स्वनविज्ञान और स्वनिमविज्ञान में अघोष (voiceless या surd) वह ध्वनियाँ (विशेषकर व्यंजन) होती हैं जिनमें स्वर-रज्जु में कम्पन नहीं होता है। इसके विपरीत घोष (voiced) वह ध्वनियाँ होती हैं जिनमें स्वर-रज्जु में कम्पन होता है। उदाहरण के लिए "प" एक अघोष ध्वनि है जबकि "ब" एक घोष ध्वनि है।[1] इसी तरह "स" और "श" दोनों अघोष है, जबकि "ज़" घोष है। देवनागरी के हर नियमित वर्ग में पहले दो वर्ण अघोष और उन के बाद के दो घोष होते हैं। क/ख, च/छ, त/थ, ट/ठ, प/फ अघोष हैं, जबकि ग/घ, ज/झ, द/ध, ड/ढ, ब/भ घोष हैं।। Show
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स्वनविज्ञान और स्वनिमविज्ञान में घोष (voiced) वह ध्वनियाँ (विशेषकर व्यंजन) होती हैं जिनमें स्वर-रज्जु में कम्पन होता है, जबकि अघोष वह ध्वनियाँ होती हैं जिनमें यह कम्पन नहीं होता। उदाहरण के लिए "प" एक अघोष ध्वनि है जबकि "ब" एक घोष ध्वनि है।[1] इसी तरह "स" और "श" दोनों अघोष है, जबकि "ज़" घोष है। देवनागरी के हर नियमित वर्ग में पहले दो वर्ण अघोष और उन के बाद के तीसरा, चौथा, पांचवां वर्ण सघोषं होते हैं। क/ख, च/छ, त/थ, ट/ठ, प/फ अघोष हैं, जबकि ग/घ, ज/झ, द/ध, ड/ढ, ब/भ घोष हैं। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
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कम्पन के आधार पर हिंदी वर्णमाला के दो भेद होते हैं : अघोष व्यंजनजिन वर्णों के उच्चारण में नाद की जगह केवल श्वाँस का उपयोग होता हैं, उन्हे अघोष वर्ण कहते हैं। इनकी संख्या 13 होती है। जो इस प्रकार है : क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ, श, ष, स घोष व्यंजनजिन वर्णों के उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है, उन्हे घोष वर्ण कहते हैं। इनकी संख्या 31 होती है। जो इस प्रकार है : इसमें सभी स्वर अ से ओ तक और You can learn more about
Hindi Varnamala (हिंदी वर्णमाला) के बारे में और अधिक जाने. Learn more in Hindi Grammar
Ghosh and Aghosh in HindiWhat is Ghosh and Aghosh varn in hindi grammar? घोष और अघोष Kya Hai. Learn Ghosh and Aghosh alphabets with some examples in Hindi. जानें कुछ नयी रोचक चीजे भी : विषयसूची
* अघोष ध्वनि कौन सी है?*?इसे सुनेंरोकेंउदाहरण के लिए “प” एक अघोष ध्वनि है जबकि “ब” एक घोष ध्वनि है। इसी तरह “स” और “श” दोनों अघोष है, जबकि “ज़” घोष है। देवनागरी के हर नियमित वर्ग में पहले दो वर्ण अघोष और उन के बाद के दो घोष होते हैं। क/ख, च/छ, त/थ, ट/ठ, प/फ अघोष हैं, जबकि ग/घ, ज/झ, द/ध, ड/ढ, ब/भ घोष हैं। * अघोष ध्वनि कौन सी है?* १ ⃣ य २ ⃣ स ३⃣ ढ ४⃣ ह?इसे सुनेंरोकेंदूसरे शब्दों में- जिन वर्णों के उच्चारण में गले में कम्पन नहीं होता, उन्हें अघोष कहते हैं। जैसे- क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ (वर्गों के पहले दो वर्ण) तथा श, ष, स अघोष हैं। अघोष व्यंजनों की संख्या कितनी है? इसे सुनेंरोकेंइनकी संख्या हिंदी वर्णमाला में 13 होती है। यह प्रत्येक वर्ग का पहला, दूसरा और तीसरा श, ष, स आदि अघोष व्यंजन में आते हैं। कौन सी ध्वनि अल्पप्राण है? इसे सुनेंरोकेंअल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे कि ‘क’, ‘ग’, ‘ज’ और ‘प’। जब अल्प प्राण ध्वनियाँ महा प्राण ध्वनियों में परिवर्तित हो जाती है, उसे महाप्रणिकरण कहतें है। अघोष वालों की संख्या कितनी होती है?इसे सुनेंरोकेंजिन वर्णों के उच्चारण में नाद की जगह केवल श्वाँस का उपयोग होता हैं, उन्हे अघोष वर्ण कहते हैं। इनकी संख्या 13 होती है। अघोष की संख्या कितनी है?इसे सुनेंरोकेंइनकी संख्या हिंदी वर्णमाला में 13 होती है। यह प्रत्येक वर्ग का पहला, दूसरा और तीसरा श, ष, स आदि अघोष व्यंजन में आते हैं। दूसरे शब्दों में जिन वर्णों का उच्चारण करते समय नाक की जगह श्वाँस का उपयोग होता हैं, उन्हे अघोष वर्ण कहते हैं। सघोष वर्णों की संख्या कितनी होती है? इसे सुनेंरोकेंहिंदी वर्णमाला में इनकी संख्या कितनी है? जिन वर्णों के उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है, उन्हे घोष वर्ण कहते हैं। इनकी संख्या 31 होती है। य, र, ल, व, ह। घोष और अघोष में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंस्वनविज्ञान और स्वनिमविज्ञान में घोष (voiced) वह ध्वनियाँ (विशेषकर व्यंजन) होती हैं जिनमें स्वर-रज्जु में कम्पन होता है, जबकि अघोष वह ध्वनियाँ होती हैं जिनमें यह कम्पन नहीं होता। उदाहरण के लिए “प” एक अघोष ध्वनि है जबकि “ब” एक घोष ध्वनि है। इसी तरह “स” और “श” दोनों अघोष है, जबकि “ज़” घोष है। अघोष और सघोष में मूल भेद क्या है?इसे सुनेंरोकेंवर्णों के उच्चारण में होने वाली ध्वनि की गूँज के आधार पर वर्णों के दो भेद हैं- घोष और अघोष। (1) घोष या सघोष व्यंजन:- जिन वर्णों के उच्चारण में गले के कम्पन से गूँज-सी होती है, उन्हें घोष या सघोष कहते हैं। (2)अघोष व्यंजन:- जिन वर्णों के उच्चारण में गले में कम्पन नहीं होता, उन्हें अघोष कहते हैं। अघोष वर्ण कितने होते हैं?देवनागरी के हर नियमित वर्ग में पहले दो वर्ण अघोष और उन के बाद के दो घोष होते हैं। क/ख, च/छ, त/थ, ट/ठ, प/फ अघोष हैं, जबकि ग/घ, ज/झ, द/ध, ड/ढ, ब/भ घोष हैं।
अघोष ध्वनि क्या है?देवनागरी के हर नियमित वर्ग में पहले दो वर्ण अघोष और उन के बाद के तीसरा, चौथा, पांचवां वर्ण सघोषं होते हैं। क/ख, च/छ, त/थ, ट/ठ, प/फ अघोष हैं, जबकि ग/घ, ज/झ, द/ध, ड/ढ, ब/भ घोष हैं।
*' अघोष ध्वनि कौन सी है ?* 1⃣ य 2⃣ स 3⃣ ढ 4⃣ ह?दूसरे शब्दों में- जिन वर्णों के उच्चारण में गले में कम्पन नहीं होता, उन्हें अघोष कहते हैं। जैसे- क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ (वर्गों के पहले दो वर्ण) तथा श, ष, स अघोष हैं।
घोष और अघोष में क्या अंतर है?घोष एवं अघोष वर्ण में अंतर:
(a) अघोष वर्णों के उच्चारण में ऐसी झंकृति नहीं होती है। (b) घोष में केवल नाद का ही उपयोग होता है। (b) अघोष में केवल श्वास का उपयोग होता है। (c) प्रत्येक वर्ग का 3रा, 4था और 5वाँ वर्ण, सभी स्वर वर्ण, य, र, ल, व और ह, घोष वर्ण हैं।
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