आर्मी की दौड़ कितनी होती है - aarmee kee daud kitanee hotee hai

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  • सेना भर्ती रैली : तैयारी में 8 किमी नहीं, 1600 मीटर ही दौड़ें

आर्मी की दौड़ कितनी होती है - aarmee kee daud kitanee hotee hai

डिप्टी ब्रिगेडियर ने स्टेडियम में सैन्य स्टाफ को दी जरूरी हिदायत।

सीकर. शेखावाटी के युवाओं का फिजिकल अच्छा है और हमें यहां भर्ती करवाने में मजा आता है। सेना में ऐसे ही लंबी चौड़ी कद काठी के युवाओं की जरूरत होती है, लेकिन यहां के युवा 1600 मीटर दौड़ की ही तैयारी करके ही आए। यह कहना है सीकर में सेना भर्ती रैली के भर्ती निदेशक कर्नल सुवीर सेठ का। उन्होंने भर्ती में कामयाबी के तरीकों को लेकर भास्कर से खास बातचीत की। उनका कहना है कि यहां के युवक रोज पांच से आठ किलोमीटर दौड़ की प्रेक्टिस करके आते हैं लेकिन यहां दौड़ में विफल हो जाते हैं।

पिछली बार भी ऐसे कई युवक देखने को मिले थे। ऐसे में उन्हें केवल 1600 मीटर की तैयारी ही करनी है जिससे यह मालूम रहे कि कैसे दौड़ की बाधा पार करनी है? सीकर के युवाओं में सेना में जाने का जबरदस्त जोश और जुनून है। दौड़ से पहले उन्हें तकनीकी पहलुओं से रूबरू कराने के लिए भास्कर ने कर्नल सुवीर सेठ से बातचीत की।

भर्ती में दौड़ सबसे पहली बाधा है, इसे कैसे पूरा किया जाए?

यहां के बच्चे अच्छी तैयारी के साथ आते हैं। वे रोज 8 से 10 किलोमीटर दौड़ की तैयारी करते हैं। यह तरीका गलत है उन्हें 1600 मीटर की ही तैयारी करनी चाहिए। जो रोज 8 किलोमीटर भाग रहा है वह दो किलोमीटर से पहले तो जोर ही नहीं लगाएगा और तब तक तो दौड़ पूरी हो जाएगी। 1600 मीटर की तैयारी करेंगे तो यह पता रहेगा कि कौनसे चक्कर में पूरा दम लगाना है? शुरूआत के दो चक्कर आराम से पूरे करें। इनमें ज्यादा जोर लगाएंगे तो आखिर में बाहर हो जाएंगे। आखिरी चक्कर में पूरा दमखम लगाएं। कभी भी पूरे पैर पर नहीं भागे। पंजों के बल भागने से अपने आप ऊर्जा मिलती है और सफल होते हैं।

फिजिकल की तैयारी कैसे करें?
फिजिकल में केवल बीम में ही बच्चे बाहर होते हैं। बीम केवल प्रेक्टिस से ही पूरी की जा सकती हैं। प्रेक्टिस के दौरान यह ध्यान रखें कि बीम बिल्कुल सीधे हाथ से निकालें और ठुडी को पाइप से टच करें। कई बच्चे बीच में कोहनी मोड़कर प्रेक्टिस करते हैं जो बाहर हो जाते हैं। बीम के अलावा कोई भी फिजिकल ज्यादा मुश्किल नहीं है।

सीने की वजह से काफी युवा बाहर होते हैं, इन्हें क्या करना चाहिए?
यह समस्या ज्यादा बच्चों के साथ है। जिनका सीना कम है वे रोज दौड़ पूरी करने के बाद पुशअप जरूर निकालें। पुशअप ही सीना बढ़ाने का एकमात्र तरीका है। पुशअप के बाद हेवी खाना लें और रेस्ट करें। सीना बढ़ जाएगा।

सीकर के युवा सबसे ज्यादा किस टेस्ट में बाहर होते हैं?
मेडिकल में काफी बच्चे बाहर होते हैं। हड्डियों में टेढ़ेपन की समस्या है। इसके अलावा फ्लोराइड भी यहां की एक बड़ी समस्या है। जिससे दांत व हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और वे सेना में जाने के लायक नहीं रहते हैं।

यहां के युवाओं के फिजिकल के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
शेखावाटी के बच्चों का फिजिकल अच्छा है। हमें तो ऐसे ही युवा चाहिए जो लंबी चौड़ी कद काठी के हों। इसीलिए यहां भर्ती करवाने में मजा आता है। बच्चें तैयारी भी अच्छी करते हैं और अनुशासन में रहते हैं। यही वजह है कि शेखावाटी में भर्ती कराने के बाद यादगार पल हमारे साथ होते हैं।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें संबंधित फोटोज

1600 मीटर दौड़ कितनी होती है?

1.6 मील दौड़ टिप्स के बारे में:.

1600 मीटर दौड़ के लिए क्या करें?

दौड़ते समय हमेशा पंजा( पैर ) मैदान को पहले छूना चाहिए उसके बाद एड़ी को रखना चाहिए । ... .
दौड़ते समय हमेशा मुंह और नाक दोनों से सांस लेनी चाहिए । ... .
दौड़ते समय सामने की ओर देख कर दौड़ना चाहिए । ... .
दौड़ते समय अपने हाथ और कंधों को ढीला छोड़ दें । ... .
दौड़ने से पहले warm up और stretching जरूर करें.

आर्मी में सबसे पहले क्या होता है?

प्रश्न : आर्मी भर्ती में सबसे पहले क्या होता है? उत्तर : भर्ती रैली में उम्मीदवारों को सबसे पहले शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया जाता है. जिसमें उम्मीदवारों को 1.6 किलोमीट की दौड़ 5 मिनट 30 सेकेंड में पूरी करनी होती है.

इंडियन आर्मी में रनिंग टाइम कितना होता है?

अग्निवीरों की भर्ती के लिए होने वाले फिजिकल टेस्ट की बात करें कि ग्रुप-1 के तहत साढ़े 5 मिनट में 1.6 किमी की दौड़ लगानी होगी। 10 पुल अप्स लगाने होंगे। ग्रुप-2 के तहत 5 मिनट 45 सेकेंड में 1.6 किमी की दौड़ लगानी होगी।