विद्युत परिपथ का प्रयोग करते समय कौन सी सावधानी रखनी चाहिए? - vidyut paripath ka prayog karate samay kaun see saavadhaanee rakhanee chaahie?

घरेलू विद्युत् परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

घरेलू विद्युत् परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए:
(i) विद्युत् प्रवाह के लिए प्रयुक्त की जाने वाली तारें अच्छे प्रतिरोधन पदार्थों से ढकी होनी चाहिए जैसे पीवीसी (पॉलीविनाइल क्लोराइड)।
(ii) विद्युत् परिपथ विभिन्न परिपथों में विभाजित होने चाहिए और प्रत्येक साधित्र का फ्यूज़ होना चाहिए।
(iii) उच्च शक्ति प्राप्त करने वाले एयर कंडीशनर, फ्रिज, हीटर, आदि का एक साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए। 

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मेज़ के तल में पड़े तार के वृत्ताकार पाश पर विचर कीजिये। मान लीजिये इस पाश में दक्षिणावर्त विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम को लागु करके पाश के भीतर तथा बाहर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कीजिये। 

यदि मेज़ के तल में तार का वृत्ताकार पाश पड़ा है और इसमें दक्षिणावर्त विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तो दक्षित हस्त अंगुष्ठ नियम द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा तल के लम्बवत ऊपर से नीचे की तरफ होगी। पाश के बाहर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा पाश के लम्बवत नीचे से ऊपर की ओर होगी। 

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किसी प्रोटोन का निम्नलिखित में से कौन-सा गुण किसी चुम्बकीय क्षेत्र में मुक्त गति करते समय परिवर्तित हो जाता है? ( यहां एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं )। 

  • द्रव्यमान 

  • चाल 

  • वेग

  • वेग

सही विकल्प (c) और (d) हैं। चुम्बकीय बल प्रोटोन की गति पर लंबवत कार्य करता है। यह प्रोटोन के द्रव्यमान और चाल को प्रभावित नहीं करता, वेग और संवेग को प्रभावित करता है। 

सही विकल्प (c) और (d) हैं। चुम्बकीय बल प्रोटोन की गति पर लंबवत कार्य करता है। यह प्रोटोन के द्रव्यमान और चाल को प्रभावित नहीं करता, वेग और संवेग को प्रभावित करता है। 

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किसी कुंडली में विद्युत् धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग स्पष्ट कीजिये। 

किसी कुंडली में विद्युत् धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग निम्नलिखित हैं-
i) दूसरी कुंडली में चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं में परिवर्तन करके।
ii)चुम्बक को कुंडली के भीतर या बहार गति करके।
iii) कुंडली में प्रवाहित विद्युत् धारा में परिवर्तन करके। 
iv) कुंडली को चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाने से। 

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पश्चिम की और प्रक्षेपित कोई धनावेशित कण ( अल्फा-कण ) किसी चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा उत्तर की और विक्षेपित हो जाता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा क्या है? 

  • दक्षिण की ओर 

  • पूर्व की ओर

  • अधोमुखी

  • अधोमुखी

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किसी विद्युत् धारावाही सीढ़ी लम्बी परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र -

  • शून्य होता है।

  • इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है।

  • इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।

  • इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।

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विषयसूची

  • 1 विद्युत परिपथ को अचानक तोड़ने पर चिंगारी निकलती है क्यों?
  • 2 चुंबकीय प्रेरण का सिद्धांत क्या है?
  • 3 जब किसी विद्युत परिपथ को भंग किया जाता है तो उसमें प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी?
  • 4 फैराडे का द्वितीय नियम क्या है Chemistry?
  • 5 घरेलू विद्युत परिपथ में अति भाषण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
  • 6 घरेलू विद्युत परिपथ कैसे कार्य करता है?

विद्युत परिपथ को अचानक तोड़ने पर चिंगारी निकलती है क्यों?

इसे सुनेंरोकेंविद्युत परिपथ को अचानक तोड़ने पर परिपथ से बढ़ चुम्बकीय फ्लक्स का मान एकदम शून्य हो जाता है अर्थात परिपथ से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर अधिक होती है । अतः प्रेरित विद्युत धारा तीव्र होती है । फलस्वरूप चिंगारी निकलने लगती है ।

चुंबकीय प्रेरण का सिद्धांत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविद्युतचुम्बकीय प्रेरण समय के साथ परिवर्तित होने वाले चुम्बकीय क्षेत्र में रखे किसी परिपथ (जैसे कोई कुंडली) में प्रेरित विद्युतधारा की परिघटना है। जैसा कि चित्र 1 में दिखाया गया है चुम्बकीय क्षेत्र कुंडली तथा कुंडली के पास रखे चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति के कारण परिवर्तित हो सकता है।

जब किसी विधुत परिपथ को भंग किया जाता है तो उत्पन्न प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी?

इसे सुनेंरोकेंकिरचॉफ का नियम विद्युत धारा के संधि नियम और विद्युत परिपथ के कुंडली नियम से संबंधित है। फ्लेमिंग के दाहिने हाथ का नियम प्रेरित धारा की दिशा को दर्शाता है लेकिन यह परिपथ में प्रेरित emf या धारा की दिशा के बीच कोई संबंध नहीं प्रदान करता है,जो उस कारण का विरोध करती है जिससे वह स्वयं उत्पन्न होती है।

जब किसी विद्युत परिपथ को भंग किया जाता है तो उसमें प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी?

इसे सुनेंरोकेंलेंज का नियम हमे परिपथ में प्रेरित धारा की दिशा को बताता है । इस नियम के अनुसार प्रेरित वि . वा. बल की दिशा सदैव ( उस कारण ) चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन का विरोध करता है जिसके कारण वह उत्पन्न हुआ है ।

फैराडे का द्वितीय नियम क्या है Chemistry?

इसे सुनेंरोकेंफैराडे के द्वितीय नियम के अनुसार जब परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिमाण उस परिपथ से संबद्ध चुंबकीय फ्लक्स के परिवर्तन के दर के अनुक्रमानुपाती होता है।

विद्युत परिपथ का प्रयोग करते समय कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए?

घरेलू परिपथ में निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए-

  • स्विच और प्लग अच्छी गुणवता तथा उपयुक्त ग्रंटिंग के होनी चाहिए।
  • धातु (लोहे) के आवरण वाले साधित्रों को उचित प्रकार से भूसंपर्क करना चाहिए।
  • परिपथ को ठीक करते समय रबर के दस्ताने, चप्पल, जूता, आदि पहनाने चाहिए।
  • धात्विक आवरण वाले साधित्रों को उपयोग मे लाते समय छूना नहीं चाहिए।

घरेलू विद्युत परिपथ में अति भाषण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए निम्न सावधानी बरतनी चाहिए :

  1. एक से अधिक संधारित्रों को एक ही सॉकेट में संयोजित नहीं करना चाहिए।
  2. परिपथ को कई भागों में विभक्त कर के प्रत्येक भाग में सुरक्षा फ्यू़ज लगाना चाहिए।
  3. परिपथ में विद्युत तारें उत्तम क्वालिटी के विद्युतरोधक पदार्थ द्वारा ढंकी होनी चाहिए ।

घरेलू विद्युत परिपथ कैसे कार्य करता है?

इसे सुनेंरोकेंविद्युन्मय तार से धारा प्रवाहित होती है, उदासीन तार धारा वापस ले जाती है। घरों में प्राय: दो अलग-अलग परिपथ बनाए जाते हैं एक 5A के उपकरणों के लिए दूसरा 15A के उपकरणों के लिए। भू-तार का संबंध पृथ्वी से होता है, यह एक सुरक्षा का साधन है। प्रत्येक परिपथ में उपकरण को विद्युन्मय एवं उदासीन तारों के बीच जोड़ा जाता है।

विद्युत परिपथ का प्रयोग करते समय कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए?

घरेलू परिपथ में निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए- स्विच और प्लग अच्छी गुणवता तथा उपयुक्त ग्रंटिंग के होनी चाहिए। धातु (लोहे) के आवरण वाले साधित्रों को उचित प्रकार से भूसंपर्क करना चाहिएपरिपथ को ठीक करते समय रबर के दस्ताने, चप्पल, जूता, आदि पहनाने चाहिए। धात्विक आवरण वाले साधित्रों को उपयोग मे लाते समय छूना नहीं चाहिए

फ्यूज क्या है तथा विद्युत परिपथ प्रयोग करते समय कोई तीन सावधानी बताइए?

वैद्युत प्रौद्योगिकी एवं एलेक्ट्रॉनिकी फ्यूज (fuse), परिपथ का एक संरक्षात्मक (प्रोटेक्टिव) अवयव है जो एक नियत मात्रा से अधिक धारा बहने पर परिपथ को तोड देता है। इस प्रकार परिपथ में स्थित अन्य मूल्यवान अवयव अत्यधिक धारा के कारण खराब होने से बच जाते हैं। फ्यूज शब्द फ्यूजिबल लिंक का लघु रूप है।

घरेलू विद्युत परिपथ में से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

घरेलू विद्युत् परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए: (i) विद्युत् प्रवाह के लिए प्रयुक्त की जाने वाली तारें अच्छे प्रतिरोधन पदार्थों से ढकी होनी चाहिए जैसे पीवीसी (पॉलीविनाइल क्लोराइड)। (ii) विद्युत् परिपथ विभिन्न परिपथों में विभाजित होने चाहिए और प्रत्येक साधित्र का फ्यूज़ होना चाहिए

किसी विद्युत परिपथ की सुरक्षा के लिए क्या लगाया जाए?

कार्यविधि किसी विद्युत परिपथ के घटकों का समुच्चयन करना । परिणाम प्रतिरोधक, ऐमीटर (0-1.5A), वोल्टमीटर (0-5V), बैटरी, एकदिशिक कुंजी, धारा नियंत्रक, रेगमाल, संयोजन तारें ।

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