धूम्रपान के बाद फेफड़ों को कैसे साफ करें? - dhoomrapaan ke baad phephadon ko kaise saaph karen?

31 मई को हर साल नो टोबैको डे (World No Tobacco Day) यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसानों के प्रति जागरूक करना है। ये तो सभी जानते हैं कि तंबाकू के सेवन से फेफड़ों में निकोटिन जमा होने लगता है और धीरे-धीरे शरीर में धीमे जहर की तरह काम करता है। इससे फेफड़े तो खराब होते ही हैं, साथ ही यह सांस और गले से जुड़ी कई बीमारियों की वजह भी बनता है।

देखा जाए, तो धूम्रपान की आदत छोड़ना बेहद मुश्किल है। लेकिन अगर आपने धूम्रपान छोड़ने की ठान ही ली है, तो सबसे पहले जरूरी है कि फेफड़ों में जमा निकोटिन को खत्म किया जाए। आज नो टोबैको डे पर हम आपको कुछ आसान से तरीके बता रहे हैं, जो स्मोकिंग की लत तो छुड़वाएंगे ही साथ ही फेफड़ों को पहले की तरह साफ करने में भी आपकी मदद करेंगे।
(फोटो साभार: Pixabay)

​स्मोकिंग फेफड़ों को कैसे प्रभावित करती है

सबसे पहले बात करते हैं कि फेफड़े काम कैसे करते हैं। जब आप सांस लेते हैं , तो वायु आपके वायुमार्ग में जाती है, जो दो वायुमार्ग में विभाजित हो जाती है, जिन्हें ब्रांकाई कहा जाता है। ये ब्रांकाई छोटे वायुमार्ग में बंट जाते हैं, जिन्हें ब्रांकिओल्स कहते हैं। ये आपके फेफड़ों में सबसे छोटे वायुमार्ग होते हैं।

उनमें से हर ब्रांकिओल्स के आखिरी में एल्वियोली नाम की छोटी वायु थैली होती है। अब जब आप धूम्रपान करते हैं, तो लगभग 600 यौगिकों को अपने भीतर लेते हैं। इन यौगिकों को कई हजार केमिकल्स में ब्रेक किया जा सकता है, जिनमें से कई तो कैंसर को जन्म देने के लिए जिम्मेदार हैं।

Corona Virus को हरा सकते हैं शाकाहारी और सिगरेट पीने वाले लोग, स्‍टडी में हुआ ये खुलासा

सिगरेट का धुआं आपके शरीर के हर हिस्से को प्रभावित कर सकता है। जानिए कैसे-

  1. दिल- स्मोकिंग करने से ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे शरीर के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन का संचार धीमा हो जाता है। ऐसे में दिल को ठीक से काम करने में मुश्किल होती है।
  2. दिमाग- शरीर में निकोटिन की मौजूदगी आपको थका हुआ महसूस कराती है। जिससे आपका ध्यान भटक सकता है।
  3. श्वसन प्रणाली-धूम्रपान की लत आपके फेफड़ों में सूजन का कारण बन सकती है। जिससे आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  4. प्रजनन प्रणाली- समय के साथ धूम्रपान बांझपन और यौन इच्छा में कमी का कारण बन सकता है।

स्‍मोकिंग छोड़कर तो देखिए जनाब, 15 साल में वो होगा कि सिगरेट का नाम भूल जाएंगे

​फेफड़ों से निकोटिन को साफ करने के आसान तरीके-

एक्सरसाइज करें-
धीरे -धीरे स्मोकिंग से क्विट करने वाले लोगों को एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। इससे श्वास प्रणाली मजबूत होती है और फेफड़ों में जमा निकोटिन कम होने लगता है।

​डेयरी प्रोडक्ट्स से करें परहेज

सालों से स्मोकिंग करते हुए फेफड़ों में निकोटिन के जमा होने की बीमारी हो गई है, तो पहली ही फुर्सत में दूध से बने उत्पादों से दूरी बना लें। बहुत जल्दी फेफड़ों में जमा निकोटिन से छुटकारा पा सकते हैं।

​गरम तरल पदार्थ पीएं

अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन ( American Lung Association) के अनुसार, फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए हाइड्रेट रहना जरूरी है। ऐसे में हर दिन 8-10 गिलास पानी पीने से फेफड़ों में जमा बलगम को पतला कर सकते हैं। चाय या सिर्फ गर्म पानी पीने से वायुमार्ग साफ हो जाता है।

​एंटी इंफ्लेमेट्री खाद्य पदार्थ का सेवन करें

धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों में सूजन होती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। पबमेड (pubmed.ncbi) में छपी एक स्टडी में ये साबित हुआ है कि एंटीइंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे ब्लूबेरी, चैरी, पालक, बादाम और ऑलिव खाने से शरीर में सूजन कम हो जाती है। इसके अलावा एंटीइंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर ग्रीन टी पीना भी फेफड़ों से निकोटिन को खत्म करने में फायदेमंद साबित होगा।

धूम्रपान छोड़ने का फैसला आपके द्वारा किए जाने वाले महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है। लंग्स से निकोटिन को निकालने के लिए यहां बताए गए तरीके यकीनन आपके लिए मददगार साबित होंगे।

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

धूम्रपान छोड़ते ही फेफड़े अपने आप ठीक हो जाते हैं?

  • जेम्स गैलेगर
  • स्वास्थ्य एवं विज्ञान संवाददाता

4 फ़रवरी 2020

इमेज स्रोत, Getty Images

वैज्ञानिकों का कहना है कि आपके फेफड़ों में लगभग 'जादुई' क्षमता है जो धूम्रपान से हुए कुछ नुक़सान को ख़ुद-ब-ख़ुद ठीक कर देते हैं.

फेफड़ों के कैंसर को जन्म देने वाले म्यूटेशंस को स्थाई माना जाता है और धूम्रपान छोड़ने के बाद भी समझा जाता है कि यह वहीं रहता है.

लेकिन नेचर में छपे शोध के अनुसार, कुछ सेल्स फेफड़ों को हुए नुक़सान को ठीक कर देते हैं.

इन प्रभावों को उन मरीज़ों में भी देखा गया है जो धूम्रपान छोड़ने से पहले 40 सालों तक रोज़ाना एक पैकेट सिगरेट पिया करते थे.

धूम्रपान करते समय तंबाकू में ऐसे हज़ारों रासायन होते हैं जो फेफड़ों के सेल के डीएनए को तबदील करते हैं और उसे धीरे-धीरे स्वस्थ से कैंसर बनाते हैं.

इस शोध में यह भी पता चला है कि कैंसर होने पर भी धूम्रपान करने वाले के फेफड़ों में यह बड़े स्तर पर होता है.

धूम्रपान करने वाले शख़्स के फेफड़ों से एयरवेज़ से ऐसे सेल्स लिए गए जो तंबाकू से परिवर्तित हुए थे, इनमें 10,000 आनुवंशिक तब्दीलियां थीं.

यूसीएल की शोधकर्ता डॉक्टर केट गोवर्स कहती हैं, "इनको एक छोटा बम समझा जा सकता है जो अगले क़दम का इंतज़ार कर रही हैं जो कैंसर में बदल सकते हैं."

लेकिन सेल्स का एक छोटा हिस्सा तब्दील नहीं होता है.

धूम्रपान से होने वाला आनुवंशिक बदलाव क्यों होता है यह अभी साफ़ नहीं लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि 'वो परमाणु बंकर' जैसे लगते हैं.

  • कोरोना वायरसः इंफ़ेक्शन से बचने के लिए क्या करें, क्या न करें
  • कोरोना वायरस से लड़ने के लिए छह दिन में बनेगा अस्पताल !

हालाँकि जब कोई धूम्रपान छोड़ता है तब यह सेल्स बढ़ते हैं और फेफड़ों के नुक़सान पहुंचा चुके सेल्स को हटा देते हैं.

जो लोग धूम्रपान छोड़ चुके हैं उनके 40 फ़ीसदी सेल्स उन लोगों की तरह होते हैं जिन्होंने आज तक धूम्रपान नहीं किया है.

सैंगर इंस्टिट्यूट के डॉक्टर पीटर कैम्पबेल कहते हैं, "इस अनुसंधान के लिए हम पूरी तरह तैयार नहीं थे."

वो कहते हैं, "ऐसे सेल्स की संख्या है जो जादुई रूप से वायुमार्ग की परत को फिर से भर देती हैं."

"40 सालों तक धूम्रपान के बाद जिस मरीज़ ने यह छोड़ा उसमें बड़े बदलाव देखने को मिले. उनके वो सेल्स फिर से जीवित हुए जो तंबाकू के संपर्क में नहीं आए थे."

धूम्रपान छोड़ने में प्रेरणा

शोधकर्ताओं का अभी भी यह जाँचना बाकी है कि फेफड़े कितने ठीक होते हैं. इस शोध में फेफड़ों के बड़े एयरवेज़ पर ध्यान केंद्रित किया गया है जबकि एलवेओली जैसे एयरवेज़ को शामिल नहीं किया गया है.

ब्रिटेन में हर साल फेफड़ों के कैंसर के 47 हज़ार मामले सामने आते हैं. इसमें से तक़रीबन तीन चौथाई मामले धूम्रपान के कारण होते हैं.

शोध बताता है कि फेफड़ों का कैंसर का ख़तरा उसी दिन से कम होने लगता है जिस दिन से आप धूम्रपान छोड़ते हैं.

कैंसर रिसर्च यूके की डॉक्टर रेचेल ऑरिट कहती हैं, "यह वाक़ई में प्रेरणादायक विचार है कि धूम्रपान छोड़कर लोग दो प्रकार के लाभ दे सकते हैं. वो तंबाकू से नुक़सान पहुंचने वाले फेफड़ों के सेल बचा सकते हैं और अपने फेफड़े देकर नुक़सान को कम करते हुए स्वास्थ्यवर्धक सेल्स दे सकते हैं."

फेफड़ों से धुआं कैसे साफ करें?

​गरम तरल पदार्थ पीएं अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन ( American Lung Association) के अनुसार, फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए हाइड्रेट रहना जरूरी है। ऐसे में हर दिन 8-10 गिलास पानी पीने से फेफड़ों में जमा बलगम को पतला कर सकते हैं। चाय या सिर्फ गर्म पानी पीने से वायुमार्ग साफ हो जाता है।

धूम्रपान छोड़ने के बाद फेफड़े कितने दिन में ठीक हो जाते हैं?

शोध बताता है कि फेफड़ों का कैंसर का ख़तरा उसी दिन से कम होने लगता है जिस दिन से आप धूम्रपान छोड़ते हैं.

बीड़ी पीने से फेफड़ों में क्या होता है?

मुख्य रूप से धूम्रपान करने की वजह से ही फेफड़ों में कैंसर की शिकायत होती है. धूम्रपान करने वाले और इसके धुएं के संपर्क में आने वाले लोग इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं. हालांकि, उन लोगों को भी फेफड़ों का कैंसर हो सकता है जिन्होंने ना तो कभी बीड़ी या सिगरेट पी है और ना ही वे धुएं के संपर्क में आए हैं.

फेफड़ों में जमा टार कैसे निकाले?

रोजाना भाप लें फेफड़ों से जमा कफ को बाहर निकालने के लिए भाप लेना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. ... .
काली मिर्च फेफड़ों से निकाले बलगम फेफड़ों से बलगम बाहर निकालने के लिए काली मिर्च का इस्तेमाल करें. ... .
गरारे करें फेफड़ों से बलगम बाहर निकालने के लिए गरारे करने से लाभ मिल सकता है. ... .
अदरक है फायदेमंद.

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग