1 बिन्दु आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत विभव का व्यंजन क्या होगा उसका निगमन कीजिए? - 1 bindu aavesh ke kaaran kisee bindu par vidyut vibhav ka vyanjan kya hoga usaka nigaman keejie?

Physics March 23, 2022 January 15, 2018

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electric potential at a point due to a point charge derivation in hindi बिंदु आवेश के कारण विभव  : हम विद्युत विभव की परिभाषा पढ़ चुके है की जब किसी बिन्दु पर विभव ज्ञात करना होता है तो एकांक धनावेश को अनन्त से उस बिंदु तक लाने में किया गया कार्य ज्ञात करना पड़ेगा।

क्योंकि विभव की परिभाषानुसार किसी आवेश को उस बिंदु तक लाने में किया गया कार्य ही विद्युत विभव कहलाता है।

मान लीजिये कोई बिंदु O है जिस पर कोई आवेश +q रखा हुआ है , इस आवेश (q) अर्थात O बिन्दु से r दूरी पर एक बिंदु P स्थित है तथा हमें P बिंदु पर विभव का मान ज्ञात करना है या दूसरे शब्दों में कहे तो अनंत से एकांक धनावेश को P बिंदु तक लाने में किया गया कार्य ज्ञात करेंगे।

एकांक धन आवेश को अनंत से P बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य अर्थात P बिंदु पर विद्युत विभव ज्ञात करने के लिए OP दिशा में O बिंदु से x दुरी पर एक बिंदु A चुन लेते है।

धन परीक्षण आवेश (q0) A बिंदु पर लगने वाला बल (कूलॉम नियम से )

इस बल (F) के विरुद्ध धन परिक्षण आवेश को dx विस्थापित करने में किया गया कार्य

dW = F.dx

dW = F.dx (-1)

dW = -F.dx

अतः धन परिक्षण आवेश  (q0) को अनन्त से P बिंदु तक लाने में किया गया कार्य

W = rdW = r –F.dx

निम्न समीकरण को हल करने पर 

हम जानते है की विभव V = W/q 

अतः P बिंदु पर विभव 

V = W/q0

हमने O बिंदु पर धनात्मक q आवेश की कल्पना की है अतः विद्युत विभव भी धनात्मक है यदि यह आवेश ऋणात्मक होता तो विद्युत विभव का मान भी ऋणात्मक होता।

सूत्रानुसार विभव का मान दूरी(r) के व्युत्क्रमानुपाती है अतः विद्युत विभव व विद्युत विभव के मध्य ग्राफ खींचने पर वह निम्नानुसार प्राप्त होता है

किसी बिन्दु पर बिंदु आवेश के कारण विद्युत विभव (electric potential at a point due to a point charge derivation) : वैद्युत विभव की परिभाषा के अनुसार किसी बिंदु पर विद्युत विभव ज्ञात करने के लिए एकांक धनावेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किया गया कार्य ज्ञात करना होगा।

माना एक बिंदु आवेश +q बिन्दु O पर रखा है और इससे r दूरी पर स्थित बिंदु P पर विद्युत विभव ज्ञात करना है। इसके लिए एकांक धनावेश को अनंत से P बिंदु तक लाने में किया गया कार्य ज्ञात करना होगा तथा यह कार्य ज्ञात करने के लिए बिंदु P के आगे OP दिशा में ही एक अन्य बिंदु A चुन लेते है जिसकी O बिंदु से दूरी x है। इस बिंदु A पर धन परिक्षण आवेश +q0 पर लगने वाला विद्युत बल –

F = q.q0/4πε0.x2

इस बल के विरुद्ध परिक्षण आवेश को dx विस्थापन देने में किया गया कार्य –

dW = F.dx

dW = F.dx.cos180

dW = F.dx.(-1)

या

dW = -F.dx

अत: +q आवेश को अनंत से P बिंदु तक लाने में कृत कार्य –

W = ∞∫rdW = ∞∫r-F.dx

मान रख पर हल करने पर –

W = q.q0/4πε0 [1/r – 1/∞]

चूँकि 1/∞ = 0

W = q.q0/4πε0.r

अत: P बिंदु पर विद्युत विभव –

V = W/q0

V = q/4πε0.r

यदि आवेश q धनात्मक है तो उसके कारण धनात्मक विभव उत्पन्न होगा तथा ऋणात्मक आवेश के कारण ऋणात्मक विभव उत्पन्न होगा।

V ∝ 1/r

बिंदु आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र –

E = q/4πε0.r2

E ∝ 1/r2

बिंदु आवेश के कारण विभव का व्यंजक क्या है?

<br> बिंदु आवेश के कारण किसी बिंदु पर विद्युत विभव- चित्र के अनुसार माना की O पर बिंदु आवेश q रखा है जिसके कारण र दुरी पर स्थित बिंदु पर विद्युत विभव ज्ञात करना है। OP सरल रेखा पर बिंदु O से x दुरी पर स्थित बिंदु A पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता <br> `E = (1)/(4 pi epsi_(0)K).

1 एक बिन्दु पर के विद्युत विभव से आप क्या समझते हैं What do you mean by Electric potential at a point ?`?

किसी इकाई धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है उसे उस बिन्दु का विद्युत विभव (electric potential ) कहते हैं। दूसरे शब्दों में, किसी बिन्दु पर स्थित ईकाई बिन्दुवत धनावेश में संग्रहित वैद्युत स्थितिज ऊर्जा, उस बिन्दु के विद्युत विभव के बराबर होती है।

एक बिंदु पर विद्युत विभाग से आप क्या समझते हैं?

जब किसी वस्तु पर कोई आवेश होता है तो वह वस्तु विद्युन्मय अथवा आवेशित (आविष्ट) कही जाती है। जब उस पर कोई आवेश नहीं होता तब उसे अनावेशित कहते हैं

विद्युत द्विध्रुव क्या है विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर विद्युत विभव का व्यंजक प्राप्त करें?

`4xx10^(-9) Cm ` द्विध्रुव आघूर्ण का कोई विद्युत द्विध्रुव `5xx10^(4) NC^(-1)` परिमाण के किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र की दिशा से `30^(@)` पर संरेखित है। द्विध्रुव पर कार्यरत बल आघूर्ण का परिमाण परिकलित कीजिये। प्रक्कथन : `""_(7)N` का आयनन विभव ""_(8)O" और "_(6)O` के आयनन विभव से अधिक होता है।

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