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फतेहाबाद। गत वर्षों की भांति इस बार भी 23 सितंबर का दिन हरियाणा वीर एवं शहीदी के रूप में मनाया जाएगा। एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस दिन को गरिमापूर्ण ढंग से मनाने के लिए विभिन्न स्थलों पर जन सभाएं, समारोह तथा गोष्ठियां आदि आयोजित करके शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस पर शहीदों के परिवारों तथा युद्ध में वीरता पुरस्कार पाने वालों को स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया जाएगा।
पंचकूला | अबहर साल 23 सितंबर को शहीदों की याद में हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस को गरिमापूर्ण ढंग से मनाया जाएगा। डीसी डॉ. गरिमा मित्तल ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल 23 सितंबर को जिला रेवाड़ी मुख्यालय (रेवाड़ी) में हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय समारोह के मुख्यातिथि होंगे। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर 23 सितंबर को हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के अवसर पर जन संख्या समारोह एवं गोष्ठिया आदि आयोजित करके शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इसके अलावा शहीदों के परिवारों तथा युद्ध में वीरता पुरस्कार पाने वालों को स्मृति चिह्नों कर यथावत सम्मानित किया जाएगा। मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ भारत में कई तिथियाँ शहीद दिवस के रूप में मनायी जातीं हैं, जिनमें मुख्य हैं- 30 जनवरी, 23 मार्च इत्यादि। 30 जनवरीमहात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948 को गांधी की हत्या कर दी गयी थी।[1] अन्य प्रमुख तिथियाँ
सन्दर्भ
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Author: JagranPublish Date: Sat, 22 Sep 2018 08:45 PM (IST)Updated Date: Sat, 22 Sep 2018 10:08 PM (IST) हरियाणा विशेषकर अहीरवाल की राजनीति में 23 सितंबर का दिन काफी अहम रहा है। वैसे तो यह दिन जंग-ए-आजादी के
महानायक राव तुलाराम की पुण्यतिथि व इसके उपलक्ष्य में सरकारी स्तर पर मनाए जाने वाले हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के लिए याद किया जाता है, जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: हरियाणा विशेषकर अहीरवाल की राजनीति में 23 सितंबर का दिन काफी अहम रहा है। वैसे तो यह दिन जंग-ए-आजादी के महानायक राव तुलाराम की पुण्यतिथि व इसके उपलक्ष्य में सरकारी स्तर पर मनाए जाने वाले हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के लिए याद किया जाता है, लेकिन इस दिन का प्रदेश की राजनीति में भी विशेष महत्व है, क्योंकि विशाल हरियाणा पार्टी के
कांग्रेस में विलय व जलयुद्ध शुरू करने जैसे बड़े राजनीतिक फैसले इसी दिन लिए गए हैं। रीजनल सेंटर (अब इंदिरा गांधी विवि) का एलान व रेवाड़ी को जिला बनाने की घोषणा भी इसी दिन हुई थी। इस बार राव इंद्रजीत ¨सह बड़ा जलसा नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक विचारधारा से अलग चल रहे उनके भतीजे राव अर्जुन ¨सह रविवार को कनीना में रणदीप सुरजेवाला को लेकर आ रहे हैं। --------- छुट्टी पर रहा है विवाद पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल ने अपने पहले कार्यकाल में बतौर मुख्यमंत्री तेइस सितंबर
को हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस पर विशेष अवकाश घोषित किया था। बाद में जब चौ. बंसीलाल सत्ता में आए तो उन्होंने इस छुट्टी को रद कर दिया था। तब इलाके में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। तत्कालीन विधायक रघु यादव ने तब वर्ष 1987 में यहां चौधरी देवीलाल की रैली करवाई थी। उन्होंने न केवल शहीदी दिवस पर छुट्टी बहाल की बल्कि रैली के मंच से ही रीजनल सेंटर की घोषणा की थी। तब का रीजनल सेंटर अब इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय बन चुका है। दो वर्ष बाद वर्ष 1989 में फिर राजनीति बदली। राव बिरेंद्र ¨सह ने खुद चौ. देवीलाल की रैली करवाई तथा बतौर सीएम चौ. देवीलाल ने 23 सितंबर 1980 को रैली के मंच से रेवाड़ी को जिला बनाने की घोषणा की। चौ. बंसीलाल ने अपने दूसरे कार्यकाल में छुट्टी को बरकरार रखा। ------------- ये भी जानिए: -23 सितंबर 1977 को राव बिरेंद्र ¨सह ने अपनी विशाल हरियाणा पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था। -23 सितंबर 2003 को रेवाड़ी में हुई रैली में चौ. भजनलाल विरोधी नेताओं ने जलयुद्ध का एलान किया था। इनमें राव इंद्रजीत ¨सह, चौ. भूपेंद्र ¨सह हुड्डा, चौधरी बीरेंद्र ¨सह व ओमप्रकाश ¨जदल सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता थे। -23 सितंबर 2013 को रेवाड़ी में विशाल रैली करके ही राव इंद्रजीत ¨सह ने कांग्रेस से 35 वर्ष पुराना नाता तोड़ने की घोषणा की थी। कुछ दिन बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे। --------- राव सहित कई नेता आएंगे आज केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह बेशक इस बार बड़ा आयोजन नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे रविवार को नाईवाली चौक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचेंगे। Edited By: Jagran
23 सितंबर को कौन सा दिवस मनाया जाता है?23 सितंबर को मनाया जाएगा हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस
सही दिवस कब मनाया जाता है?जैसा कि, हम जानते हैं कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की याद में शहीद दिवस या शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है और 23 मार्च को भारत के तीन असाधारण युद्ध सेनानियों के बलिदान को याद करने के लिए शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.
भारत में शहीद दिवस कब मनाया जाता है?30 जनवरी को शहीद दिवस महात्मा गांधी की याद में मनाया जाता है और 23 मार्च को यह दिन भारत के तीन बहादुर क्रांतिकारियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव की याद में मनाया जाता है।
शहीदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?शहीद दिवस वाले दिन प्रमुख रूप से स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है. सबसे पहले भारत में 30 जनवरी को महात्मा गांधी की याद में शहीद दिवस मनाया जाता है. इसके बाद 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद दिवस मनाया जाता है. इसी दिन इन तीनों को फांसी की सजा दी गई थी.
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