Show आदिकाल को वीर गाथा काल भी कहा जाता है। तर्कपूर्ण उतर देंAdikal ko virgatha kal kyon kha jata he. :- Guestuser , 13 Feb 2020,01:11PM हिंदी साहित्य के विकास को हिंदी साहित्य के इतिहासकारों ने व्यवस्थागत रूप प्रदान करने के लिए कालखंड विशेष में की गयी रचनाओं को आधार मनके उसका नामकरण किया है। चुकी जिस काल को आदिकाल कहा गे है उस काल में वीर-रस से आओस-प्रोत रचनाओं की बहुलता है। अतः शुल्क जी ने इसे विरगंथा काल की संज्ञा दी। हिंदी साहित्य के इतिहास नमन ग्रन्थ में आदिकाल को वीरगाथा काल नाम देने के समर्थन में तर्क देते हुए आचार्य शुल्क कहते है - राजयश्रित कवि और करण जिस प्रकार निति शृंगार आदि के फुटकल दोहे राज्य सभाओं में सुनाया करते थे, उसी प्रकार आश्यदाता राजाओं के पराक्रमपूर्ण चरित्रों का या गनाथाओं का वर्णन भी करते थे ,वही प्रबंध परंपरा रासो नाम से पायी जाती है जिसे लक्ष्य करते हुए इसे वीरगाथा काल कहा है आचार्य रामचंद्र शुल्क ने इस प[राकर की साहित्यिक प्रकृति रखने वाले निम्नांकित बारह ग्रंथों की पहचान की है। 1 विजय पाल रासो 2 खुमान रासो 3 वीसलदेव रासो, 4 पृथ्वीराज रासो, 5 जयचंद्र प्रकाश, 6 जयमयंक जय चन्द्रीका, 7 हम्मीर रासो, 8 परमाल रासो, 9 विद्यापति की पदावली , 10 कीर्तिलता 11 कीर्तिपताका और 12 खुसरो की पहेलियाँ। उपरोक्त बहार ग्रंथों में कुछ ही ग्रन्थ प्रामाणिक है, विघापति रचित कीर्तिपताका कीर्तिलता तथा पदावली और नरपति नाल्ह रचित वीसलदेव रासो प्रमाणित है। आदिकाल में देशी भषा काव्य को प्रसिद्ध पुस्तकों में मैर खुसरो की पहेलियों विघापति पदावली एवं वीसलदेव रसों को छोड़कर शेष सभी ग्रन्थ वीर रसात्मक ही है। अतः इसे वीर गाथा काल कहा जाना मुक्ति सांगत है। ॉर्पोक्त बातों से यह स्पष्ट होता है की आदिकाल को वीरगाथा काल कहना गलत नहीं है क्योकि इस काल में वीर रसात्मक काव्य की बहुलता है। Upvote(0) Downvote Comment View(1437) आदिकाल को वीरगाथा काल क्यों कहा जाता है लिखिए?हिन्दी साहित्य के इतिहास में लगभग 8वीं शताब्दी से लेकर 14वीं शताब्दी के मध्य तक के काल को आदिकाल कहा जाता है। इस युग को यह नाम डॉ॰ हजारी प्रसाद द्विवेदी से मिला है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 'वीरगाथा काल' तथा विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने इसे 'वीरकाल' नाम दिया है।
हिंदी साहित्य के प्रथम युग का नाम वीरगाथा काल क्यों पड़ा?हिन्दी साहित्य के प्रथम युग का नाम वीरगाथा काल क्यों पड़ा? इस काल के राज्याश्रित चारण कवियों ने वीर रस के फुटकर दोहे लिखे हैं। श्रृंगार के साथ वीर रस प्रधान है। वीर रस की प्रधानता के कारण कतिपय विद्वान इसे वीरगाथा काल कहते हैं।
आदिकाल को वीरगाथा काल कहना कहाँ तक उचित है?आदिकाल का समय 675 से 1375 ई. तक का माना जाता है। आचायय रामचंद्र शुक्ल ने इसे वीरगाथा काल कहा।
आदिकाल को चारण काल किसने कहा और क्यों?उत्तर - आदिकाल को चारण काल डॉ. रामकुमार वर्मा ने कहा है।
|