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देर तक सोना, देर से सोना, देर से खाना ऐसे रोगों को बुलाएगा
हेल्थ डेस्क.
तीन प्रश्न
रात खाना कब खाते हैं और कितने बजे सोते हैं?
सुबह कब उठते हैं और पहला निवाला मुंह में कितने बजे डालते हैं?
हफ्ते में कितने दिन व्यायाम करते हैं या वॉकिंग करते हैं?
इन सवालों के उत्तर आपकी सेहत से जुड़े सवालों के जवाब काफी हद तक दे सकते हैं।
क्यों है यह अहम? यह तथ्य समझ लीजिए -
आप जितने बजे खाना खाएंगे, उसके दो - तीन घंटे बाद आपके शरीर में ग्लूकोज़ का स्तर
अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचेगा। उसे नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का स्राव पैनक्रियाज़ द्वारा होगा, जो धीमे-धीमे ग्लूकोज़ के स्तर के कम करेगा। यानी रात 9 बजे खाना खाया, तो 11-12 बजे के बीच ग्लूकोज़ उच्चतम होकर, फिर इंसुलिन से नियंत्रित होते हुए सुबह 3-4 बजे के बीच कम या सामान्य स्तर पर आएगा। इस समय कुछ न खाया और ग्लूकोज़ की भरपाई नहीं की, तो बहुत सारी समस्याएं सिर उठाने लगेंगी।
क्या होगा?
इंसुलिन विरोधी हार्मोन ग्लूकोगॉन हरकत में आ जाता है और लीवर में संचित ग्लायकोजन को तोड़कर फिर
शुगर बनाने लगता है, जो शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है।
हो क्या रहा है?
आजकल खाना 11 के बाद होता है, सोना 12 के बाद। यानी ग्लूकोज़ पीक लेवल पर आता है 3 बजे तक और इंसुलिन के नियंत्रण के बाद कम होते-होते सुबह 8-9 बज जाते हैं। देर से सोए इंसान को भूख लगती रहती है, वह नींद पूरी करने के चक्कर में दस बजे तक सोया रहता है। पैनक्रियाज़ इंसुलिन स्रावित कर-करके, शुगर संतुलित करके थकने लगता है। नतीजतन, ग्लूकोज़ कम हो जाता है।
क्या सही है
- रात का भोजन 8-9 के बीच कर लें। दस-साढ़े दस तक सो जाएं।
- सुबह 5-6 के बीच उठें और एक कप चाय या शहद-नींबू पानी या एक फल खाकर टहलने जाएं।
- 7-8 के बीच नाश्ता करें। सुबह का नाश्ता 20-30% प्रोटीन, 50-60% कार्बोहाइड्रेट और 10-15% फैट का हो। इसमें रेशे व खनिज (फल) ज़रूर शामिल करें।
मधुमेह ही ख़तरा नहीं
सोने-जागने के नियमों में गड़बड़ी से फेफड़ों, पेट, लीवर और आंतों सब पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पैनक्रियाज़ ही नहीं, लीवर, फेफड़े भी सुस्त होने लगते हैं। लिहाज़ा
भूख कम हो जाती है।
- जब ख़ाली पेट एसिड से भरने लगता है और जलन के मारे भूख बहुत कम हो जाती है। इससे सुबह उठते वक़्त सिर में दर्द, भारीपन, पेट में जलन, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन,दिन में उनींदापन, एकाग्रता में कमी, भूख न लगना जैसी तकलीफें अगर आपको भी महसूस होती हों, तो एक बार अपनी सोने-जागने और खाने-पीने की आदतों पर नज़र ज़रूर डाल लें।
- बिगड़ी दिनचर्या के परिणामस्वरूप फैटी लीवर, फैटी पैनक्रियाज़, दिल के रोग, मोटापा, पाचन की शक्ति का कम हो जाना, अवसाद जैसे कई रोग हो सकते हैं। अस्वस्थ महसूस करने से चिड़चिड़ाहट भी होने लगती है। दफ़्तर में काम करने वाले एकाग्रता में कमी की शिक़ायत करते हैं।
- सबसे अहम बात यह है कि यह वे रोग हैं, जिन्हें बड़ी आसानी से दूर रखा जा सकता है, लेकिन दिनचर्या की गड़बड़ी इन्हें सहज ही न्यौता दे बैठती है।
पांच मंत्र
- ठीक समय पर सोना और 7-8 घंटे की नियमित नींद ज़रूर लें।
- 40 मिनट की वॉक या आधे घंटे का व्यायाम (हफ्ते में तीन बार 30-40 मिनट की वॉक भी पर्याप्त है।)
- फास्ट फूड से परहेज़ रखें।
- संतुलित आहार तथा दिन में 3-4 लीटर पानी का सेवन करें।
- आहार में फलों और सलाद का भरपूर समावेश होना चाहिए।
आयुर्वेद में कहा है...
जो खाने के समय का ध्यान रखा जाए, तो मेटाबॉलिज़म दुरुस्त रहता है और जीवनशैली से जुड़े रोग दूर रहते हैं। नियमन शरीर को स्वस्थ रखता है। रात की गहरी नींद भी आवश्यक है। प्रात: ही स्नान कर लें। यह प्रमाणित है कि स्नान करते ही भूख खुलकर लगती है। इस समय संतुलित व पोषणयुक्त आहार लेना दिन की बेहतरीन शुरुआत
होगी।
डॉ. राजेंद्र कुमावत, आयुर्वेदाचार्य
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Oversleeping Side Effects: गर आप नियमित रूप से 8 घंटे से ज्यादा की नींद लेते हैं तो आपको कई नुकसान हो सकते हैं.
Oversleeping Side Effects: अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद लेना काफी जरूरी माना जाता है. रात में 7 से 8 घंटे की नींद देने से सेहत पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है औक आप पूरे दिन फ्रेश फील करते हैं. लेकिन बहुत से लोग 7 या 8 घंटे से ज्यादा की नींद लेते हैं, जो कि काफी हानिकारक साबित हो सकता है. देर तक सोने (Der Tak Sone Ke Nuksan) से आपके शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंच सकते हैं. अगर आप नियमित रूप से 8 घंटे से ज्यादा की नींद लेते हैं तो आपको कई नुकसान हो सकते हैं. आइए जानते हैं इन नुकसानों के बारे में-
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हार्ट प्रॉब्ल्म्स- एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि आठ घंटे से ज्यादा सोने वाले लोगों को कोरोनरी हार्ट डिसीज होने का खतरा दुगुना होता है.
सिर दर्द- देर तक सोने से दिमाग पर इसका उल्टा असर पड़ता है. इससे आपको सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है.
डिप्रेशन- देर तक सोने से आपको डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है. इसके अलावा आपको तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है.
मोटापा- जब आप सोते हैं तो आपकी शारीरिक गतिविधियां बिल्कुल कम हो जाती हैं. जिस वजह से आपकी बॉडी में कैलोरीज बढ़ जाती है जिसकी वजह से आपका मोटापा बढ़ सकता है. इससे आगे चलकर आपको हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की समस्या भी बढॉ सकती है.
मधुमेह – एक शोध में यह बात साबित हुई है कि जो लोग रोजाना आठ घंटे से अधिक नींद लेते हैं उन्हें मधुमेह होने की संभावना उन लोगों की अपेक्षा दुगुनी होती है, जो आठ घंटे से कम नींद लेते हैं.
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