(A) Canidae (कैनीडे)
(B) Cervus Elaphus (सर्वस एलाफस)
(C) Tamarindus Indica (तामारीन्दुस इंडिका)
(D) Coriandrum Sativum (कोरंडम सटाइवम)
Correct Answer : Coriandrum Sativum (कोरंडम सटाइवम)
Explanation : धनिया (Dhaniya) का वैज्ञानिक नाम कोरंडम सटाइवम होता है। धानिया को अंग्रेजी में Coriander कहते है। धानिया का रंग हरी पत्ती का होता है, जो घर में रसोई के खाने में प्रयोग किया जाता है। इसकी खेती होती है। इसके बीज को सुखाकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है। देशी धनिया में स्वाद और खुशबू ज्यादा होती है ये बाजारों में दिसम्बर से फरवरी तक ही खाने के लिए उपलब्ध होती है। लेकिन धानिया अब उत्तर प्रदेश में बहुत ऐसे शहर है जो हर महीने में धानिया को तैयार करते है।औऱ भी ऐसे सवाल जो अधिकतर परीक्षा में पूछ जाते है, जैसे कि रासायनिक सूत्र, पीएच मान, सामान्य ज्ञान व सामान्य विज्ञान से संबंध तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें वैज्ञानिको के नाम>>
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(coriander in hindi) धनिया : वानस्पतिक नाम : Coriandrum sativum कुल : Apiaceae या Umpelliferal उपयोगी भाग : Cremocarp फल
उत्पत्ति तथा उत्पादक देश
- प्राचीन स्रोतों के अनुसार धनिया की उत्पत्ति भू-मध्य सागरीय क्षेत्र में हुई है।
- धनिया मुख्यतः क्रस , भारत , मोरक्को , कोलेंड , रोमानिया तथा अमेरिका में बोया जाता है। वही भारत में राजस्थान , मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र , तमिलनाडु , कर्नाटक तथा बिहार में बोया जाता है।
- राजस्थान में इसे प्रमुखत: बारां , कोटा तथा झालावाड में बोया जाता है तथा इन क्षेत्रो में इसे सर्वाधिक रूप से इसे उपयोग किया जाता है।
पादप की आकारिकी
- धनिये का पादप एक वर्षीय , तीव्र गंध वाला शाखीय पादप होता है।
- इसके तने की लम्बाई मुख्यतः 02 से 03 फीट पायी जाती है तथा इस पादप का तना सीधा , दुर्बल तथा खोखला होता है , इसके अतिरिक्त पादप शाखित प्रकृति का पाया जाता है।
- इस पादप की पत्तियां द्विसंयुक्त या बहुपिच्छाकर होती है।
- इस पादप में पुष्पक्रम सामान्यत: संयुक्त छत्रक प्रकार का पाया जाता है तथा पुष्पक्रम में छोटे सफ़ेद रंग के पुष्प पाए जाते है।
- फल त्रिमुखारक प्रकार का होता है तथा फल का सामान्य आकार डोलक के आकार जैसा होता है तथा फल को दो भागो में विभाजित किया जा सकता है व प्रत्येक भाग पेरिकार्म के नाम से जाना जाता है।
- प्रत्येक फल की सतह पर 10 समान्त तथा 10 उधर्व स्थिति में धारियां पायी जाती है।
- धनिये का फल दीर्घाकार होता है।
- धनिये के फल में 1% सगंध तेल पाया जाता है जिसे coriandrol के नाम से जाना जाता है , इसके अतिरिक्त इस फल में गहरा भूरा स्थिर तेल पाया जाता है जो 11 से 21% होता है।
- धनिये की खेती प्रमुखत: शीत ऋतू में की जाती है।
धनिये का आर्थिक महत्व
- परिपक्व फल को चूर्ण के रूप में परिवर्तित करके मसालों के रूप में सब्जियों में चाट में तथा कड़ी के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
- विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थ जैसे – Zin तथा विभिन्न तम्बाकू के उत्पाद व अन्य खाद्य सामग्रियों को सुरक्षित करने हेतु धनिये का उपयोग किया जाता है।
- धनिये के फलों को वातहर , उद्दीपक , ह्रदय बल तथा आमाशय से सम्बन्धित विकारों को दूर करने हेतु उपयोग किया जाता है।
- पकाई गयी सब्जियों को सगंधित करने हेतु तथा चटनियो के निर्माण हेतु पादप की ताजा पत्तियों का उपयोग किया जाता है।
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धनिया (अंग्रेज़ी: Coriander) या कोथमीर भारतीय रसोई में प्रयोग की जाने वाली एक सुंगंधित हरी पत्ती है। मारवाडी भाषा में इसे धोणा कहा जाता है। सामान्यतः इसके पत्तो का उपयोग सब्ज़ी की सजावट और ताज़े मसाले के रूप में किया जाता है। इसके बीज को सुखाकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है। धनिया 2 तरह की होती हैं देशी धनिया इसमें स्वाद और खुशबू ज्यादा होती है ये बाजारों में दिसम्बर से फरवरी तक ही खाने के लिए उपलब्ध होती है हायब्रीड धनि ये बाजारों में ज्यादा देखने को मिलती है लेकिन स्वाद ओर खुशबू में ज्यादा अच्छी नहीं होती।
धनिया के कच्चे पत्तों में विटामिन A, C और K के गुण मौजूद है और इसके बीज में - फाइबर, कैल्शियम, कॉपर, आयरन
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- सेहत के लिए हरा धनिया![मृत कड़ियाँ] (वेबदुनिया)
- हसीब उल नवाज़ द्वारा परामर्श: धनियाबीज (धनदाल) संपूर्ण पाचन तन्त्र को मज़बूत करता है। धनिया बीज को रोज़ दो - तीन बार सौंफ़ की तरह चबाकर खाएं। सौंफ के साथ भी खा सकते हैं। अगले दिन से आपका चेहरा ताज़ा दिखेगा। जिन्हें शुगर है वह भी खा सकते हैं। धनिया बीज से शुगर, कन्ट्रोल में रहती है। धनिया बीज के सेवन से पेन्क्रियाज़ मज़बूत होती है। और उदर वायु (गैस) की समस्या से निजात मिलती है।