धनतेरस की पूजा में क्या क्या सामान लगता है? - dhanateras kee pooja mein kya kya saamaan lagata hai?

Authored by Parag sharma | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: May 5, 2022, 8:00 PM

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस बार धनतेरस 25 अक्टूबर यानी आज है। धनतेरस के दिन से दीपावली का त्योहार शुरू हो जाता है, जो भाई दूज तक रहता है। घर में हमेशा सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे इसके लिए हम धनतेरस के दिन खरीददारी और पूजा का महत्व बताया गया। शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के दिन आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए पूजा में कुछ चीजें होती हैं। पूजा में इनका प्रयोग करने से कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है। हम आपको पांच-पांच में रुपए में कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे आप माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर को प्रसन्न कर सकते हैं। आइए जानते हैं शास्त्रों में किन चीजों को पूजा में शामिल करने के लिए बताया गया है...

  • उल्लू की तस्वीर

  • देवी-देवताओं का माना जाता है वास

    धनतेरस पर पूजा की सामग्री के लिए तांबूल यानी पान का इस्तेमाल करना चाहिए, ऐसा शास्त्रों में बताया गया है। पान के पत्ते में देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इसलिए धनतेरस और दीपावली की पूजा में इसका इस्तेमाल शुभ माना गया है। क्योंकि पान के पत्तों से ही किसी भी पूजन का संकल्प किया जाता है।

  • नहीं रहता अकाल मृत्यु का भय

    दीपावली का आरंभ धनतेरस के दिन से माना जाता है और इसी दिन से दीपदान किया जाता है। इस दिन 5 रुपए के दीप खरीद कर लाएं और घर से बाहर दीप मालिका जलाएं। इससे यमदेव प्रसन्न होते हैं, जिससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।

    धनतेरस के दिन करें ये 5 काम मिलेगा धन और उम्र का लाभ

  • तिजोरी में रखना माना जाता है शुभ

    धनतेरस की पूजा में सुपारी का भी इस्तेमाल किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सुपारी को ब्रह्मदेव, वरूण देव, यमदेव और इंद्रदेव का प्रतीक माना जाता है। पूजा के बाद सुपारी को तिजोरी या अलमारी में रखना शुभ माना गया है। इससे आपके जीवन में कभी समृद्धि और धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

    धन प्राप्ति के लिए धनतरेस पर चुपचाप करें ये टोटके, फिर देखें नजारा

  • होती हैं आर्थिक समस्या दूर

  • माता लक्ष्मी का यह है प्रिय भोग

    सनातन धर्म में होने वाले सभी शुभ कार्यों में बताशा का प्रयोग किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, बताश माता लक्ष्मी का सबसे प्रिय भोग है। मां की हर पूजा में बताशे का प्रयोग किया जाता है। धनतेरस और दिवाली की पूजा में सच्चे मन से महालक्ष्मी को बताशे का भोग लगाएं। बताशे का संबंध भी चंद्रमा से है, इसलिए धनतेरस पर बताशा माता लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है।

    ऐसे आयुर्वेद के देवता बने भगवान धनवंतरी, धनतेरस पर यह खरीदना शुभ

  • घर से नकारात्मक ऊर्जा होती है बाहर

    धनतेरस के दिन कपूर से माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, कूपर से मन शांत होता है पूजा स्थल प्रवित्र हो जाता है। कपूर जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है। जिससे माता लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं। साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

    केवल बर्तन खरीदने का त्योहार नहीं धनतेरस, असली मतलब जानिए

  • धन वैभव की होती है प्राप्ति

    लक्ष्मी पूजन के लिए खील का प्रयोग करना चाहिए, इसलिए धनतेरस के दिन पांच रूपए के खील खरीद लें। इसके बाद दीपावली के दिन खील से माता लक्ष्मी की पूजा करें और इसे अगले दिन मछलियों को खिला दें या पोटली बनाकर भंडार घर (स्टोर रूम) में रख दें। इससे सुख-शांति व समृद्धि बनी रहेगी।

धनतेरस की पूजा में क्या क्या लगता है?

दीपावली का आरंभ धनतेरस के दिन से माना जाता है और इसी दिन से दीपदान किया जाता है। इस दिन 5 रुपए के दीप खरीद कर लाएं और घर से बाहर दीप मालिका जलाएं।

धनतेरस की पूजा घर पर कैसे करें?

अर्थात 16 क्रियाओं से पूजा करें। पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नेवैद्य, आचमन, ताम्बुल, स्तवपाठ, तर्पण और नमस्कार। पूजन के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा भी चढ़ाना चाहिए। - इसके बाद धन्वं‍तरि देव के सामने धूप, दीप जलाएं।

धनतेरस के दिन कौन सा सामान लेना चाहिए?

-धनतेरस के द‍िन धन‍िया, दीपक, पद्च‍िह्न और कुमकुम की ही तरह बताशा खरीदना भी अत्‍यंत जरूरी होता है। मान्‍यता है क‍ि यह माता लक्ष्‍मी का प्रिय भोग है। लेक‍िन ध्‍यान रखें क‍ि रंगीन बताशा न लें बल्कि सफेद बताशा ही खरीदें। इसके बाद इसे माता लक्ष्‍मी को अर्पित कर दें।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग