र ग्रह को मजबूती मिलती है, मूंग दाल के दाना से बुध ग्रह, जौ के दान से बृहस्पति ग्रह को, मसूर दाल का दान मंगल ग्रह को मजबूत करता है, चावल का संबंध चंद्र ग्रह से बताया गया है। वहीं गेंहू और काले चने के दान से क्रमशः सूर्य और शनि ग्रह मजबूत होते हैं।

सप्त धान के दान के फायदे:मान्यता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन इन 7 अनाजों को दान करने से पितरों की कृपा से जीवन में सुख-सौभाग्य बढ़ता है, धन-धान्य की प्राप्ति होती है, व्यक्ति को रोगों तथा अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है, सभी पापों का नाश होता है। साथ ही इस खास संयोग में किया गया सप्तधान का दान ग्रह दोष और पितृदोष से मुक्ति दिलाता है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार माह का अंतिम दिन होता है। यह तिथि पित्रों की  तिथि कहलाती है। तंत्र व ज्योतिष शास्त्र में इस तिथि का अत्यधिक महत्व होता है। इस तिथि पर चंद्र उदित नही होता अर्थात चन्द्र दिखाई नही देता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन दान व उपाय करने से पितृ दोष, छाया दोष, मानसिक समस्यायें आदि दूर होती हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार अनेक तांत्रिक क्रियाओं हेतु अमावस्या श्रेष्ट मानी गई  है। मारण मोहन, भूत-प्रेत दोष शांति कर्म, अनेक सिद्धियां आदि अमास्या को प्राप्त की जाती है। इस लेख द्वारा मैं अमावस्या के दिन किये जाने वाले ऐसे सुलभ कार्यो को बताने जा रहा हूं जिन्हे करके आसानी से आप अनेक समस्याओं से निजात पा सकते हो।

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1- अमावस्या के दिन पित्रों के निमित दान करना चाहिये जिससे की सूर्य, चंद्र आदि के दोष दूर होते है। भोजन से पूर्व गाय, कुत्ता और पक्षि हेतु भोजन का कुछ अंश निकाल कर इन्हे खिला दें। यह उपाय रोजगार प्राप्ती हेतु भी किया जा सकता है।

2- एक सूखा नारियल लें तथा उसमे एक छोटा सा छेद करके उसे भूरे से भर दें, उसके पश्चात किसी निर्जन स्थान पर जहां चिटीयों की बॉम्बी बनी हो वहां पर गाढ दे बस ध्यान दें की नारियल पर किया गया छेद धरती के उपर ही रहें। यह प्रयोग अनेक आपतियों से बचाता है। प्रयोग करने के बाद वापिस मुड कर न देखें। धन समृद्धि व प्रसन्नता हेतु यह प्रयोग किया जाना चाहिये।

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3- घर में पूरी तरह से साफ सफाई करें तथा चारों कोनों में गंगाजल का छिडकाव करें। इसके अतिरिक्त पुराने कपडे, घर का खराब समान, अनुपयोगी वस्तुयें आदि घर से बाहर निकाल दें।

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4- अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन करना अति उत्तम होता है।

5- मछुआरों से या मछली का कार्य करने वालों से दो जिंदा मछलियों को लें तथा उन्हे किसी नदी अथवा तलाब में छोड दें। यह राहु व केतु का एक चमत्कारी उपाय है। दुर्घटना, बीमारी अथवा किसी प्रकार के कष्ट की सम्भावना हो तो ये उपाय करें। इसके अतिरिक्त धन प्राप्ती हेतु भी यह उपाय करना चाहिये।

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6- नजर दोष से परेशान हो तो अमावस्या के दिन अपने घर के दरवाजे के ऊपर काले घोड़े की नाल को स्थापित करें। ध्यान रहे कि उसका मुंह ऊपर की ओर खुला रखें।

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7- अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन के साथ खिलाने पर महान पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है। इस दिन संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए।

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Somvati Amavasya 2022: 30 मई 2022 सोमवती अमावस्या के दिन बहुत ही दुर्लभ योग संयोग बन रहे हैं। इसी दिन शनि जयंती के साथ ही वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा। ऐसा दुर्लभ संयोग 30 साल बाद बन रहा है। सोमवती अमावस्या पर 108 प्रकार के दान दिए जाते हैं। आओ जानते हैं 108 की संख्या का महत्व।


1. सोमवती अमावस्या के दिन काल सर्पदोष, पितृदोष और अल्पायु दोष का निवारण किया जाता है। इसीलिए इस दिन शनि पूजा, यम पूजा और भोलेनाथ की पूजा के साथ ही स्नान, दान और पुण्य कार्य करने का खास महत्व है।

2. सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करना, ओंकार का जप करना, सूर्य नारायण को अर्घ्य देना अत्यंत फलदायी है। मान्यता है कि सिर्फ तुलसी जी की 108 बार प्रदक्षिणा करने से घर की दरिद्रता भाग जाती है।

3. महाभारत में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व प्रकट करते हुए कहा था कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी प्रकार के दुखों से मुक्त हो जाता है।

4. इस दिन गंगा स्नान करने से पितृ भी संतुष्ट हो जाते हैं। पीपल के पेड़ में पितर और सभी देवों का वास होता है। इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन जो दूध में पानी और काले तिल मिलाकर सुबह पीपल को चढ़ाते हैं। पीतल की 108 परिक्रमा करते हैं। उन्हें पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है।

अमावस्या के दिन क्या दान करना चाहिए - amaavasya ke din kya daan karana chaahie

Daan

1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समस्त ब्रह्मांड को 12 भागों में बांटने पर आधारित है। इन 12 भागों को ‘राशि’ की संख्या दी गई है। हमारे शास्त्रों में प्रमुख रूप से 9 ग्रह (नवग्रह) माने जाते हैं। इस तरह 12 राशियों और 9 ग्रहों का गुणनफल 108 आता है। यह संख्या संपूर्ण विश्व का प्रतिनिधित्व करने वाली सिद्ध हुई है।

2. 1 वर्ष में सूर्य 21,600 (2 लाख 12 हजार) कलाएं बदलता है। चूंकि सूर्य हर 6 महीने में उत्तरायण और दक्षिणायन रहता है, तो इस प्रकार 6 महीने में सूर्य की कुल कलाएं 1,08,000 (1 लाख 8 हजार) होती हैं। अंतिम 3 शून्य हटाने पर 108 अंकों की संख्या मिलती है इसलिए माला जप में 108 दाने सूर्य की 1-1 कलाओं के प्रतीक हैं।

3. 108 अंक की धारणा भारतीय ऋषियों की कुल 27 नक्षत्रों की खोज पर आधारित है। चूंकि प्रत्येक नक्षत्र के 4 चरण होते हैं अत: इनके गुणफल की संख्या 108 आती है, जो परम पवित्र मानी जाती है। इसमें श्री लगाकर ‘श्री 108’ हिन्दू धर्म में धर्माचार्यों, जगद्गुरुओं के नाम के आगे लगाना अति सम्मान प्रदान करने का सूचक माना जाता है।

4. हमारी सांसों की संख्या के आधार पर 108 दानों की माला स्वीकृत की गई है। 24 घंटों में एक व्यक्ति 21,600 बार सांस लेता है। चूंकि 12 घंटे दिनचर्या में निकल जाते हैं, तो शेष 12 घंटे देव-आराधना के लिए बचते हैं अर्थात 10,800 सांसों का उपयोग अपने ईष्टदेव को स्मरण करने में व्यतीत करना चाहिए, लेकिन इतना समय देना हर किसी के लिए संभव नहीं होता इसलिए इस संख्या में से अंतिम 2 शून्य हटाकर शेष 108 सांस में ही प्रभु-स्मरण की मान्यता प्रदान की गई।

5. माला में इसीलिए 108 मणियां या मनके होते हैं। उपनिषदों की संख्या भी 108 ही है। शिवांगों की संख्या 108 होती है। ब्रह्म के 9 व आदित्य के 12 इस प्रकार इनका गुणन 108 होता है। ऋग्वेद में ऋचाओं की संख्या 10 हजार 800 है। 2 शून्य हटाने पर 108 होती है। शांडिल्य विद्यानुसार यज्ञ वेदी में 10 हजार 800 ईंटों की आवश्यकता मानी गई है। 2 शून्य कम कर यही संख्या शेष रहती है। जैन मतानुसार भी अक्ष माला में 108 दाने रखने का विधान है। यह विधान गुणों पर आधारित है। अर्हन्त के 12, सिद्ध के 8, आचार्य के 36, उपाध्याय के 25 व साधु के 27 इस प्रकार पंच परमिष्ठ के कुल 108 गुण होते हैं।

6.गौड़ीय वैष्णव धर्म की बात करें तो वृंदावन में भी 108 गोपियों का ही जिक्र है। श्रीवैष्णव धर्म में भगवान विष्णु के 108 दिव्य क्षेत्रों को बताया गया है। इन्हें '108 दिव्यदेशम' कहा जाता है। पुराणों में 108 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख मिलता है। देवी के शक्तिपीठ भी 108 बताए गए हैं। समुद्र मंथन के दौरान 54 देव और 54 राक्षस, कुल मिलाकर 108 लोग ही शामिल थे। इस तरह 108 अंक का बहुत महत्व है।

अमावस्या के दिन कौन सा दान करना चाहिए?

वहीं गेंहू और काले चने के दान से क्रमशः सूर्य और शनि ग्रह मजबूत होते हैं। मान्यता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन इन 7 अनाजों को दान करने से पितरों की कृपा से जीवन में सुख-सौभाग्य बढ़ता है, धन-धान्य की प्राप्ति होती है, व्यक्ति को रोगों तथा अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है, सभी पापों का नाश होता है।

अमावस्या के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए?

भगवान शनिदेव की नजर से बचने के लिए अमावस्या के है दिन में गलती से भी मदिरापान एवं घर में नॉनवेज नहीं करनी चाहिए । इस दिन मदिरा और नॉनवेज खरीदना भी नहीं चाहिए । जिनको शुभ काम में बाधा उत्पन्न हो रही है अमावस्या के दिन में सर के बाल नहीं कटनी चाहिए, हाथ के नाखून नहीं कटनी चाहिए, और फिर अपने दाढ़ी भी इन दिनों न कटे ।

आज अमावस्या के दिन क्या करें?

हरियाली अमावस्या के दिन पेड़- पौधों की पूजा करनी चाहिए। पेड़- पौधों की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें

सोमवती अमावस्या पर क्या क्या दान करना चाहिए?

Somvati Amavasya 2022 Upay: हिंदू धर्म ग्रंथों में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। 1. सोमवती अमावस्या पर किसी भी तीर्थ स्थान में जाकर पितरों के श्राद्ध, तर्पण आदि कर्म करें। पूजा के बाद जरुरतमंदो को भोजन, कच्चा अनाज, बर्तन, कपड़े आदि चीजों का दान करें।