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बसंत आने के बाद पेड़ों में जो परिवर्तन होता है वह परिवर्तन यह है कि सूखे तालाबों में पानी डालने के बाद जैसे उसने मछलियां मेंढक आ जाते हैं वैसे ही बसंत में पेड़ों को बाहर आ जाती हैं और हरी पत्तियां फलो फूलो लग जाते हैं
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विषयसूची
- 1 वसंत आने से पेड़ों में क्या परिवर्तन हो जाता है?
- 2 वसंत ऋतु में क्या होता है in Hindi?
- 3 वसंत ऋतु में कौन कौन से त्योहार आते हैं उनकी सूची बनाइए आप उन पर्वो को किस प्रकार मनाते हैं?
- 4 वसंत के आगमन से वृक्षों की क्या बढ़ जाती है?
- 5 वसंत ऋतु किसका प्रतीक है?
- 6 वसंत या बसंत क्या सही है?
- 7 बसंत ऋतु आने पर मधु क्या करते हैं?
- 8 वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है आपस में चर्चा कीजिए?
- 9 किस ऋतु में क्या खाएं?
वसंत आने से पेड़ों में क्या परिवर्तन हो जाता है?
इसे सुनेंरोकेंइस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं I अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसे ऋतुराज कहा गया है।
वसंत ऋतु में क्या होता है in Hindi?
इसे सुनेंरोकेंवसन्त ऋतु वर्ष की एक ऋतु है जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः सुखद रहता है। भारत में यह फरवरी से मार्च तक होती है। अन्य देशों में यह अलग समयों पर हो सकती है। इस ऋतु की विशेष्ता है मौसम का गरम होना, फूलो का खिलना, पौधो का हरा भरा होना और बर्फ का पिघलना।
वसंत ऋतु में कौन कौन से त्योहार आते हैं उनकी सूची बनाइए आप उन पर्वो को किस प्रकार मनाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवसंत ऋतु मे ओनम, पोंगल, मकर सक्रांति आदि त्योहार आते हैं । जैसे कि अगर हम देखें तो सक्रांति पर पतंगे उड़ाई जाती हैं। तिल के लड्डू बना कर ”सोलह सिंगार सुहागन” का पूड़ा बनाकर 14 औरतौ को बांटा जाता है। यह त्योहार भारत देश का प्रमुख त्योहार है।
वसंत आने पर भँवरे और कोयल क्या करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंबंसत की रुत आते ही भंवरे अपने ठिकानों से बाहर निकलकर ताज़ा खिलने वाले फूलों पर मंडराने लगते हैं. रंग-बिरंगी तितलियां भी खाने और साथी की तलाश में यहां-वहां फिरती दिखाई देती हैं. ये नज़ारे रोज़-रोज़ तो दिखाई नहीं देते. बसंत में पहले भंवरे की गुंजन सुनना बेहद सुखद एहसास है.
ध्वनि कविता के आधार पर लिखिए कि वसंत ऋतु में पेड़ पौधों पर क्या क्या परिवर्तन आ जाता है?
इसे सुनेंरोकेंवसंत ऋतु के आने से पेड़-पौधों पर हरे-हरे पत्ते निकलने लगे हैं। पेड़-पौधों के हरे-भरे हो जाने से इन पर कोमल-कोमल कलियां दिखाई देने लगी हैं, जो पेड़-पौधे सोए हुए से लगते थे या आलस्य से भरे हुए लगते थे, अब प्रकृति स्वयं वसंत के आने पर किसी सपने की भांति अपने हाथों से सोई हुई कलियों को स्पर्श करेंगी।
वसंत के आगमन से वृक्षों की क्या बढ़ जाती है?
इसे सुनेंरोकेंपेडो पर नये पत्ते उग्ते है। इस रितु मैं कइ लोग उद्यनो तालाबो आदि मैं घुम्ने जाते है। वसंत ऋतु में वसंत पंचमी, शिवरात्रि तथा होली नामक पर्व मनाए जाते हैं। भारतीय संगीत साहित्य और कला में इसे महत्वपूर्ण स्थान है।
वसंत ऋतु किसका प्रतीक है?
इसे सुनेंरोकेंपौराणिक कथाओं के अनुसार वसंत को कामदेव का पुत्र कहा गया है। कवि देव ने वसंत ऋतु का वर्णन करते हुए कहा है कि रूप व सौंदर्य के देवता कामदेव के घर पुत्रोत्पत्ति का समाचार पाते ही प्रकृति झूम उठती है, पेड़ उसके लिए नव पल्लव का पालना डालते है, फूल वस्त्र पहनाते हैं पवन झुलाती है और कोयल उसे गीत सुनाकर बहलाती है।
वसंत या बसंत क्या सही है?
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अन्य जानकारी | इस ऋतु में आकाश स्वच्छ रहता है, वायु सुहावनी लगती है, अग्नि (सूर्य) रुचिकर होती है तो जल पीयूष के समान सुखदाता और धरती उसका तो कहना ही क्या वह तो मानों साकार सौंदर्य का दर्शन कराने वाली प्रतीत होती है। |
बसंत ऋतु में कौन सा त्योहार आता है * 1 Point?
इसे सुनेंरोकेंवसंत पंचमी सरस्वती पूजा, महाशिवरात्रि व होली जैसे प्रमुख त्योहारों का आगमन इसी ऋतु में होता है।
वर्षा ऋतु में कौन कौन से त्योहार आते हैं?
इसे सुनेंरोकेंनवरात्रि :- यह हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। दशहरा / विजयदशमी :- यह नवरात्रि का अंतिम दिवस होता है। महर्षि वाल्मीकि जयंती :- यह भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है। नर्क चतुर्दशी :- यह मुख्यतः कर्नाटक में मनाया जाता है।
बसंत ऋतु आने पर मधु क्या करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: बसंत ऋतु आने पर मधुप गुन – गुन करते इधर से उधर फुलों का रस पीते हैं।
वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है आपस में चर्चा कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंस्वास्थ्य, सौंदर्य और स्फुर्ति का वातावरण होता है। पक्षियों का कलरव चारों ओर सुनाई देता हे। बच्चे, बूढ़े सभी के चेहरों पर नया नूर झलकता है। प्रकृति के इसी परिवर्तन के कारण वसंत को ‘ऋतुराज’ या ‘ऋतुओं की रानी’ कहा जाता है।
किस ऋतु में क्या खाएं?
इसे सुनेंरोकेंपुराने जौ, गेंहू, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि धानों का आहार श्रेष्ठ है। मूंग, मसूर, अरहर एवं चने की दालें तथा मूली, घीय, गाजर, बथुआ, चौलाई, परवल, सरसों, मेथी, पालक, धनिया, अदरक आदि का सेवन हितकारी है। वमन, जलनेति, नस्य एवं कुंजल आदि हितकर है। परिश्रम, व्यायाम, उबटन और आंखों में अंजन का प्रयोग हितकर है।
बसंत ऋतु में कौन से फल और सब्जियां उगाई जाती है?
इसे सुनेंरोकेंवसंत ऋतु में सूरज की रोशनी पपीता, सरसों, बेर, अमरूद और कद्दू जैसी पीली चीजों पर पड़ने से इनके पोषक तत्वों में इजाफा हो जाता है। वैसे क्रोमोथैरेपी में पीले रंग को आशावादी माना गया है। आइए जानते हैं पीले रंगों से युक्त फल और सब्जियों की उपयोगिता के बारे में। इसे खाने से पेट की सफाई होती है।