अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन H3O की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है ?`? - aml ke vilayan ko tanukrt karate samay haidroniyam aayan h3o kee saandrata kaise prabhaavit ho jaatee hai ?`?

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Q.9: अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइडोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?    

उत्तर : जल में अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय आयन की सांद्रता (H3O+/O–H) में प्रति इकाई आयतन की कमी हो जाती है और विलयन तनु से अधिक तनु हो जाता है।


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अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन `( H _( 3 O की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?

अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H, O +) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है? 3 6. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH- ) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ?

हाइड्रोनियम आयनों की सांद्रता H3O प्लस कैसे प्रभावित होती है जब एक एसिड का घोल पतला होता है?

Solution : जल में अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय उसमे उपस्थित अनआयनित जल की मात्रा तो बढ़ती है , परन्तु `H_(3)O^(+)` आयन की सान्द्रता वही रहती है । जिसके कारण `H_(3)O^(+)` की सान्द्रता में लगातार कमी जो जाती है ।

3 क्या क्षारकीय विलयन में H AQ आयन होते हैं अगर हाँ तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?

Solution : हाँ, क्षारीय विलयन में भी `H^(+)(aq)` आयन होते हैं, फिर भी ये क्षारीय होते हैं, क्योंकि इनमें `OH^(-)(aq)` आयनों की सांद्रता `H^(+)(aq)` आयनों की सांद्रता से कहीं अधिक होती है। <br> एक विलयन उदासीन हो जाता है यदि उसमें `H^(+)(aq)` व `OH^(-)(aq)` आयनों की सांद्रता समान हो जाए।