25. गिल्लू के कार्य-कलाप के बारे में लिखिए । - 25. gilloo ke kaary-kalaap ke baare mein likhie .

लेखिका जब लिखने को बैठ जाती थी, तब गिल्लू उनको अपनी और आकर्षित करने के लिए उनके पैर तक आकर, सर करके परदे पर चढ जाता था। जब बाहर की गिलहरियाँ उसे चिक चिक करके बुलाति थी। तब लेखिका उसे बाहर जाने के लिए मुक्त करती थी। फिर गिल्लू चार बजे तक खेलकर घर वापस लौटता था वापस आकर सीधे अपने झूलें में झूलने लगाता था।

लेखिका को चौंकाने के लिए वह कहीं न कहीं छिप जात था। जब लेखिका खना खाने बैठ जाती, तब उनकी ठनी मे बैठने के लिए आता था। लेखिका ने उसे बडी कठिनाई से थाली के पास बैठना सिखया और फिर गिल्लू ने एक – एक चावल चुनकरखने की आदत दाल दी। काजू, उसका प्रिय खाद्य था। अगर काजू के अलावा कुछ दिया जाता, तो उसे झुले के नीचे फेंक देता था।

गिल्लू के क्रियाकलाप क्या क्या थे?

गिल्लू के कार्य-कलाप के बारे में लिखिए। उत्तर : महादेवी वर्मा जी का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता रहता था । लेखिका को चौंकाने के लिए गिल्लू कभी फूलदान के फूलों में, कभी परदे के चुन्नट में और कभी सोनजुही की पत्तियों में छिप जाता था।

गिल्लू पाठ के माध्यम से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

'गिल्लू' कहानी हमें जीवो के प्रति दया-भाव अपनाने की शिक्षा देती है। यह कहानी हमें शिक्षा देती है कि जिस तरह हमें इस संसार में जीने का अधिकार है, उसी तरह अन्य जीवो को भी इस संसार में जीने का अधिकार हैय़ यह कहानी हमें जीवो के प्रति संवेदनात्मक व्यवहार करने की सीख देती है।

रेखाचित्र गिल्लू के रचनाकार कौन हैं?

उनके भीतर भी कुछ संवेदनाएँ होती हैं। उनके साथ हमारा जैसा व्यवहार होता है, उसी के अनुसार वे भी हमारे साथ व्यवहार करते हैं । प्रस्तुत रेखाचित्र 'गिल्लू' की लेखिका महादेवी वर्मा हैं। महादेवी वर्मा को पशु-पक्षियों से बहुत लगाव था ।

5 गिल्लू ने लेखिका की गैरहाजरी में दिन कैसे बिताये?

गिल्लू ने लेखिका की गैरहाजरी में दिन कैसे बिताये? उत्तर: लेखिका मोटर दुर्घटना में आहत होकर अस्पताल में थी। उन दिनों जब उनके कमरे का दरवाजा खोला जाता, तब गिल्लू अपने झूले से उतरकर दौड़ता और फिर किसी दूसरे को वहाँ देखकर तेजी से अपने घोंसले में जा बैठता।