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Diagram of a fish egg; the yolk is the area marked 'C' सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि अंडे के पीले भाग को जर्दी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, अंग्रेजी भाषा में इसे Egg Yolk भी कहते हैं। आगे चलकर यही भ्रूण की शक्ल लेता है जिसके कारण एक चूजा तैयार होता है ऐसा माना जाता है कि भ्रूण में बहुत ज्यादा गर्मी होती है जो कई लोगों के लिए खाने के कुछ ही दिनों बाद नकारात्मक असर दिखाना शुरू कर देती है। भोजन के रूप में अंडे की ज़र्दी विटामिन व खनिज तत्वों का प्रमुख स्रोत है। इस भाग में अंडे की संपूर्ण वसा और कोलेस्ट्रौल और प्रोटीन का लगभग पांचवां हिस्सा होता है। यदि इस भाग को अण्डों को तलने हेतु ऐसे ही छोड़ दिया जाये तो, स्पष्ट सफ़ेद चित्तियों से घिरा ज़र्दी वाला भाग व्यंजन को एक विशिष्ट रूप देता है जिसमे सूर्य जैसा दिखने वाला पीला भाग ऊपर की ओर होता है। यदि इन दोनों हिस्सों को तलने से पहले मिला दिया जाये तो यह एक फीके पीले रूप में आ जाता है जैसा कि हम ऑमलेट और अंडे की भुर्जी में देखते हैं। उपयोग[संपादित करें]
चूजे के अंडे की ज़र्दी का संघटन[संपादित करें]
ज़र्दी अंडे के तरल भाग के लगभग 33 प्रतिशत के बराबर होती है; इसमें लगभग 60 कैलोरी होती है यह अंडे के सफ़ेद भाग की कैलोरी की तीन गुना है। एक बड़े अंडे में (कुल 50 ग्राम, ज़र्दी 17 ग्राम) लगभग 2.7 ग्राम प्रोटीन, 210 ग्राम कोलेस्ट्रौल, 0.61 ग्राम कर्बोहाइड्रेट और 4.51 ग्राम कुल वसा पायी जाती है। (यूएसडीए नैशनल न्यूट्रीएन्ट डाटाबेस) वसा में घुलनशील सभी प्रकार के विटामिन (A, D, E और K) अंडे की ज़र्दी में पाए जाते हैं। अंडे की ज़र्दी उन कुछ खाद्य पदार्थों में से हैं जिसमे स्वाभाविक रूप से विटामिन D होता है। अंडे की ज़र्दी में सबसे प्रचलित वसीय अम्लों (वज़न के अनुसार) का संघटन इस प्रकार होता है:[1]
अंडे की ज़र्दी लेसिथिन का स्रोत है जो एक पायासीकारक और पृष्ठसक्रियकारक होता है। इसका पीला रंग ल्यूटिन और ज़ेक्सानथिन के कारण होता है जो पीले या नारंगी रंग के कैरोटिनौयड होते हैं इन्हें ज़ेंथोफिल्स के नाम से जाना जाता है। दोहरी ज़र्दी वाले अंडे[संपादित करें]किसी अंडे में दो ज़र्दियां पाए जाने की घटना तब होती है यदि उनका अण्डोत्सर्ग बहुत ज़ल्दी हो गया हो, या जब एक ज़र्दी दूसरे से जुड़ जाती है। इस प्रकार के अंडे युवा मुर्गी का प्रजनन चक्र नियमित न हो पाने के फलस्वरूप होते हैं।[2] मुर्गियों से कुछ संकर नस्लों के अण्डों में मूल रूप से दो ज़र्दियां होती हैं। ऐसे अंडे भारत में पश्चिम बंगाल में मिलते हैं और विशेषतः अरम्बाघ के अरम्बाघ मुर्गी पालन केन्द्रों में. अनियमित प्रजनन चक्र के कारण कुछ मुर्गियां कभी कभार ही दोहरी ज़र्दी वाले अंडे दे पाती हैं। हालांकि आनुवंशिकता के कारण कुछ मुर्गियों में दोहरी ज़र्दी वाले अंडे देने की सम्भावना अधिक होती है, लेकिन युवा मुर्गियां जो अंडा देने की प्रारंभिक स्थिति में होती हैं उनमें प्रायः ऐसा होने का कारण कभी-कभी हो जाने वाली असामान्यता है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] आम तौर पर एक दोहरी ज़र्दा वाला अंडा साधारण अंडे की अपेक्षा अधिक लम्बा और पतला होता है। आम तौर पर दोहरी ज़र्दी वाले अण्डों से प्रायः सफलतापूर्वक चूजों के निकलने के लिए किसी मनुष्य की देख रेख की आवश्यकता होती है क्योंकि ऐसे में चूजे एक दूसरे की अंडे से बहार निकलने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने लगते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है।[3]
ज़र्दीरहित अंडे[संपादित करें]ज़र्दीराहित अण्डों को "ड्वार्फ" या "विंड" एग कहा जाता है।[4] इस प्रकार का अंडा प्रायः एक वर्ष से कम आयु वाली युवा मुर्गी के अंडा देने के प्रथम प्रयास द्वारा प्राप्त होता है और ऐसा उसके प्रजनन तंत्र के पूर्ण रूप से विकसित न हो पाने के कारण होता है। एक वयस्क मुर्गी द्वारा एक विंड एग दिया जाना असामान्य है, लेकिन फिर भी ऐसा हो सकता है यदि उसके कुछ प्रजनन संबंधी ऊतक टूट जायें जिससे कि अंडे का निर्माण करने वाली ग्रंथियां इसके अंडनलिका से गुजरने के दौरान इसे ही ज़र्दी वाला भाग समझकर एल्ब्युमेन, झिल्लियों और कवच में लपेट दें। ऐसा हुआ भी है किन्तु उस अवस्था में जब अंडे में ज़र्दी के स्थान पर ग्रे रंग के ऊतक का एक छोटा कण पाया जाता है। ज़र्दी रहित अंडे के लिए उपयोग किए जाने वाला एक प्राचीन शब्द "कॉक एग" है।[5] चूंकि इन अण्डों में ज़र्दी नहीं होती है और यह बच्चे नहीं दे सकते, इसलिए पारंपरिक रूप से यह धारणा थी कि ये अंडे मुर्गों द्वारा दिए गए हैं।[तथ्य वांछित] पक्षियों की कई प्रजातियां इस प्रकार के अंडे देती हैं। इस प्रकार के अंडे सामान्य और बैंटम दोनों प्रकार के चूजों में तथा गिनी एवम कोट्रनिक्स बटेर (अन्य नाम जापानी बटेर) में भी पाए जाते हैं। अन्य असाधारण अंडे दीर्घा[संपादित करें]अन्य असामान्य अंडे:
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
अंडे में कितने भाग होते हैं?चूजे के अंडे की ज़र्दी का संघटन. अंडे के कौन से भाग में प्रोटीन होता है?अंडे की जर्दी में यह अधिकतर विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं। अगर आप इसी भाग को नहीं खाते हैं तो इन तत्वों में से केवल आधे या उससे भी कम पौष्टिक तत्व आपको मिलेंगे। अंडे का सफेद भाग केवल प्रोटीन से भरपूर होता है।
अंडे का पीला भाग को क्या कहते हैं?सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि अंडे के पीले भाग को जर्दी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, अंग्रेजी भाषा में इसे Egg Yolk भी कहते हैं।
अंडे के सफेद भाग में क्या होता है?अंडे का सफेद भाग खाने के फायदे
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