मुनि स्नान- यह स्नान सुबह सूरज निकलने से पूवज़् 4 से 5 बजे के बीच किया जाता है। मुनि स्नान सर्वोत्तम है। इस दौरान स्नान करने वाले जातक के घर में सुख-शांति, समृद्धि, विद्या, बल, आरोग्य, चेतना सदैव बनी रहती हैं। Show देव स्नान- यह स्नान सुबह 5 से 6 बजे के बीच किया जाता है। देव स्नान उत्तम है। इस बीच स्नान करने वाले जातक के जीवन में यश, कितीज़्, धन, वैभव, सुख-शान्ति, संतोष का हमेशा वास रहता है।
मानव स्नान- यह स्नान सुबह 6 से 8 बजे के बीच किया जाता है। इस दौरान स्नान करने वालों को काम में सफलता, अच्छा भाग्य, अच्छे कर्मो की सूझ ता मिलती ही है, साथ ही परिवार में एकता भी बनी रहती है। राक्षसी स्नान- यह स्नान सुबह 8 बजे के बाद किया जाता है। किसी भी मानव को आठ बजे के बाद स्नान नहीं करना चाहिए। यह स्नान हिन्दू धर्म में निषेध है। इस दौरान स्नान करने वालों के घर में दरिद्रता, हानि, कलेश, धन हानि, परेशानी, प्रदान करता है। इसलिए फायदेमंद है नहाना सुबह 8 00 बजे के बाद नहाने से क्या होता है?आलस्य दूर होता है। सुबह जल्दी जागने और नहाने का ये ऐसा लाभ है जो तत्काल प्राप्त होता है। जल्दी जागने से पूरे दिन आलस्य से मुक्ति मिलती है, काम करने के लिए श्रेष्ठ शक्ति प्राप्त होती है।
सुबह कितने बजे से कितने बजे तक नहाना चाहिए?जो व्यक्ति हर दिन भगवान की तपस्या एवं पूजा करते हैं उनके लिए सुबह 4:00 बजे से 5:00 बजे तक नहाना चाहिए । इसे मोनी ऋषि स्नान कहा जाता है । उनके लिए 4:00 बजे से 6:00 बजे तक स्नान करना चाहिए ऐसे स्नान शुभ माना जाता है इसलिए उनकी शारीरिक परिस्थिति बहुत ही अच्छे होते है ।
नहाने का सही समय क्या है?नहाने का सही समय
सुबह सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त होने से पहले नहाना बेहतर माना जाता है।
स्त्री को स्नान कब करना चाहिए?पुराण में अंत में लिखा है कि स्त्री और पुरुष दोनों को यौन संबंध के बाद तुरंत नहाना चाहिए। क्योंकि इस काम के बाद दोनो ही अपवित्र हो जाते हैं। ऐसे में जब तक वह स्नान नहीं कर लेते तब तक वह किसी भी धार्मिक कार्य को करने के योग्य नहीं रहते।
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