14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? - 14 sitambar ko hindee divas kyon manaaya jaata hai?

Author: Ruhee ParvezPublish Date: Tue, 13 Sep 2022 10:10 AM (IST)Updated Date: Wed, 14 Sep 2022 10:19 AM (IST)

14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? - 14 sitambar ko hindee divas kyon manaaya jaata hai?

Hindi Diwas 2022 हिन्दी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है ताकि लोगों में इस भाषा के प्रति उत्साह भरा जा सके और हिन्दी को बढ़ावा भी मिले। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसे इसी दिन ही क्यों मनाया जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hindi Diwas 2022: 14 सितंबर के दिन हर साल हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी भाषा मंडेरिन, स्पेनिश और अंग्रेजी के बाद दुनिया में चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है।

हिन्दी भाषा के महत्व को बताने के लिए स्कूलों और कॉलजों में कई तरह की प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं, जिसमें बच्चे हिस्सा लेते हैं।  

यह दिन खास इसलिए भी है क्योंकि इसी दिन साल 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को एक आधिकारिक भाषा के रूप में अपना लिया था। 14 सितंबर की तारीख को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चुना था।

हिन्दी के बारे में एक बात जो काफी कम लोग जानते हैं, वह यह कि हिंदी एक फारसी शब्द है। फारसी में हिंदी शब्द का अर्थ 'सिंधु नदी की भूमि' है। इस भाषा की पहली कविता अमीर खुसरो, जो एक प्रसिद्ध कवि हैं उनके द्वारा लिखी गई थी। 

Hindi Diwas: इतिहास

राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सुझाव पर हिंदी को समर्पित दिवस पहली बार 1953 में मनाया गया था। दिन को चिह्नित करने के पीछे का कारण भाषा के महत्व को बढ़ाना था। हिंदी दिवस राजेंद्र सिंह की जयंती भी है। वह एक भारतीय विद्वान, हिंदी-प्रतिष्ठित, संस्कृतिविद्, रामायण-अधिकार, और एक इतिहासकार थे। इसके अलावा, हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने में उनकी भूमिका भी बहुत बड़ी थी।

हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का विचार पहली बार 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा लाया गया था। भारत का संविधान अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देता है।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने 1977 में वैश्विक स्तर पर हिंदी में एक अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को संबोधित किया था। उस वक्त वे विदेश मंत्री थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया था।

Hindi Diwas 2022: कैसे मनाया जाता है?

इस दिन को चिह्नित करने के लिए, 14 सितंबर से 21 सितंबर तक पूरे सप्ताह को राजभाषा सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान, भाषा को बढ़ावा देने के लिए निबंध लेखन, वाद-विवाद, कविता पाठ जैसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। यह इवेंट्स कई स्कूलों और कॉलेजों में हर साल आयोजित किया जाता है। हिन्दी दिवस के दिन ही भाषा सम्मान पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। इस अवॉर्ड से उन लोगों को नवाज़ा जाता है, जिन्होंने अपने लेखन और अन्य माध्यमों से भाषा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

Edited By: Ruhee Parvez

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Edited by Neha Upadhyay | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Sep 13, 2022, 2:55 PM

Hindi Diwas 2022: जब भारत को आजादी मिली तो सबसे पहला प्रश्न राजभाषा को लेकर उठा।

14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? - 14 sitambar ko hindee divas kyon manaaya jaata hai?
Hindi Diwas:

हाइलाइट्स

  • 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस।
  • पंडित नेहरु ने सबसे पहले इस तारीख को चुना था।
  • 1953 में सबसे पहले मनाया गया यह दिवस।

Hindi Diwas 2022: पूरा देश 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाता है ताकि देश में हिंदी भाषा को और बढ़ावा मिल सके। भारत विविधताओं वाला देश है जहां सभी लोग अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग रीति-रिवाजों का पालन करते हैं लेकिन देश के 77 फीसदी लोग हिंदी बोलते, समझते और लिखते हैं। पूरे विश्व में भी हिंदी तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हर साल इस खास मौके पर शैक्षिक संस्थानों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेकिन क्या आपने यह जानने का प्रयास किया है कि केवल 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस (Hindi Diwas 2022) क्यों मनाया जाता है। आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको जानकारी देंगे कि क्यों 14 सितंबर को ही देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है।

तो इस कारण 14 सितंबर को ही मनाया जाता है हिंदी दिवस..

हिंदी दिवस का इतिहास आजादी के बाद देखा जा सकता है जब देश में हिंदी भाषा के उत्थान के लिए 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। यह कारण है कि हर साल 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले इस तारीख को देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चुना था। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सिफारिश के बाद से ही 1953 के बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाने लगा।

एक भाषा को राजभाषा घोषितकरना था बेहद मुश्किल..

अंग्रजो की 200 वर्षों की हुकूमत के बाद जब भारत को आजादी मिली तो सबसे पहला प्रश्न राजभाषा को लेकर उठा। जहां देश में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं ऐसे में किसी एक भाषा को राजभाषा के रूप में चुनना बेहद कठिन था। ऐसे में बेहद विचार-विमर्श के बाद हिंदी को राजभाषा के रूप में चुन लिया गया। इस बात का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में कहा गया है कि देश की राजभाषा हिंदी और उसकी लिपि देवनागरी होगी।

इसी दिन दिया जाता है भाषा सम्मान पुरस्कार

हिंदी दिवस का कार्यक्रम लगभग एक सप्ताह तक चलता है। इसे हिंदी पखवाड़ा कहा जाता है। इस दौरान विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे कॉलेज और स्कूलों में इस खास दिन पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इन प्रतियोगिताओं में काव्य गोष्ठी, भाषण प्रतियोगिता और वाद-विवाद जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। 14 सितंबर को ही भाषा सम्मान पुरस्कार दिया जाता है।

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