विश्व के प्रमुख समुद्री पतन कौन है - vishv ke pramukh samudree patan kaun hai

पत्तन समुद्री परिवेश के आवश्यक भाग हैं और ये उन केंद्रों की तरह हैं जो समुद्री-मार्ग को ज़मीन पर व्यापार से जोड़ते हैंI भारत में 12 बड़े पत्तन और 200 छोटे पत्तन हैंI इन प पत्तनो से भारत का 95% अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है और इस प्रकार हमारे देश की अर्थव्यवस्था में इन पत्तनो का महत्वपूर्ण योगदान है I

व्यापारिक बेड़ो के पोत समुद्री व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैंI भारत का समुद्री व्यापार भारतीय ध्वज वाहक पोतों के साथ-साथ विदेशी ध्वज वाहक पोतों द्वारा भी किया जाता हैI भारतीय पोत परिवहन उद्योग पिछ्ले कई वर्षों से लगातार प्रगति कर रहा है और समुद्री उद्योग में बड़ी संख्या में भारतीय नियोजित हैं जिनमें व्यापारिक पोतों पर तैनात क्रू सदस्य भी शामिल हैंI विश्व के व्यापारिक नाविकों की संख्या का लगभग 7% भारतीय हैंI अतः आज हम यह कह सकते हैं कि समुद्र में नौचालन कर रहे लगभग प्रत्येक व्यापारिक पोत पर एक भारतीय नाविक तैनात हैI भारतीय व्यापारिक पोतों की सुरक्षा के साथ-साथ हिंद महासागरीय क्षेत्र के भीतर व्यापार मार्गों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी भारतीय नौसेना की है I

सामान और कच्चे पदार्थों को ढोने के लिए विभिन्न प्रकार के पोत हैंI तेल ढोने वाले पोत को टैंकर कहा जाता हैI भोजन, एलेकट्रॉनिक्स, औजार इत्यादि तैयार उत्पादों को ढोने के लिए बहुत बड़े कंटेनर की आवश्यकता होती है और इन्हें कंटेनर पोतों में ढोया जाता हैI न्हावा भेवा के नाम से प्रसिद्द जवाहर लाल नेहरू पत्तन मुंबई के नज़दीक स्थित है और यह भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोत है भारत के प्रमुख पत्तन निम्नलिखित हैं:-

  • कौडला
  • मुंबई
  • जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जे एन पी टी)
  • मरमोगाओ
  • न्यू मंगलोर
  • कोच्चि
  • कोलकाता-हल्दिया
  • पारादीप
  • विशाखापट्नम्
  • एन्नोर
  • चेन्नई
  • तूतीकोटिन

संचार सेवाएँ

भारत में टेलिविजन, रेडियो, प्रेस, फिल्मों, टेलिफोन, आदि द्वारा निजी दूरसंचार और जनसंचार की सुविधा उपलब्ध है।

भारतीय डाक: भारतीय डाक सेवा का नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा नेटवर्क है। डाक से पार्सल और चिट्ठियाँ भेज सकते हैं। कार्ड और लिफाफों को फर्स्ट क्लास मेल माना जाता है। बुक पैकेट, अखबार और पत्रिकाओं को सेकंड क्लास मेल का दर्जा दिया जाता है। फर्स्ट क्लास के मेल को हवाई जहाज द्वारा भेजा जाता है जबकि सेकंड क्लास के मेल को भू परिवहन और जल परिवहन द्वारा भेजा जाता है। हाल ही में बड़े शहरों और महानगरों में तेजी से डाक पहुँचाने के लिए छ: चैनलों की शुरुआत की गई है। इन चैनलों के नाम हैं; राजधानी चैनल, मेट्रो चैनल, ग्रीन चैनल, बिजनेस चैनल, बल्क मेल चैनल और पीरियोडिकल चैनल।

टेलिफोन: भारत का टेलिफोन नेटवर्क एशिया के बड़े नेटवर्कों में से एक है। सूचना प्रसारण को हर स्तर तक अच्छा बनाने के उद्देश्य से सरकार ने देश के हर गाँव में 24 घंटे एसटीडी सुविधा देने का प्रावधान किया है। पूरे भारत में एसटीडी (सब्सक्राइबर ट्रंक डायल) की कॉल की दरें एक समान हैं। स्पेस टेक्नॉलोजी और कम्युनिकेशन टेक्नॉलोजी में परस्पर तालमेल के कारण यह संभव हो पाया है।

मोबाइल टेलिफोन: भारत का मोबाइल नेटवर्क दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। मोबाइल फोन ने व्यवसाय करने के तरीके बदल दिये हैं। छोटा कारोबारी भी मोबाइल फोन से जुड़े होने के कारण आज बेहतर व्यवसाय कर पा रहा है।

जनसंचार: जनसंचार से लोगों का मनोरंजन होता है और उन्हें सरकार की योजनाओं और क्रियाकलापों के बारे में जानकारी मिलती है। रेडियो, टेलिविजन, अखबार, पत्रिका, किताब और फिल्म जनसंचार के मुख्य साधन हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन भारत सरकार के उपक्रम हैं। इनके माध्यम से दूर दराज के इलाकों तक मनोरंजन, शिक्षा, खेलकूद, आदि से संबंधित कई प्रकार के कार्यक्रम पहुँचते हैं। आज भारत में कई प्राइवेट टेलिविजन चैनल और रेडियो चैनल भी हैं।

समाचारपत्र: भारत में लगभग 100 भाषाओं और बोलियों में अखबार निकलते हैं। हिंदी भाषा के अखबारों की संख्या सबसे अधिक है। उसके बाद अंग्रेजी और उर्दू अखबारों का नम्बर आता है।

फिल्म: भारत में आज पूरी दुनिया में सबसे अधिक फिल्में बनती हैं। यहाँ फीचर फिल्म, लघु फिल्म और वृत्त चित्र बनते हैं। भारतीय और विदेशी फिल्मों को सर्टिफाई करने का काम सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन करता है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

दो देशों के बीच के व्यापार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के दो घटक होते हैं जो नीचे दिये गये हैं।

  1. निर्यात: जब सामान देश से बाहर व्यापार के लिये जाता है तो इसे निर्यात कहते हैं।
  2. आयात: जब बाहर का सामान देश में व्यापार के लिये आता है तो इसे आयात कहते हैं।
भारत से निर्यात में वृद्धि दिखाने वाले सामानसामाननिर्यात में शेअर
कृषि उत्पाद 2.53%
खनिज 9.12%
जवाहरात 26.75%
रसायन 24.45%
इंजीनियरिंग उत्पाद 35.63%
पेट्रोलियम उत्पाद 86.12%

व्यापार संतुलन: किसी भी देश के निर्यात और आयात में अंतर को व्यापार संतुलन कहते हैं। जब आयात की तुलना में निर्यात अधिक होता है तो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का संतुलन अनुकूल होता है। जब निर्यात की तुलना में आयात अधिक होता है तो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का संतुलन प्रतिकूल होता है।

भारत के मुख्य आयातसामानआयात में शेअर
पेट्रोलियम और उत्पाद 41.87%
मोती और कीमती पत्थर 29.26%
अकार्बनिक रसायन 29.39%
कोयला, कोक और ब्रिकेट 94.17%
मशीन 12.56%

एक समूह के तौर पर भारी वस्तुओं के आयात में वृद्धि हुई है और इसका शेअर कुल आयात का 39.09% है। इस समूह में उर्वरक (67.01%), अनाज (25.23%), खाद्य तेल (7.94%) और न्यूजप्रिंट (5.51%) आते हैं।

पिछले पंद्रह सालों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में जबरदस्त बदलाव आया है। अब वस्तुओं के आदान प्रदान की तुलना में सूचना, ज्ञान और प्रौद्योगिकी का आदान प्रदान अधिक बढ़ गया है। आज भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ्टवेअर महाशक्ति के रूप में जाना जाता है।

पर्यटन: एक व्यापार के रूप में

2003 की तुलना में 2004 में विदेशी पर्यटकों की संख्या में 23.5% की वृद्धि हुई थी। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में 21,828 करोड़ रुपये आये। भारत में हर वर्ष 26 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटन उद्योग में 1.5 करोड़ लोग सीधे तौर पर लगे हुए हैं।

पर्यटन से लाभ:

  • यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देता है।
  • यह स्थानीय हस्तकला और संस्कृति को बढ़ावा देता है।
  • पर्यटन के द्वारा दूसरे देशों के लोग हमारी संस्कृति और विरासत को समझ पाते हैं।

भारत में समुद्री पतन कितने हैं?

भारत का समुद्री क्षेत्र एक महत्वपूर्ण आकार का है जिसमें 13 प्रमुख बंदरगाह (12 सरकारी स्वामित्व वाले और एक निजी) और 205 गैर-प्रमुख बंदरगाह 7516.6 किमी तक फैले समुद्र तट के साथ मौजूद हैं

भारत का सबसे बड़ा समुद्री पतन कौन सा है?

Explanation: आंध्र प्रदेश राज्य के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित विशाखापत्तनम पोर्ट भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है और देश का सबसे पुराना भी शिपयार्ड है।

समुद्री पतन क्या होता है?

समुद्र अथवा नदी के किनारे स्थित वह नगर जिसमें एक पोताश्रय होता है और जहां पर जहाजों से माल उतारने तथा चढ़ाने की सुविधा उपलब्ध होती है। इसकी सबसे साधारण किस्म मछली पकड़ने वाला बंदरगाह है परंतु बड़े-बड़े महासागरों में आने-जाने वाले पोतों द्वारा प्रयुक्त होने वाले पत्तनों को प्रायः समुद्री पत्तन कहते हैं।

भारत के प्रमुख समुद्री पतन कौन कौन से हैं?

Sea Ports of India – भारत के 12 प्रमुख समुद्री बंदरगाह.
कंडला बंदरगाह, गुजरात ... .
नवावा शेवा बंदरगाह, महाराष्ट्र ... .
मुंबई बंदरगाह, महाराष्ट्र ... .
मर्मागाओ बंदरगाह, गोवा ... .
पनमबूर बंदरगाह, कर्नाटक ... .
कोचीन बंदरगाह, केरला ... .
टूटीकोरिन बंदरगाह, तमिल नाडु ... .
मद्रास बंदरगाह, तमिल नाडु.

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