मित्र! पता .......... प्यारे मित्र, मैं यहाँ भगवान की कृपा से कुशलमंगल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी कुशलमंगल होंगे। मेरी माता जी ने अगले सप्ताह बृहस्पतिवार को माता का जागरण का आयोजन करवाया है। यह जागरण सारी रात चलेगा। उसके बाद प्रसाद और पंडाल में बने भोजन का आनंद सभी उठाएंगे। माता के जागरण में सभी मित्र शामिल होंगे। तुम भी आ जाओगे तो बहुत आनंद आएगा। अब पत्र समाप्त करता हूँ। घर में सबको मेरा प्रणाम कहना। तुम्हारा मित्र |