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परिचयस्वतंत्रता सेनानी और पुनर्वास प्रभाग की दो शाखाएं अर्थात् स्वतंत्रता सेनानी शाखा और पुनर्वास शाखा हैं। मानव इतिहास में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम एक अनोखी मिसाल है। इसमें सभी वर्गों के लोगों ने सभी प्रकार की जाति, पंथ, या धर्म से ऊपर उठकर एवं एकजुट होकर एक उद्देश्य के लिए काम किया। यह एक पुनर्जागरण था। यह लोगों की विभिन्न पीढ़ियों का संघर्ष और बलिदान था जिसके परिणामस्वरुप स्वतंत्रता प्राप्त हुई और राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ। वर्ष 1969 में उन स्वतंत्रता सेनानियों के लिए पूर्व-अंडमान राजनीतिक कैदी पेंशन योजना शुरु की गई जिन्होंने सेल्यूलर जेल, अंडमान में कैद भोगी थी। बाद में, भारतीय स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगाँठ के अवसर पर वर्ष 1972 में स्वतंत्रता सेनानियों की अन्य श्रेणियों को शामिल करके एक नियमित स्वतंत्रता सेनानी योजना शुरु की गई। वर्ष 1980 में इस योजना को उदारीकृत किया गया। पुनर्वास विषय 70 के दशक में तत्कालीन आपूर्ति एवं पुनर्वास मंत्रालय से गृह मंत्रालय को अंतरित किया गया था। वर्तमान में यह शाखा तिब्बती बस्तियों में दौरों हेतु संरक्षित/सुरक्षित क्षेत्र परमिटों की मंजूरी सहित मुख्यत: श्रीलंका से आए श्रीलंकाई शरणार्थियों/प्रत्यावासियों; और भारत में ठहरे हुए तिब्बती शरणार्थियों को राहत और पुनर्वास सहायता संबंधी मामले देखती है। यह शाखा भारत में शत्रु सम्पत्ति के संरक्षण और प्रबंधन के लिए भी उत्तरदायी है और भारत में शत्रु सम्पत्ति का अभिरक्षक का अधीनस्थ कार्यालय है। यह विंग प्रत्यावासियों के सहकारी वित्त और विकास बैंक (आर ई पी सी ओ बैंक) से संबंधित प्रशासनिक मुद्दों का प्रबंधन भी देखती/करती है। सौंपे गए विषय
निष्क्रांत सम्पत्तियों से संबंधित शेष कार्यअधीनस्थ/संबद्ध कार्यालयों का ब्यौरा
योजना
स्वतंत्रता सेनानियों को केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएंपूनर्वास विंग
वित्त
अधिनियम और नियमजनसामान्य से संबंधित दस्तावेज
प्रकाशन
सूचना आदान-प्रदान सेवाएं
सलाहें
अनुलग्नकस्वतंत्रता सेनानी का नाम क्या है?1942 Swatantrata Senani Ke Naam. 1947 के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक कौन थे?बटुकेश्वर दत्त: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक
भारत में प्रथम स्वतंत्रता सेनानी कौन है?6 देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी के रूप में किसे जाना जाता है? Ans. 6 सर मंगल पांडे उन बहादुरों में से एक हैं जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने का साहस किया – जिन्हें मंगल पांडे के नाम से जाना जाता है। वह वह व्यक्ति थे जिन्हें अक्सर इस देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाना जाता है।
देश को आजाद कराने में कौन कौन थे?भगत सिंह: 28 सितंबर 1907 की बात है।
पंजाब के लायलपुर जिले के बंगा में किशन सिंह और विद्यावती के बेटे ने जन्म लिया। दोनों ने बेटे का नाम भगत रखा। ये वही भगत सिंह हैं, जो महज 23 साल की उम्र में देश की आजादी के खातिर खुशी-खुशी फांसी पर चढ़ गए थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह की जिंदगी पर काफी असर डाला।
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